नई दिल्ली : शनिवार, जुलाई 5, 2025/ महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने झारखंड के रांची में सावित्रीबाई फुले राष्ट्रीय महिला एवं बाल विकास संस्थान (एसपीएनआईडब्ल्यूसीडी) – पूर्ववर्ती राष्ट्रीय लोक सहयोग एवं बाल विकास संस्थान – एनआईपीसीसीडी के एक नए क्षेत्रीय केंद्र के उद्घाटन के साथ एक महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त की है।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने शुक्रवार को क्षेत्रीय केंद्र का उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह में भारत सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर, भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री संजय सेठ, हटिया के विधायक नवीन जायसवाल और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
पट्टिका के अनावरण और गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। समारोह के मुख्य आकर्षणों में प्रशिक्षु बालिकाओं के साथ बातचीत, व्यक्तिगत कहानियां साझा करना और व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के सफल उम्मीदवारों को प्लेसमेंट प्रमाणपत्र वितरित करना शामिल था। एनआईपीसीसीडी के सावित्रीबाई फुले संस्थान में विकास, स्थानीय पोषण प्रणालियों के महत्व और मंत्रालय की प्रमुख योजनाओं को प्रदर्शित करने वाली लघु फिल्में दिखाई गईं। संस्थान के नए लोगो का भी अनावरण किया गया, जो इसके नए दृष्टिकोण और पहचान का प्रतीक है।
मुख्य भाषण देते हुए केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने महिला एवं बाल विकास को आगे बढ़ाने में इस क्षेत्रीय केंद्र की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास के क्षेत्र में काम करना केवल प्रशासनिक कर्तव्य नहीं है, बल्कि यह राष्ट्र निर्माण भी है। जब एक महिला सशक्त होती है, तो परिवार सशक्त होता है। जब बच्चे का पालन-पोषण होता है, तो पूरा समाज सुरक्षित होता है। रांची का यह केंद्र हजारों प्रशिक्षक, शोधकर्ता, नीति निर्माता और सामाजिक कार्यकर्ता तैयार करेगा, जो इस संदेश को हर गांव और बस्ती तक पहुंचाएंगे।
उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर ने कहा कि सावित्रीबाई फुले के आदर्शों से प्रेरित यह नया केंद्र न केवल शिक्षा और प्रशिक्षण के केंद्र के रूप में काम करेगा, बल्कि नवाचार, अनुसंधान और नीति-निर्माण का केंद्र भी बनेगा।
रक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री संजय सेठ ने विकास के क्षेत्र में क्षमता निर्माण के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि क्षेत्र के कार्यकर्ता अंतिम दूरी तक वितरण की रीढ़ हैं। इस तरह के क्षेत्रीय केंद्रों के माध्यम से उनके क्षमता निर्माण में निवेश करके, हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि वे बेहतर तौर पर प्रशिक्षित हों, बेहतर जानकारी प्राप्त करें और सक्षमता, करुणा और प्रतिबद्धता के साथ हर महिला और बच्चे की सेवा करने के लिए अधिक सक्षम हों। मजबूत सिस्टम मजबूत लोगों से शुरू होते हैं।
रांची में इस क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना पूर्वी भारत में क्षमता निर्माण को विकेंद्रीकृत करने और अंतिम छोर तक सेवा वितरण को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। केंद्र की रणनीतिक रूप से झारखंड, बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों की विशिष्ट प्रशिक्षण और अनुसंधान संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए परिकल्पना की गई है। यह मुख्य रूप से क्षेत्रीय रूप से तैयार किए गए क्रिया-कलापों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से मंत्रालय की प्रमुख योजनाओं- मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य और मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 के कार्यान्वयन का समर्थन करेगा।
नए केंद्र की एक प्रमुख विशेषता बच्चों के मार्गदर्शन और परामर्श में एक उन्नत डिप्लोमा पाठ्यक्रम की शुरूआत है, साथ ही फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के लिए उन्नत प्रशिक्षण मॉड्यूल भी शामिल हैं। इन पहलों से क्षेत्र में कौशल और रोजगार के अवसरों में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है।
इससे पहले, इस क्षेत्र के राज्य क्षमता निर्माण की जरूरतों के लिए गुवाहाटी और लखनऊ के क्षेत्रीय केंद्रों पर निर्भर थे, जहां अक्सर उन्हें रसद संबंधी बाधाओं का सामना करना पड़ता था। रांची केंद्र के उद्घाटन से इस लंबे समय से चली आ रही कमी को दूर किया जा सकेगा और संस्थागत सहायता को क्षेत्र-स्तरीय हितधारकों के करीब लाया जा सकेगा।
यह विकास केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी के नेतृत्व में किए जा रहे व्यापक परिवर्तन का हिस्सा है, जिसमें राष्ट्रीय जन सहयोग एवं बाल विकास संस्थान (एनआईपीसीसीडी) का नाम बदलकर सावित्रीबाई फुले राष्ट्रीय महिला एवं बाल विकास संस्थान (एसपीएनआईडब्ल्यूसीडी) करना भी शामिल है। नाम बदलने से मिशन-संचालित, समावेशी और महिला-केंद्रित विकास के लिए नई प्रतिबद्धता का पता चलता है, जो भारत के अग्रणी समाज सुधारकों में से एक की विरासत का सम्मान करता है।
नई दिल्ली में मुख्यालय और बेंगलुरु, गुवाहाटी, लखनऊ, इंदौर और मोहाली में क्षेत्रीय केंद्रों के साथ, संस्थान वर्चुअल और इन-पर्सन प्लेटफॉर्म के संयोजन के माध्यम से सालाना 1,000 से अधिक पेशेवरों को प्रशिक्षित करने में सहायक रहा है। रांची केंद्र के जुड़ने से पूर्वी भारत में इस प्रभाव को और बढ़ाने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में यह ऐतिहासिक पहल, संस्थागत ढांचे को मजबूत करने, क्षेत्रीय रूप से प्रासंगिक क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने तथा अधिक समावेशी, सशक्त और स्वस्थ भारत को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है।