नई दिल्ली : रविवार, दिसम्बर 31, 2023/ केन्द्रीय वित्त तथा कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमन ने कल नई दिल्ली में विभिन्न मापदंडों पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के प्रदर्शन की समीक्षा हेतु आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में केन्द्रीय वित्तराज्य मंत्री डॉ. भागवत किशनराव कराड; वित्तीय सेवाएं विभाग के सचिव डॉ. विवेक जोशी; वित्तीय सेवा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा सार्वजनिक क्षेत्र के विभिन्न बैंकों के प्रमुख भी उपस्थित थे।

नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (एनएआरसीएल) द्वारा खातों के अधिग्रहण की प्रगति पर भी विचार-विमर्श किया गया। वित्त मंत्री ने निर्देश दिया कि एनएआरसीएल द्वारा दबावों का सामना करने वाले खातों के अधिग्रहण के कार्य में और सुधार करने की जरूरत है तथा इस दिशा में आवश्यक प्रयास किए जाने चाहिए। यह सलाह दी गई कि एनएआरसीएल और बैंकों को दबावों का सामना करने वाले खातों खातों को व्यवस्थित करने के कार्य में तेजी लाने हेतु नियमित बैठकें आयोजित की जानी चाहिए।

उपरोक्त उपायों के अलावा, सीतारमन ने जमा राशि जुटाने के महत्व पर जोर दिया और पीएसबी से अपने जमा आधार को बढ़ाने हेतु रचनात्मक रवैया अपनाने एवं आकर्षक किस्म की जमा योजनाओं को पेश करने का आग्रह किया, जिससे उन्हें अधिक ऋण प्रदान करने में भी मदद मिले।

धोखाधड़ी से संबंधित मामलों पर विचार-विमर्श के दौरान, केन्द्रीय वित्त मंत्री ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बेहतर प्रदर्शन पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि बैंक से जुड़ी धोखाधड़ी ग्राहकों और वित्तीय संस्थानों दोनों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती है, जिसके परिणामस्वरूप वित्तीय घाटा होगा और बैंकिंग प्रणाली में जनता का विश्वास कम होगा।

सीतारमन ने पीएसबी से बड़े कॉरपोरेट धोखाधड़ी और जानबूझकर चूक से संबंधित धोखाधड़ी रोकथाम गतिविधियों के साथ-साथ व्यक्तिगत स्तर पर ग्राहकों को धोखा देने वाले कार्यों पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए कहा। केन्द्रीय वित्त मंत्री ने बैंकों को उन्नत किस्म की धोखाधड़ी रोकथाम एवं पहचान तंत्र को अपनाने तथा ग्राहकों को सुरक्षित बैंकिंग कार्यप्रणालियों के बारे में और अधिक शिक्षित करने का निर्देश दिया।

केन्द्रीय वित्त मंत्री ने बैंकों को दुर्भावनापूर्ण धोखाधड़ी वाले कॉल से बचाव के लिए उपभोक्ताओं को शिक्षित करने संबंधी उपाय करने और धोखाधड़ी वाले खातों की समय पर पहचान व उनकी आगे की जांच के लिए प्रयास करने का निर्देश दिया। बैंकों को यह भी सलाह दी गई कि वे धोखाधड़ी और जानबूझकर चूक वाले घोषित खातों से वसूली के लिए और अधिक प्रयास करें। केन्द्रीय वित्त मंत्री ने बैंकों से संभावित धोखाधड़ी को रोकने हेतु चेतावनी के प्रारंभिक संकेतों की निगरानी करने को भी कहा।

इस तथ्य को स्वीकार करते हुए कि अदालतों और न्यायाधिकरणों के समक्ष चूक करने वालों (डिफॉल्टरों) के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रभावशीलता काफी हद तक बैंक अधिकारियों द्वारा सहायता प्राप्त वकीलों और अधिवक्ताओं के प्रभावी अभ्यावेदनों पर निर्भर करती है, केन्द्रीय वित्त मंत्री ने बेहतर कानूनी परिणाम सुनिश्चित करने हेतु पीएसबी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील के प्रदर्शन की समीक्षा करने का आह्वान किया।

सीतारमन ने कहा कि जानबूझकर की गई चूक न केवल बैंकों के वित्तीय सेहत पर असर डालती है, बल्कि अर्थव्यवस्था में ऋण के प्रवाह को भी बाधित करती है। उन्होंने पीएसबी से सभी स्तरों पर ऋण प्रदान करने की जिम्मेदार कार्यप्रणालियों को अपनाने का आग्रह किया। केन्द्रीय वित्त मंत्री ने पीएसबी को ऋण वितरण से पहले उचित तत्परता बढ़ाने, बड़े ऋण खातों की नियमित निगरानी सुनिश्चित करने और चूक के ऐसे मामलों में त्वरित व समग्र कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

सीतारमन ने बैंकों से धोखाधड़ी और जानबूझकर चूक करने वालों के साथ मिलीभगत करने वाले बैंकों के अधिकारियों के खिलाफ सख्त प्रशासनिक कार्रवाई करने का भी आह्वान किया।

बैठक में साइबर सुरक्षा से जुड़े अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई। केन्द्रीय वित्त मंत्री द्वारा साइबर सुरक्षा संबंधी जोखिमों से निपटने में सभी पीएसबी की तैयारियों की समीक्षा की गई और पीएसबी को ग्राहकों के डेटा की गोपनीयता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।

सीतारमन ने कहा कि साइबर सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को प्रणालीगत परिप्रेक्ष्य से देखा जाना चाहिए क्योंकि एक छोटी सी कमजोरी का उपयोग नापाक तत्वों द्वारा संपूर्ण प्रणाली के लिए जोखिम पैदा करने में किया जा सकता है।

इसके अलावा, वित्त मंत्री ने संवेदनशील वित्तीय जानकारी और प्रणालियों को साइबर हमलों से बचाने के लिए सक्रिय साइबर सुरक्षा उपायों को अपनाने एवं कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल को लागू करने की आवश्यकता को रेखांकित किया और बैंकों को उभरते डिजिटल परिदृश्य को अनुकूलित करने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि घरेलू वित्तीय प्रणालियों की अखंड विश्वसनीयता सुनिश्चित हो सके।

केन्द्रीय वित्त मंत्री ने संभावित साइबर-सुरक्षा खतरों के खिलाफ अधिक सुदृढ़ वित्तीय इकोसिस्टम बनाने हेतु पीएसबी के बीच सहयोग एवं आपसी समझ और बैंकों, सुरक्षा एजेंसियों, नियामक निकायों तथा प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों के बीच समन्वय के महत्व पर भी जोर दिया।


इस खबर को शेयर करें


Comments