कृष्णमोहन झा

पिछले दो लोकसभा चुनावों से केरल की वायनाड सीट कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की उम्मीदवारी के कारण बहुत चर्चा में रही है। दोनों ही लोकसभा चुनावों में राहुल गांधी यहां से काफी बड़े अंतर से चुनाव जीत कर लोकसभा में पहुंचे । उन्होंने 2019 से 2024 तक तक लोकसभा में वायनाड का प्रतिनिधित्व किया परंतु 2024 के लोकसभा चुनावों में वायनाड के अलावा उत्तर प्रदेश की रायबरेली लोकसभा सीट से भी विजयी होने के बाद उन्होंने वायनाड सीट से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे के कारण रिक्त हुई वायनाड सीट के उपचुनाव में कांग्रेस ने प्रियंका गांधी वाड्रा को उम्मीदवार बनाया है इसलिए यह सीट एक बार फिर चर्चा में आ ग ई है।

गौरतलब है कि प्रियंका गांधी वाड्रा अपने राजनीतिक जीवन का सबसे पहला चुनाव वायनाड से लड़ रही हैं इसलिए भी इस सीट का उपचुनाव कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण बन गया है। गौरतलब है कि वायनाड लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र हमेशा से ही कांग्रेस का गढ़ रहा है। इसी वजह से राहुल गांधी ने पिछले दो लोकसभा चुनावों में वायनाड सीट से चुनाव लडना पसंद किया और प्रियंका गांधी वाड्रा को भी इस सुरक्षित से कांग्रेस पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है। वायनाड सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में प्रियंका गांधी वाड्रा की उम्मीदवारी की घोषणा कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने तभी कर दी थी जब राहुल गांधी ने रायबरेली सीट अपने पास रख कर वायनाड से इस्तीफा दिया था। उसके बाद ही प्रियंका गांधी वाड्रा ने वायनाड में अपनी तैयारियां शुरू कर दी थीं। इसमें कोई संदेह नहीं कि प्रियंका गांधी वाड्रा की जीत सुनिश्चित करने के लिए कांग्रेस कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेगी। वैसे भी ही वायनाड में कांग्रेस के मजबूत जनाधार को देखकर ही पहले राहुल गांधी यहां से खड़े हुए थे और अब प्रियंका गांधी वाड्रा ने यहां से चुनाव लडने का फैसला किया है।

भाजपा ने वायनाड में प्रियंका गांधी वाड्रा को टक्कर देने के लिए नव्या हरिदास को चुनाव मैदान में उतारा है जो दो कार्यकाल से कोझीकोड नगरनिगम की पार्षद हैं।कालीकट विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी टेक की डिग्री प्राप्त 39 वर्षीया नव्या रिदास को केरल विधानसभा के पिछले चुनाव में भाजपा ने कोझीकोड के दक्षिण पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया था लेकिन उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा। नव्या हरिदास वर्तमान में भाजपा महिला मोर्चा की राज्य इकाई की महासचिव हैं। हमेशा उत्साह और उमंग से भरपूर दिखाई देने वाली भाजपा की इस युवा नेत्री को विश्वास है कि वायनाड लोकसभा सीट के लिए हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी प्रियंका गांधी वाड्रा को कड़ी टक्कर देने की पूरी सामर्थ्य उनके अंदर मौजूद है।

गौरतलब है कि राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में वायनाड लोकसभा क्षेत्र में 65 प्रतिशत वोट हासिल कर 4 लाख 31 हजार वोटों के अंतर से यह सीट जीती थी लेकिन 2024 के चुनावों में जीत का अंतर घटकर 3 लाख 63 हजार वोटों का हो गया। राहुल गांधी को मिले वोट भी पांच साल पहले मिले वोटों से 5 प्रतिशत घटकर 60 प्रतिशत हो गये । कांग्रेस पार्टी ने दावा किया है कि इस उपचुनाव में प्रियंका गांधी वाड्रा रिकार्ड मतों के अंतर से जीत हासिल करने में सफल होंगी परंतु वायनाड में दलीय समीकरणों को देखते हुए यह यह कहना मुश्किल है कि कांग्रेस अपने दावे को सही साबित कर पाएगी। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि केरल में सत्तारूढ़ वामपंथी मोर्चे ने भी यहां सीपीआई के वरिष्ठ नेता सत्यन मोकेरी को चुनाव मैदान में उतारकर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है और अब यह माना जा रहा है कि प्रियंका गांधी वाड्रा यह सीट उतनी आसानी से नहीं जीत पाएंगी जितनी आसानी से 2019 और 2024 के लोकसभा चुनावों में राहुल गांधी ने यह सीट जीती थी । 2024 में सीपीआई यहां दूसरे स्थान पर रही थी लेकिन इस बार भाजपा उम्मीदवार नव्या हरिदास के हौसले बुलंद नजर आ रहे हैं।

भाजपा उम्मीदवार नव्या हरिदास कहती हैं कि गांधी परिवार वायनाड को एक विकल्प या दूसरी सीट के रूप में देखता है। राहुल गांधी पर वायनाड की जनता ने दो बार भरोसा जताया परंतु 2024 के लोकसभा चुनावों में जब उन्होंने वायनाड के साथ रायबरेली से भी जीत हासिल कर ली तब उन्होंने संसद में रायबरेली का प्रतिनिधित्व करना पसन्द किया और वायनाड से इस्तीफा दे दिया। नव्या हरिदास यह भी आरोप लगाती हैं कि गांधी परिवार ने वायनाड की समस्याओं को लेकर संसद में जोरदार तरीके से आवाज नहीं उठाई। वायनाड की जनता इस बात को अच्छी तरह समझ चुकी है कि प्रियंका गांधी वाड्रा की वायनाड से निकटता केवल उपचुनाव संपन्न होने तक ही है। स्मरणीय है कि राहुल गांधी ने वायनाड सीट से इस्तीफा देते समय कहा था कि उनका वायनाड से भावनात्मक रिश्ता है और वायनाड से उनके इस्तीफा देने के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा हमेशा वायनाड के लोगों के साथ बनी रहेंगी। वहीं प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा था कि हम दोनों भाई बहन रायबरेली और वायनाड, दोनों जगह अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। इसमें कोई संदेह नहीं कि वायनाड में त्रिकोणीय मुकाबले ने प्रियंका गांधी वाड्रा की मुश्किलों में इजाफा कर दिया है इसके बावजूद अगर वे जीत जाती हैं तो लोकसभा में वे पहली बार प्रवेश करेंगी जहां उनके भाई राहुल गांधी रायबरेली से चुनाव जीत कर पहले ही प्रवेश कर चुके हैं। उधर सोनिया गांधी इस समय राज्य सभा की सदस्य बन चुकी हैं। संसद में एक साथ गांधी परिवार के तीन सदस्यों की यह उपस्थिति भाजपा को निश्चित रूप से उस पर परिवारवाद को बढ़ावा देने के आरोप लगाने का नया अवसर प्रदान करेगी।


नोट - लेखक राजनैतिक विश्लेषक है।


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