नई दिल्ली : रविवार, नवम्बर 3, 2024/ भाई दूज का त्यौहार आज उमंग और उत्साह से मनाया जा रहा है। दीपावली के दो दिन बाद मनाया जाने वाला यह पर्व पांच दिवसीय उत्सव के अंत का प्रतीक है। इसे देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नाम से जाना जाता है, जैसे भाई फोटा, भाऊबीज, भाई टीका या यम द्वितीया। इस दिन बहनें अपने भाइयों के माथे पर टीका लगाती हैं और उनकी और लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भाई दूज के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, “मैं सभी देशवासियों को भाई दूज की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। मुझे आशा है कि यह पावन अवसर भाई-बहनों के बीच स्नेह को और बढ़ाएगा।”
इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस त्योहार पर सभी के जीवन में अपार खुशियां आने की कामना की। शाह ने एक्स पर लिखा, “भाई दूज के पावन पर्व पर सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। कामना करता हूं कि यह प्रेम, समर्पण और भक्ति का त्योहार सभी के जीवन में अपार खुशियां लाए।”
गौरतलब है कि भाई दूज भाई-बहन के प्यार और बंधन का प्रतीक है। इस खास दिन पर बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और सुखी जीवन की कामना करते हुए उनके माथे पर ‘टीका’ लगाती हैं। इस मौके पर भाई-बहन एक-दूसरे को उपहार और मिठाई देकर अपने रिश्ते को और मजबूत करते हैं।
भारत के विभिन्न हिस्सों में भाई दूज को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। उत्तर भारत में इसे भाई दूज, भाऊ बीज और भाई बीज के नाम से मनाया जाता है, जबकि महाराष्ट्र में इसे भाई टीका के रूप में मनाया जाता है। बंगाल में इस दिन को भाई फोंटा के नाम से जाना जाता है। दक्षिण भारत में, खासकर कर्नाटक और तेलंगाना में, इसे यम द्वितीया के रूप में मनाया जाता है।
इस त्योहार के पीछे की पौराणिक कथा यह है कि देवी यमुना ने अपने भाई यमराज को अपने घर पर भोजन कराया था, और यह दिन कार्तिक द्वितीया का था। तभी से इस दिन को यम द्वितीया के रूप में मान्यता मिली और मनाया जाने लगा। इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं और व्रत व पूजा जैसे अन्य अनुष्ठान करती हैं ताकि उनके भाई का जीवन लंबा और समृद्ध रहे। इसके बदले में भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनकी सुरक्षा का वचन देते हैं।
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