मुंबई : शुक्रवार, जनवरी 12, 2024/ भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि हाल के वर्षों में अभूतपूर्व चुनौतियों से भारतीय बैंकिंग सेक्टर मजबूत बनकर उभरा है। कल मुम्बई में मिंट बी एस एफ आई सम्मेलन में शक्तिकांत दास ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र देश की विकास गाथा को समर्थन देने के अनुरूप कार्य कर रहा है।
शक्तिकांत दास ने कहा कि बड़े स्तर पर फंसे कर्ज की समस्या और कोविड-19 महामारी सहित कई मुद्दों से उबरने के बाद विनियामक और निरीक्षण स्तर पर रिजर्व बैंक द्वारा किेये गये अनेक प्रयासों के कारण बैंक मजबूती से उभरे हैं।
भारत की केन्द्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा या डिजिटल रूपये में अन्य देशों की रूचि के बारे में शक्तिकांत दास ने कहा कि केन्द्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा अपनाने से सीमापार भुगतान जल्दी, कारगर और किफायती ढंग से हो पायेंगे। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय बैंक इस सिलसिले में काम कर रहा है ताकि सरकार की सब्सिडी जैसे विशेष भुगतान के लिए डिजिटल रूपये का इस्तेमाल किया जा सके।
यूपीआई के बारे में शक्तिकांत दास ने कहा कि यह विश्व में अभी तक सर्वश्रेष्ठ भुगतान प्रणाली है। क्रिप्टोकरंसी के बारे में आरबीआई गवर्नर ने बताया कि रिजर्व बैंक क्रिप्टोकरंसी के विनियमन के सिलसिले में दूसरों का अनुसरण नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि जो किसी बाजार के लिए अच्छा है, जरूरी नहीं वह भारत के लिए भी अच्छा हो। उन्होंने कहा कि इस राह पर चलने से बड़े खतरे उत्पन्न हो जायेंगे।
भारतीय रिजर्व बैंक के गर्वनर शक्तिकांत दास ने कहा है कि दिवालिया और शोधन अक्षमता संहिता-आईबीसी के अन्तर्गत ऋणदाताओं को उनके कुल दावों का 32 प्रतिशत मिल गया है। शक्तिकांत दास ने कहा कि आईबीसी 2016 में प्रभावी हुई थी। शक्तिकांत दास ने कहा कि कॉपोरेट जगत के सात हजार 58 देनदारों ने दिवालिया और शोधन अक्षमता संहिता के अन्तर्गत समाधान के लिए अर्जी दी थी जिसमें से पांच हजार 57 मामले पिछले साल सितम्बर तक बंद हो गये।
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