प्रयागराज महाकुंभ में 233 वॉटर एटीएम के जरिए 40 लाख से अधिक श्रद्धालुओं को 24 घंटे शुद्द आरओ जल की आपूर्ति

नई दिल्ली : गुरूवार, फरवरी 6, 2025/ प्रयागराज महाकुंभ-2025 में देश-विदेश से आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन द्वारा स्वच्छ और शुद्ध पेयजल की व्यापक व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं को स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के लिए महाकुंभ मेला क्षेत्र में 233 वॉटर एटीएम स्थापित किए गए हैं, जो 24 घंटे बिना किसी बाधा के कार्यरत हैं। इन वॉटर एटीएम के माध्यम से प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु शुद्ध आरओ (रिवर्स ऑस्मोसिस) जल प्राप्त कर रहे हैं। प्रशासन द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, 21 जनवरी 2025 से 1 फरवरी 2025 तक 40.85 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने इन वॉटर एटीएम का लाभ उठाया है।

महाकुंभ में श्रद्दालुओं की सुविधा को प्राथमिकता देते हुए प्रशासन ने वॉटर एटीएम के माध्यम से निःशुल्क पेयजल वितरण की व्यवस्था सुनिश्चित की है। पहले यह सुविधा 1 रुपये प्रति लीटर के शुल्क पर उपलब्ध थी, जिसमें श्रद्धालु या तो सिक्का डालकर या यूपीआई स्कैन के माध्यम से भुगतान कर आरओ जल प्राप्त कर सकते थे। लेकिन अब यह सेवा पूरी तरह निःशुल्क कर दी गई है, जिससे श्रद्धालुओं को स्वच्छ जल प्राप्त करने में किसी भी प्रकार की कठिनाई न हो।

हर वॉटर एटीएम पर एक ऑपरेटर तैनात किया गया है, जो श्रद्धालुओं के अनुरोध पर बटन दबाते ही शुद्ध जल उपलब्ध कराता है। इससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि श्रद्धालुओं को जल प्राप्त करने में कोई समस्या न हो और पेयजल की आपूर्ति निर्बाध रूप से जारी रहे।

महाकुंभ में स्थापित वॉटर एटीएम आधुनिक तकनीक से लैस हैं, जिससे इनकी कार्यप्रणाली पूरी तरह स्वचालित और सुचारू बनी रहती है। इन मशीनों में सेंसर-आधारित निगरानी प्रणाली लगी हुई है, जो किसी भी तकनीकी खामी का तुरंत पता लगाती है। यदि किसी वॉटर एटीएम में कोई तकनीकी समस्या आती है, तो इसे जल निगम के तकनीशियन तुरंत ठीक कर देते हैं, जिससे श्रद्धालुओं को निर्बाध जल आपूर्ति मिलती रहे।

महाकुंभ क्षेत्र में श्रद्धालुओं की विशाल संख्या को देखते हुए प्रत्येक वॉटर एटीएम से प्रतिदिन 12 से 15 हजार लीटर आरओ जल की आपूर्ति की जा रही है। सभी वॉटर एटीएम में सिम-आधारित तकनीक लगी हुई है, जिससे ये प्रशासन के केंद्रीय नेटवर्क से जुड़े रहते हैं।

इस तकनीक के माध्यम से कुल जल खपत, जल स्तर प्रबंधन, जल की गुणवत्ता और वितरण की मात्रा पर निरंतर निगरानी रखी जाती है। हर बार जब कोई श्रद्धालु वॉटर एटीएम का उपयोग करता है, तो एक लीटर शुद्ध जल निकलता है, जिसे वह मशीन में लगी टोंटी के नीचे रखी बोतल में भर सकता है।

पिछले महाकुंभ आयोजनों में देखा गया था कि संगम और अन्य घाटों के आसपास प्लास्टिक की बोतलों और अन्य कचरे की समस्या गंभीर रूप से बढ़ जाती थी। इस बार प्रशासन ने न केवल स्वच्छ जल आपूर्ति की व्यवस्था की है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण पर भी विशेष ध्यान दिया है।

महाकुंभ प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए यह सुनिश्चित किया है कि वॉटर एटीएम पूरे महाकुंभ आयोजन के दौरान बिना किसी बाधा के कार्य करते रहें। किसी भी प्रकार की समस्या से निपटने के लिए विशेष तकनीकी टीमें गठित की गई हैं, जो नियमित रूप से वॉटर एटीएम की निगरानी कर रही हैं।

इसके अलावा, प्रशासन आगे भी इसी तरह की पहल करने पर विचार कर रहा है, ताकि आने वाले वर्षों में महाकुंभ और अन्य धार्मिक आयोजनों में श्रद्धालुओं को शुद्ध पेयजल की सुविधा सहज रूप से उपलब्ध हो सके।

महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन की यह पहल सुरक्षित, स्वच्छ और सुगम पेयजल आपूर्ति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। वॉटर एटीएम की सहायता से अब तक 40 लाख से अधिक श्रद्धालु शुद्ध आरओ जल प्राप्त कर चुके हैं, और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। प्रशासन द्वारा उठाए गए इन कदमों से न केवल श्रद्धालुओं को स्वच्छ जल उपलब्ध हो रहा है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और प्लास्टिक कचरे में कमी लाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण प्रयास किया गया है।

इस पहल से महाकुंभ 2025 का आयोजन श्रद्धालुओं के लिए अधिक सुविधाजनक, सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल बन गया है, जिससे यह आयोजन एक ऐतिहासिक और अनुकरणीय उदाहरण बन गया है।

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