भोपाल : शनिवार, नवम्बर 26, 2022/ शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित माना गया है। शनि ढैया और साढ़ेसाती का प्रकोप झेल रहे जातक इस दिन कई तरह के उपाय कर सकते हैं। ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं।

न्याय के देवता कहे जाने वाले शनिदेव अच्छे कर्म करने वालों को शुभ फल प्रदान करते हैं,अन्याय करने वालों को दंड भी देते हैं। शनिदेव की पूजा के लिए शनिवार उत्तम दिन माना गया है। शनि की चाल धीमी है यही वजह है कि अगर वो किसी की कुंडली में प्रवेश कर जाएं तो लंबे समय तक उनका प्रभाव रहता है। शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती से मिलने वाले कष्टों को दूर करने के लिए भी शनिवार के दिन बहुत सारे उपाय किए जाते हैं।

किसी भी राशि पर शनि की साढ़ेसाती तीन चरणों में चलती है। पहला,दूसरा और तीसरा चरण। दूसरा चरण सबसे ज्यादा कष्ट कारी माना जाता गया है। इस चरण में व्यक्ति को असफलताएं, बीमारियां और दु्र्भाग्य का साया रहता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण आर्थिक,दूसरा पारिवारिक और तीसरा चरण में सबसे ज्यादा सेहत पर पड़ता है।

शनिवार का दिन भगवान शनिदेव को समर्पित होता है। शनिवार के दिन शनिदेव के दर्शन और हनुमान चालीसा का पाठ करना लाभकारी माना जाता है। शनिदोष से मुक्ति पाने के लिए हर शनिवार को आटा, काले तिल, चीनी मिला लें और मिश्रण को अच्छी तरह तैयार कर लें। अब इस मिश्रण को चीटियों को खिलाएं। शनिवार के दिन तांबे के बर्तन में जल लेकर शिवलिंग पर चढ़ाना बहुत ही अच्छा माना जाता है। शनिवार के दिन एक कटोरी में तेल लें। इसमें अपना मुख देखें, फिर इस तेल को किसी गरीब व्यक्ति को दान कर दें। शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं। पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं और "ॐ श्री शनैश्चराय नम:" मंत्र का रुद्राक्ष की माला में 108 बार जाप करें।

शनिदेव को प्रसन्न करने करें यह उपाय है गरीबों को काली छतरी, काले जूते, काली उड़द, काला कपड़ा दान करें। शनिवार को काले व हरे वस्त्रों का प्रयोग न करें। काले घोड़े की नाल का प्रयोग करें, गरीबों को भोजन कराएं। शनिदेव की सच्चे मन से पूजा की जाए तो वो अपने भक्तों को मुसीबत से बचा लेते हैं। ऐसे में शनिदेव के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए शनिवार के दिन काला तिल और सरसों का तेल शनिदेव को अर्पित करें।


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