नवम्बर 7, 2022/ भारत में हर साल की 7 नवंबर को “राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता” दिवस मनाया जाता है। राष्ट्रीय स्तर पर इस दिवस को मनाने का उद्देश्य कैंसर बीमारी के सन्दर्भ में लोगों के मध्य शिक्षा और जागरूकता बढ़ाना तथा सरकार समेत सभी हितधारकों को कार्रवाई करने के लिए संवेदनशील बनाना है। आम जनमानस में जागरूकता लानी होगी ताकि लोग अपने शरीर में होने वाले असामान्य परिवर्तन को पहचान सके।

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के अनुसार कैंसर विश्‍व के सबसे अधिक जानलेवा रोगों में से एक है। जो लोगों में मौत का कारण बनती है। भारत में हर वर्ष कैंसर के लगभग 11 लाख नए रोगियों की पहचान होती है। पिछले आठ वर्षों से प्रत्‍येक वर्ष सात नवंबर को राष्‍ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस मनाया जाता है। पुरषों में गले से लेकर सिर तक कैंसर और महिलाओं में सर्वाइकल और ब्रेस्ट कैंसर के मामले ज्यादा होते हैं। कैंसर तंबाकू और गलत लाइफस्टाइल की वजह से होते हैं। आजकल महिलाओं में भी शारीरिक श्रम बहुत कम हो गया है। देरी से शादी, देरी से बच्चे होना, तंबाकू व मादक पदार्थों के सेवन करना इन्ही वजह से ऐसे मामले अधिक आ रहे हैं।

1933 में अंतर्राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ ने स्विट्जरलैंड में जिनेवा में पहली बार विश्व कैंसर दिवस मनाया। यह दिवस कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने, लोगों को शिक्षित करने, इस रोग के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दुनिया भर में सरकारों और व्यक्तियों को समझाने तथा हर साल लाखों लोगों को मरने से बचाने के लिए मनाया जाता है।

भारत में, इस स्थिति के बारे में जागरूकता की आवश्यकता इस तथ्य से उत्पन्न होती है कि बाद में बड़ी संख्या में कैंसर के मामलों का पता लगाया जाता है, जिससे बचने की संभावना कम हो जाती है। राष्ट्रीय स्तर पर इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों में कैंसर रोग के बारे में शिक्षा और जागरूकता बढ़ाना और सरकार सहित सभी हितधारकों को कार्रवाई करने के लिए संवेदनशील बनाना है।

कैंसर से बचाव संभव है उसके लिए कुछ उपाय समय से हेपेटाइटिस बी का टिका लगवाएं, स्तन कैंसर की पहचान के लिए स्वतः परिक्षण करे, कैंसर के शुरुआती पहचान के लिए नियमित जांच कराएं , स्वस्थ भोजन में फल सब्जियों की मात्रा बढ़ाएं, शरीर का वजन सामान्य बनायें रखें, तम्बाखू और शराब का सेवन नहीं करें और स्वछता का ख्याल रखें।

सही समय पर कैंसर का पता चल जाए तो 80 प्रतिशत तक कैंसर का रोगी ठीक होकर सामान्य जीवन जी सकता है। भारत में इम्यूनोथेरेपी, टारगेट थेरेपी, प्रोटोनथेरेपी जैसे एडवांस तरीके आए हैं। इसके अलावा सर्जरी के एरिया को कम करने के लिए मिनिमाइल इनवेजेंडा सर्जरी, लेग्नोकेम थेरेपी विकसित किए गए हैं।


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