कृष्णमोहन झा

अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में प्रचंड जीत हासिल कर डोनाल्ड ट्रम्प दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति के 47 वें राष्ट्रपति बन गए हैं। उन्होंने दूसरी बार राष्ट्रपति बनने का गौरव भी प्राप्त किया है। गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रम्प रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार के रूप में लगातार तीसरी बार राष्ट्रपति चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे थे। डोनाल्ड ट्रम्प पहली बार 2016 के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलैरी क्लिंटन को हराकर राष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे परन्तु 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में उन्हें डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। इस बार उनका मुकाबला डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस से था जिनकी स्थिति काफी मजबूत मान जा रही थी परन्तु चुनाव परिणाम उनकी उम्मीदों के विपरीत रहे। राष्ट्रपति के रूप में जो बाइडेन के कार्यकाल में ही यह आभास होने लगा था कि कमला हैरिस राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प को चुनौती देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। कमला हैरिस ने पूरी ताक़त के चुनाव लडा परंतु अमेरिका की पहली महिला राष्ट्रपति बनकर इतिहास रचने का उनका सपना पूरा नहीं हो सका ।

डोनाल्ड ट्रम्प ने इस चुनाव में "मेक अमेरिका ग्रेट अगेन" नारा दिया था। उनका पूरा चुनाव प्रचार इसी नारे के इर्द-गिर्द घूमता रहा। चुनाव परिणामों से यह अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि ट्रम्प का यह नारा मतदाताओं को आकर्षित करने में बेहद सफल रहा। दूसरी ओर डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार और पूर्व उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के भाषणों में स्पष्टता का अभाव था। उन्हें निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन की गलतियों का खामियाजा भी भुगतना पड़ा। गौरतलब है कि जो बाइडेन ने प्रेसीडेंशियल डिबेट में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प का सामना न कर पाने के कारण चुनाव से पहले ही अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली थी। उसके बाद कमला हैरिस को उम्मीदवार बनाया गया। इस कारण कमला हैरिस को चुनाव प्रचार के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल सका। इसके अलावा कमला हैरिस ने अपने भाषणों में डेमोक्रेटिक पार्टी की आर्थिक नीतियों और महत्वपूर्ण ज्वलंत अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर पार्टी के दृष्टिकोण को पूरी स्पष्टता के साथ मतदाताओं के प्रस्तुत करने में भी असफल रहीं । इसके बजाय उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रम्प पर व्यक्तिगत आक्षेप करने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाई। कमला हैरिस के इन व्यक्तिगत आक्षेपों की तुलना में डोनाल्ड ट्रम्प का "मेक अमेरिका ग्रेट अगेन" नारा अमेरिकी मतदाताओं को आकर्षित करने में कहीं अधिक सफल रहा।

डोनाल्ड ट्रम्प के दूसरी बार राष्ट्रपति चुने जाने पर अब यह संभावना व्यक्त की जा रही है कि अपने दूसरे कार्यकाल में वे भारत -अमेरिका संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए नये सिरे से पहल करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डोनाल्ड ट्रम्प को दूसरी बार राष्ट्रपति चुने जाने पर भेजे अपने बधाई संदेश में जिस तरह उन्हें "मेरे मित्र" संबोधन के साथ उनकी जीत को ऐतिहासिक बताया है उससे ट्रम्प के साथ मोदी की केमिस्ट्री को भली-भांति समझा जा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है आप अपने पिछले कार्यकाल की सफलताओं को आगे बढ़ा रहे हैं। मैं भारत - अमेरिका के बीच व्यापक वैश्विक और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए आपसी सहयोग को नवीनीकृत करने हेतु तत्पर हूं। प्रधानमंत्री मोदी ने प्रौद्योगिकी, रक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष और कई अन्य क्षेत्रों में भारत अमेरिका संबंधों को और मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने की इच्छा व्यक्त की । प्रत्युत्तर में डोनाल्ड ट्रम्प ने भी भारत को शानदार देश बताते कहा कि मोदी एक शानदार इंसान हैं। गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रम्प जब भारत प्रवास पर आए थे तब भारत में उनके सम्मान में आयोजित "नमस्ते ट्रम्प" कार्यक्रम ने उन्हें अभिभूत कर दिया था। प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनके संबंधों की प्रगाढ़ता का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में भारतीय मतदाताओं का समर्थन प्राप्त करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को अमेरिका आमंत्रित किया था। प्रधानमंत्री मोदी की "हाउडी मोदी" रैली ने अमेरिका में भारतीय मतदाताओं पर गहरा प्रभाव छोड़ा था।

पूर्व राजदूत और उप सुरक्षा सलाहकार पंकज सरन कहते हैं कि राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल में भारत और अमेरिका के रिश्ते और मजबूत होंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रम्प की जीत को पंकज सरन भारत के लिए अच्छा संकेत मानते हैं। उनका मानना है कि कुछ समस्याएं हैं जिनका समाधान बातचीत से निकल सकता है। पंकज सरन कहते हैं कि रूस यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के मुद्दे पर अब हम बड़ा बदलाव महसूस कर सकते हैं। पूर्व राजनयिक अशोक सज्जन हार का मानना है कि अमेरिका में कोई भी पार्टी सत्ता में रही हो , भारत और अमेरिका के संबंध में विस्तार हुआ है।


नोट - लेखक राजनैतिक विश्लेषक है।

 


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