नई दिल्ली : रविवार, नवम्बर 3, 2024/ भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय, अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) के सहयोग से नई दिल्ली में 5-6 नवंबर, 2024 को पहला एशियाई बौद्ध शिखर सम्मेलन (एबीएस) का आयोजन कर रहा है। इस शिखर सम्मेलन का विषय 'एशिया को सुदृढ़ बनाने में बुद्ध धम्म की भूमिका' है। उम्मीद है कि देश की माननीय राष्ट्रपति इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी। शिखर सम्मेलन के माध्यम से, पूरे एशिया के विभिन्न बौद्ध परंपराओं के संघ नेताओं, विद्वानों, विशेषज्ञों और चिकित्सकों को एक साथ लाया जाएगा, जिससे संवाद को बढ़ावा दिया जा सके, समझ को बढ़ावा दिया जा सके और बौद्ध समुदाय के सामने आने वाली समकालीन चुनौतियों का समाधान किया जा सके। बौद्ध धर्म भारत और पूरे एशिया के आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक इतिहास में एक अद्वितीय स्थान रखता है।
बुद्ध, उनके शिष्यों और उपदेशकों की शिक्षाओं ने जीवन, दिव्यता एवं सामाजिक मूल्यों के प्रति एक सामान्य दृष्टिकोण के माध्यम से एशिया को एकजुट किया हुआ है। बुद्ध धम्म भारत की संस्कृति में एक मूल्यवान घटक है, जो देश की दृढ़ विदेश नीति एवं प्रभावी राजनयिक संबंधों को विकसित करने में सहायता प्रदान करता है। स्वतंत्र भारत की राष्ट्रीय पहचान के भाग के रूप में बौद्ध प्रतीकों को शामिल करने से लेकर देश की विदेश नीति में बौद्ध मूल्यों को अपनाने तक, बुद्ध धम्म, भारत और एशिया एक दूसरे के पूरक हैं। यह शिखर सम्मेलन भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ की अभिव्यक्ति भी है, जो धम्म के साथ एशिया के सामूहिक, समावेशी एवं आध्यात्मिक विकास पर आधारित है।
इस भावना के साथ, एशियाई बौद्ध शिखर सम्मेलन में निम्नलिखित विषयों को शामिल किया जाएगा - बौद्ध कला, वास्तुकला और विरासत, बुद्ध कारिका और बुद्ध धम्म का प्रसार, पवित्र बौद्ध अवशेषों की भूमिका और समाज में इसकी प्रासंगिकता, वैज्ञानिक अनुसंधान एवं कल्याण में बुद्ध धम्म का महत्व, 21वीं सदी में बौद्ध साहित्य और दर्शन की भूमिका।
उपरोक्त विषयों पर विचार-विमर्श करने के अलावा, एशिया को जोड़ने वाले धम्म सेतु (पुल) के रूप में भारत विषय पर एक विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा, जो कि कार्यक्रम स्थल पर अन्य रचनात्मक प्रदर्शनों के बीच कार्यक्रम का हिस्सा होगा। यह शिखर सम्मेलन पूरे एशिया में बुद्ध धम्म की विविध अभिव्यक्ति को एक साथ लाने का एक अनूठा अवसर है। संवाद के माध्यम से, समकालीन चुनौतियों का समाधान करते हुए और बौद्ध विरासत को बढ़ावा देने के लिए, शिखर सम्मेलन का उद्देश्य एक ज्यादा उदार, स्थायी एवं शांतिपूर्ण विश्व में योगदान देना है, जो हमें मानवता के व्यापक कल्याण का पूर्ण आश्वासन देता है।
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