उज्जैन : मंगलवार, मई 30, 2023/ गत 28 मई को मात्र 30 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चली हवाओं के बाद महाकाल लोक में स्थापित सप्त ऋषियों की 6 मूर्तियों के ध्वस्त होने की घटना को कांग्रेस ने सुनियोजित भ्रष्टाचार करार दिया है, इस घटना के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा गठित जांच समिति के सदस्यों ने आज महाकाल लोक पहुंचकर वहां हुए घटिया एवं गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्यों को देखा, सप्तऋषियों की खंडित मूर्तियों को भी वहां मौजूद साधु-संतों और श्रद्धालुओं के साथ देखा, उनसे चर्चाएं भी की और ऐसे घटिया निर्माण कार्यों को लेकर उनका अभिमत भी जाना। जांच समिति के साथ विषय विशेषज्ञ भी थे और मूर्ति निर्माता भी थे जिन्होंने यह दावा किया कि स्थापित मूर्तियों के निर्माण में भी बड़ा घोटाला हुआ है, वहीं यह भी आशंका जाहिर की है कि मूर्तिनिर्माण की सामग्री में चीन निर्मित सामग्रियों का उपयोग कर, बेहद ही गुणवत्ताहीन सामग्रियों का उपयोग कर घटिया स्तर का निर्माण किया गया है। जांच समिति ने नीलगंगा स्थित जूना अखाड़ा पहुंचकर पंच दशनाम अखाड़ा के प्रमुख महंत हरि गिरि महाराज से भी चर्चा की एवं उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया।

जांच समिति सदस्य सज्जन सिंह वर्मा, विधायकद्वय महेश परमार, मुरली मोरवाल, उज्जैन जिले की प्रभारी शोभा ओझा, मीडिया अध्यक्ष के के मिश्रा हैं जिनके साथ गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया व शहर कांग्रेस अध्यक्ष रवि भदौरिया सहित अनेकों कांग्रेस जन भी उपस्थित थे।

मीडिया से चर्चा करते हुए सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि कमीशन राज में 50 प्रतिशत से अधिक भ्रष्टाचार करने वालों ने भगवान को भी धोखा देने में कोई गुरेज नहीं किया है यह आश्चर्यजनक है। उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम कमलनाथ ने महाकाल लोक की कल्पना को साकार करने के लिए 350 करोड़ की योजना न केवल स्वीकार की थी बल्कि बजट आवंटन का प्रावधान भी कर दिया था, यदि उनकी सरकार नहीं जाती तो इतनी ही धनराशि में उच्च गुणवत्ता वाला बेहतर निर्माण हो जाता, किंतु शिवराज सरकार ने 800 करोड रुपयों का खर्च कर गुणवत्ता हीन निर्माण करवाकर वहां भारी भ्रष्टाचार किया है और वहां जिस स्तर का घटिया निर्माण हुआ है उसे देखकर तो यही लग रहा है कि इन निर्माण कार्यों में 50 प्रतिशत नहीं, बल्कि 80 प्रतिशत कमीशन खोरी की गई है।

समिति का यह भी कहना है कि कलेक्टर उज्जैन यदि यह कह रहे हैं कि क्षतिग्रस्त और कई जगहों से ध्वस्त सप्तऋषियों की मूर्तियों की मरम्मत कर उन्हें फिर स्थापित किया जाएगा तो क्या यह शास्त्र सम्मत है? क्या सनातन धर्म में खंडित मूर्तियों की पुनर्स्थापना और उनके पूजन का प्रावधान है? क्या कथित हिंदूवादी सरकार के नौकरशाहों को सिर्फ और सिर्फ भ्रष्टाचार करने का ही अतिज्ञान प्राप्त है? उन्हें धर्म शास्त्रों का भी अध्ययन करना चाहिए। समिति ने सीएम से यह प्रति प्रश्न किया है कि यदि भ्रष्टाचारियों को उनका संरक्षण प्राप्त नहीं है तो उन्होंने अब तक दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कोई दिखाई देने वाली असरकारक कार्यवाही क्यों नहीं की?

समिति ने कहा कि एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट जिसमें तकनीकी खामियों का भी जिक्र किया जाएगा, कमलनाथ को सौंप देंगे, अध्ययन उपरांत दोषियों के विरुद्ध एफआईआर भी करवाई जाएगी और हाईकोर्ट में भी उच्च स्तरीय जांच के लिए जनहित याचिका दायर की जाएगी।


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