मुरैना : बुधवार, नवम्बर 30, 2022/ सिविल सर्जन डॉ. विनोद गुप्ता ने कहा है कि स्वस्थ शरीर के लिए स्वस्थ दिल का होना बहुत आवश्यक है। इसलिए दिल के प्रति लापरवाही बिल्कुल भी नहीं बरतनी चाहिए, अनियमित आहार के कारण 30 से 40 वर्ष की उम्र के बाद लोगों को दिल के रोग होने लगते है। यह समस्या आम हो चुकी है कि हर परिवार में कोई न कोई सदस्य हृदय रोग से ग्रसित है। महिला, पुरुष ही नहीं, अब तो बच्चे भी इस बीमारी का शिकार होते जा रहे है। दुनिया में मृत्यु और विकलांगता का प्रमुख कारण है कि हृदय रोग हर साल किसी ओर रोग की तुलना में अधिक मोते होती है। इसलिए जरूरी है, हम अपने हृदय की सेहत का खास ख्याल रखें, दिल की बीमारी के लक्षणों को समय रहते पहचान कर लिया जाये तो गंभीर दिल की बीमारी से बचा जा सकता है।


दिल की बीमारी के लक्षण
सिविल सर्जन डॉ. विनोद गुप्ता ने बताया कि गर्दन, कंधे, जोड़ों, छाती व हाथों में दर्द का होना, जुखाम-खांसी में थूक सफेद या गुलाबी रंग का आना, सांस लेने में तकलीफ, पसीना आना, पेरों में सूजन, चक्कर आना आदि दिल की बीमारी के लक्षण हो सकते है। आरएमओ डॉ. सुरेन्द्र गुर्जर ने आमजन से अपील की है कि जिला चिकित्सालय मुरैना में प्रतिदिन एन.सीडी क्लीनिक में रोंगों की जांच की जाती है। इसलिए जिला चिकित्सालय आकर चिकित्सक को दिखायें व उपचार लें, जिससे हृदय घात जैसी बीमारियों से बचा जा सके।


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