मुंबई : शनिवार, जनवरी 28, 2023/ सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने फिल्मों के बहिष्कार की संस्कृति की आलोचना की है। कल मुंबई में पत्रकारों से उन्होंने कहा कि बहिष्कार के आह्वान से माहौल खराब होता है।

बहिष्कार के इस चलन का असर बड़े सितारों की फिल्मों पर भी पड़ा है, जिसके कारण कुछ बड़ी फिल्मों को फ्लॉप का भी सामना करना पड़ा। कहा कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड सभी पहलुओं की जांच करने के बाद ही फिल्म के प्रदर्शन की अनुमति देता है। उन्होेंने कहा कि भारत सरकार ने सेंट्रल फिल्म सर्टिफिकेशन बोर्ड बनाया है। इसलिए अगर कोई फिल्म सिनेमाघरों में जाती है, तो वह वहां से पास होने के बाद ही जाएगी। बोर्ड में सभी पहलुओं पर नजर रखते हैं। वहां से अनुमति मिलने के बाद फिल्में सिनेमाघरों में आती हैं। इसलिए लोगों को बोर्ड पर विश्वास रखना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय फिल्मों के लिए यह अच्छा समय है क्योंकि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रही हैं। श्री ठाकुर ने कहा कि बिना पूरी जानकारी के, किसी विषय पर टिप्पणी करने से अधिक नुकसान की आशंका रहती है।

उद्घाटन समारोह को सम्‍बोधित करते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहा कि सरकार का यह उद्देश्‍य है कि भारत को फिल्‍म निर्माण का महत्‍वपूर्ण केन्‍द्र बनाया जाये। उन्‍होंने कहा कि सरकार ने भारत में विदेशी फिल्‍मों की शूटिंग को प्रोत्‍साहन देने के लिए एक प्रोत्‍साहन योजना शुरू की है। अनुराग ठाकुर शंघाई सहयोग संगठन फिल्म फेस्टिवल के उद्घाटन के मौके पर मुंबई पहुंचे थे। इस फिल्म फेस्टिवल में 8 यूरेशियन देशों के रीजनल ग्रुप से 58 फिल्मों को प्रदर्शित किया जाएगा। इस मौके पर उन्होंने ओटीटी कंटेट को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा, “क्रिएटिविटी पर कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए.” उन्होंने कहा कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय को ओटीटी प्लेटफार्मों पर कंटेंट के बारे में शिकायतें मिलती हैं, लेकिन लगभग 95 प्रतिशत शिकायतों का समाधान प्रोड्यूसर के लेवल पर ही कर लिया जाता है और बाकी बची समस्याओं को पब्लिशर्स की एसोसिएशन के साथ मिलकर सुलझा लिया जाता है।

 


इस खबर को शेयर करें


Comments