नई दिल्ली : बुधवार, अक्टूबर 18, 2023/ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कल नई दिल्ली में आयोजित 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में वर्ष 2021 के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के पुरस्कार वहीदा रहमान को प्रदान किया गया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन, सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव अपूर्व चन्द्र, जूरी के अध्यक्ष और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने वहीदा रहमान को बधाई दी और कहा कि उन्होंने अपनी कला और व्यक्तित्व से फिल्म उद्योग के शिखर पर खुद को स्थापित किया है। अपने निजी जीवन में भी उन्होंने एक गरिमा, आत्मविश्वास और मौलिकता से ओत-प्रोत महिला की पहचान बनाई। उन्होंने कई फिल्में ऐसी चुनीं जिनमें उनकी भूमिकाओं ने आमतौर पर महिलाओं से जोड़ी जाने वाली कई सीमाओं को तोड़ा। वहीदा ने एक मिसाल कायम की है कि महिला सशक्तिकरण के लिए महिलाओं को खुद भी पहल करनी चाहिए।
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के बारे में बात करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि यह पुरस्कार समारोह भारत की विविधता और उसमें निहित एकता की तस्वीर पेश करता है। उन्होंने कहा कि समारोह में उपस्थित प्रतिभाशाली लोगों ने कई भाषाओं, क्षेत्रीय विशेषताओं, सामाजिक मान्यताओं, उपलब्धियों और समस्याओं को सार्थक अभिव्यक्ति दी है और यह कि इन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में कई पीढ़ियों और वर्गों के लोग एक साथ आए हैं।
फिल्म जगत और कलाकारों को परिवर्तन का वाहक बताते हुए, उन्होंने कहा कि वे अपनी फिल्मों के माध्यम से भारतीय समाज की विविध वास्तविकता का जीवंत परिचय देते हैं। उन्होंने कहा कि सिनेमा हमारे समाज का एक दस्तावेज भी है और उसे बेहतर बनाने का एक माध्यम भी और उनका काम लोगों को एक-दूसरे से जोड़ता है।
राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि प्रतिभा से समृद्ध इस देश में सिनेमा से जुड़े लोग विश्वस्तरीय उत्कृष्टता के नए मानक स्थापित करते रहेंगे और फिल्में विकसित भारत के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रहेंगी।
केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भारतीय फिल्म उद्योग पर गर्व व्यक्त किया और कहा कि आज कुछ भी क्षेत्रीय नहीं है, यदि सामग्री अच्छी हो तो क्षेत्रीय सामग्री को भी वैश्विक स्तर पर दर्शक मिलेंगे। दिग्गज अभिनेत्री वहीदा रहमान के बारे में बोलते हुए, अनुराग ठाकुर ने कहा कि चूंकि भारतीय फिल्में अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से परे जाती हैं, इसलिए इसी प्रकार की प्रसिद्धि का दावा उनके संदर्भ में भी है। उन्होंने उन्हें दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित होने पर हार्दिक बधाई दी।
अनुराग ठाकुर ने श्रोताओं को सूचित किया कि सरकार फिल्म पाइरेसी से निपटने के अपने प्रयासों में फिल्म उद्योग के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। सरकार ने सिनेमैटोग्राफ अधिनियम पेश किया है, जो इस खतरे को रोकने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अनुराग ठाकुर ने भारत में एवीजीसी क्षेत्र की क्षमता के बारे में बात की और कहा कि सरकार इस क्षेत्र के लिए एक नीति लाने जा रही है और इससे भारत को 'दुनिया का कंटेंट केंद्र' के रूप में अपनी क्षमता का उपयोग करने में मदद मिलेगी।
सचिव, अपूर्व चन्द्र ने बताया कि पुरस्कार वर्ष 2021 के लिए प्रदान किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 का वर्ष के दौरान सिनेमा हॉल बंद रहे थे और फिल्म उद्योग संघर्ष कर रहा था। हालाँकि, हमने जल्द ही वापसी की। अब देश और फिल्म उद्योग दोनों ही विकास की राह पर वापस आ गए हैं और पिछली तिमाही भारत के फिल्म उद्योग के लिए सबसे अच्छी रही है। उन्होंने कहा कि जहां बॉक्स ऑफिस पर सफलता महत्वपूर्ण है, वहीं फिल्म पुरस्कार गुणवत्ता का उत्सव मनाते हैं। अपूर्व चन्द्र ने दादा साहब फाल्के पुरस्कार स्वीकार करने के लिए वहीदा रहमान का आभार व्यक्त किया।
दादा साहेब फाल्के पुरस्कार प्राप्त करने पर वहीदा रहमान ने कहा कि वह बहुत सम्मानित महसूस कर रही है। उन्होंने कहा कि यह फिल्म उद्योग में सभी के समर्थन से संभव हुआ है और वे यह पुरस्कार उन्हें समर्पित करती हैं।
निखिल महाजन को मराठी फिल्म गोदावरी के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया। अल्लू अर्जुन को फिल्म पुष्पा के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार दिया गया। आलिया भट्ट को गंगूबाई काठियावाडी और कृति सेनन को मिमि के लिए संयुक्त रूप से सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार दिया गया। आर. माधवन द्वारा निर्देशित रॉकेट्री: द नाम्बी इफेक्ट को सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म पुरस्कार दिया गया। पल्लवी जोशी को द कश्मीर फाइल्स के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री और पंकज त्रिपाठी को मिमि के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया।
फिल्म आर.आर.आर को संपूर्ण मनोरंजन करने वाली सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म और विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी द कश्मीर फाइल्स को राष्ट्रीय एकता पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए नर्गिस दत्त पुरस्कार दिया गया। सृष्टि लखेरा के निर्देशन में बनी एक था गांव को सर्वश्रेष्ठ गैर-फीचर फिल्म का पुरस्कार प्रदान किया गया। श्रेया गोशाल को फिल्म इरावन निजहाल के गीत मायावा-चायवा के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायक और काल भैरव को फिल्म आर.आर.आर के गीत कोमुरम भीमडु के लिए सर्वश्रेष्ठ पुरूष पार्श्व गायक का पुरस्कार मिला।
प्रेम रक्षित को आर.आर.आर. के लिए सर्वश्रेष्ठ कॉरियोग्राफी का पुरस्कार दिया गया। देवी श्री प्रसाद को पुष्पा के लिए तथा एम.एम कीरावाणी को आर.आर.आर के लिए सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक का पुरस्कार प्रदान किया गया। शुजीत सरकार की सरदार उधम सिंह को सर्वश्रेष्ठ हिन्दी फिल्म का सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार दिया गया। इस फिल्म को सर्वश्रेष्ठ छायांकन, प्रोडक्शन डिजाइन और कॉस्टूयम डिजाइन की श्रेणी में भी पुरस्कार मिला। भाविन रबारी को गुजराती फिल्म छेलो शो के लिए सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का पुरस्कार मिला।
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