नई दिल्‍ली : नवम्बर 23, 2022/ केंद्रीय उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय इसके लिए 25 नवंबर, 2022 से नया फ्रेमवर्क लागू करने जा रहा है। नए दिशा-निर्देशों के तहत, जो वेबसाइट समीक्षा में गड़बड़ियां जारी रखेंगी, उन्हें अनुचित कारोबारी तौर-तरीकों में शामिल माना जाएगा।

सरकार के इस कदम से जहां अच्छी सेवा और उत्पाद बेचने वाली कंपनियों को लाभ होगा, वहीं उपभोक्ताओं को ठगने वालों पर नियंत्रण लगाने में मदद मिलेगी। बढ़ती शिकायतों को देखते हुए नियमावली तैयार करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था। इसमें प्रमुख ई-कामर्स कंपनियों के साथ उद्योग व व्यापार संगठनों के प्रतिनिधियों भी शामिल थे। उन पर उपभोक्ता आयोग दंडात्मक कार्रवाई कर सकता है। वहीं उन रिव्यू को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है जो थर्ड पार्टी की ओर से लिखवाए या खरीदे गए हों।

यह फ्रेमवर्क ई-कॉमर्स कंपनियों, सोशल मीडिया कंपनियों और उन सभी प्लेटफॉर्म पर लागू होगा, जो किसी न किसी रूप में रिव्यू प्रकाशित कर रहे हैं। इनमें किसी सेवा या उत्पाद के सप्लायर, उनसे अनुबंधित थर्ड पार्टी या स्वतंत्र थर्ड पार्टी भी शामिल। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने ऑनलाइन उपभोक्ता समीक्षाओं के लिए एक नया मानक 'आईएस 19000:2022' तैयार किया है। ये मानक किसी भी ऐसे संगठन पर लागू होंगे जो उपभोक्ता समीक्षाओं को ऑनलाइन प्रकाशित करता है।

ऑनलाइन शॉपिंग, होटल बुकिंग, ट्रेवल बुकिंग और रेस्टोरेंट के खाने व सर्विस से जुड़े किसी प्रोडक्ट के बारे में फर्जी रिव्यू लिखना या लिखवाना अब कंपनियों को बहुत भारी पड़ेगा। सरकार ने फर्जी और पेड रिव्‍यू पर लगाम लगाने के लिए नए मानक लागू करने की घोषणा की। उन पर उपभोक्ता आयोग दंडात्मक कार्रवाई कर सकता है।


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