मुरैना : शुक्रवार, मई 19, 2023/ मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद जौरा के सहयोग से ग्राम बिलगांव चौधरी, मुंद्रावजा, चचिहा, मई में ध्यान एवं योग शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर हार्टफूलनेस सेंटर कान्हा शांति वनम हैदराबाद से आये प्रशिक्षक चंद्र प्रकाश ने कहा कि हार्टफुलनेस का नियमित ध्यान हमारी कमजोरियों को कम करता है और हमें अधिक समग्र बना कर हमें दिव्यता व पूर्णता की ओर ले जाता है। मौके पर पर सुरेश शर्मा, विमला शर्मा, जन अभियान परिषद जौरा के ब्लॉक समन्वयक बी.डी. शर्मा, नवांकुर प्रतिनिधि अल्केश राठौर, परामर्शदाता प्रशांत शर्मा, मदन गोपाल जादौन उपस्थित थे।

चंद्र प्रकाश ने कहा कि ध्यान करने का वैदिक व आध्यात्मिक अर्थ है, अपने हृदय के भीतर बसे ईश्वर से प्रेम करने व जुड़ने की कला को श्रद्धापूर्वक अभ्यास करते हुये सीखना। ध्यान की अवधी, आरम्भ में ध्यान करने की अवधी 30 मिनट रख सकते हैं, परन्तु समय के साथ-साथ इसकी अवधी बढ़ाते हुये एक घन्टे तक ले आयें। ईश्वर की दिव्य व सूक्ष्म भाषा को ग्रहण करने की कला सीखने के लिये हर रोज़ 60 मिनट के लिये ध्यान में बैठना आवश्यक है। परन्तु इस बात का ख़याल रखे कि एक बार में एक घन्टे से ज़्यादा समय तक ध्यान नहीं करना चाहिये। यदि ध्यान करने की और इच्छा हो, तो 10-15 मिनट के अन्तराल के पश्चात् पुनः ध्यान कर सकते है।

विमला शर्मा ने बताया कि ध्यान मे पारंगता, प्रेम व ज्ञान दोनों अनन्त हैं। जब तक हम आत्मज्ञान प्राप्त करने हेतु प्रेम व भक्ति मे विकसित हो कर अपने हृदय में ईश्वर के साथ एक होने की तड़प पैदा करके समय के साथ धीरे-धीरे उसमें विलय प्राप्त नहीं कर लेते, तब तक इस जीवन में सीखना जारी रहता है। पूर्णता व मुकम्मलता यह ईश्वरिय गुण हैं, जो केवल उस पूर्ण परमात्मा मे पूर्ण विलय होने पर ही प्राप्त हो सकते हैं। इसमें कितना समय लगेगा यह पूर्णता इस अनुपात पर निर्भर करता है कि हृदय में ईश्वर प्राप्त करने की तड़प कितनी अधिक है तथा इसके साथ-साथ ईश्वर पर पूर्ण समर्पण किस हद तक है।


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