नई दिल्ली : बुधवार, अक्टूबर 9, 2024/ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कल नई दिल्ली में वर्ष 2022 के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान किये। अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को सिनेमा के क्षेत्र में सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति ने फिल्म उद्योग में चक्रवर्ती के योगदान की सराहना की। उन्‍होंने कहा कि पुरस्कृत फिल्में समाज में सकारात्मक बदलाव लाएंगी।

राष्ट्रपति ने कहा “हमारी फिल्में हमारे समाज की कलात्मक समझ को दर्शाती हैं। जीवन रूपांतरित हो रहा है। कला के मानक बदल रहे हैं। नई आकांक्षाएं उत्पन्न हो रही हैं। नई-नई समस्याएं सामने आ रही हैं। नई जागरूकता बढ़ रही है। इन सभी परिवर्तनों के बीच, प्रेम, करुणा और सेवा के अपरिवर्तित मूल्य आज भी हमारे व्यक्तिगत एवं सामूहिक जीवन को सार्थक बना रहे हैं। इन सभी मूल्यों को हम आज पुरस्कृत फिल्मों में देख सकते हैं।”

सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार प्रतिभा विकास, बुनियादी ढांचा और सरलीकरण के दृष्टिकोण के साथ फिल्म उद्योग को विकसित करने के लिए काम कर रही है। सूचना और प्रसारण सचिव संजय जाजू ने कहा कि वर्ष 2022 के लिए मंत्रालय को फीचर फिल्म श्रेणी में 32 विभिन्न भाषाओं में कुल 309 फिल्मों और गैर-फीचर श्रेणी में 17 भाषाओं में 128 फिल्मों की प्रविष्टियां प्राप्त हुई थीं।

ऋषभ शेट्टी को कन्नड़ फिल्म कंतारा के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता, नित्या मेनन को तमिल फिल्म थिरुचित्राम्बलम के लिए और मानसी पारेख को गुजराती फिल्म कच्छ एक्सप्रेस के लिए सर्वश्रेष्‍ठ अभिनेत्री का पुरस्‍कार दिया गया। सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार मलयालम फिल्म आट्टम को और गैर-फीचर फिल्म का पुरस्‍कार आयना फिल्‍म को प्रदान किया गया। सूरज बड़जात्या को ऊंचाई फिल्‍म के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्‍कार दिया गया। फीचर फिल्म श्रेणी में गुलमोहर को सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म और गैर-फीचर फिल्म श्रेणी में हरियाणवी फिल्म फौजा को सर्वश्रेष्ठ गीत का पुरस्कार प्रदान किया गया।

अरिजीत सिंह को सर्वश्रेष्ठ पुरुष पार्श्वगायक और बॉम्बे जयश्री को सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्वगायक के पुरस्कार से सम्‍मानित किया गया। फिल्म समीक्षक दीपक दुआ को सर्वश्रेष्ठ समीक्षक पुरस्कार श्रेणी के अंतर्गत तथा अनिरुद्ध भट्टाचार्जी और पार्थिव धर को किशोर कुमार: द अल्टीमेट बायोग्राफी पुस्तक के लिए सिनेमा पर सर्वश्रेष्ठ पुस्तक श्रेणी के अंतर्गत स्‍वर्ण कमल प्रदान किया गया।

दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित होने के बाद मिथुन चक्रवर्ती ने आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “मैं पहले भी तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुका हूं। पहली बार जब मुझे पुरस्कार मिला, तो सफलता मेरे सिर पर चढ़ गई। काले रंग पर बहुत अपमान झेला है। मैं भगवान के सामने रोता था। फिर मैंने डांस करने के बारे में सोचा, ताकि लोग मेरे रंग को न देख पाए बल्कि मेरे थिरकते हुए पैरों को देखें…और ऐसे मैं बन गया सेक्सी बंगाली बाबू। आज यह पुरस्कार पाने के बाद मैंने शिकायत करना बंद कर दिया।”

मिथुन चक्रवर्ती का जन्म 16 जून 1950 को हुआ था। मिथुन का जन्म कोलकाता में एक बंगाली हिंदू परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी स्नातक की पढ़ाई एफटीआईआई, पुणे से पूरी की। मिथुन चक्रवर्ती ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत मृणाल सेन द्वारा निर्देशित फिल्म ‘मृगया’ से की थी। फिल्म ‘डिस्को डांसर’ में मिथुन का अभिनय और डांस काफी लोकप्रिय हुआ था। इस फिल्म से मिथुन को ‘डिस्को डांसर’ के नाम से जाना जाने लगा। अभिनय क्षेत्र के साथ-साथ मिथुन ने राजनीतिक क्षेत्र में भी अपना दबदबा कायम रखा है। फिलहाल वह भारतीय जनता पार्टी में सक्रिय हैं। मिथुन चक्रवर्ती को पद्म भूषण, पद्मश्री पुरस्कार भी मिल चुका है। साथ ही यह उनका चौथा राष्ट्रीय पुरस्कार है।


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