कृष्णमोहन झा

अयोध्या में नवनिर्मित भव्य राम मंदिर में संपूर्ण विधि विधान से रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न होने के बाद से ही प्रतिदिन श्रद्धालु जनों की भारी भीड़ अयोध्या पहुंच रही है। इसी क्रम में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य मंत्रिमंडल के सभी सदस्य गत दिवस रामलला के दर्शन हेतु अयोध्या पहुंचे। इस अवसर पर मोहन यादव सरकार के मंत्रियों ने नवनिर्मित मंदिर का अवलोकन भी किया। रामलला की भव्य प्रतिमा और नवनिर्मित मंदिर की भव्यता ने मंत्रियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मात्र एक दिवसीय प्रवास पर अयोध्या पहुंचे मंत्रियों की सामूहिक राय यही थी कि रामलला की मनोहारी प्रतिमा और मंदिर की भव्यता को निहारने के लिए एक दिन का समय अपर्याप्त है। मंत्रीगण जब पारंपरिक नागर शैली में निर्मित नव्य भव्य मंदिर के सभी स्तंभों और दीवारों पर अंकित हिंदू देवी-देवताओं के मनोहारी चित्रों का अवलोकन कर रहे थे तो उनकी वहां से आगे बढ़ने की इच्छा ही नहीं हो रही थी। मंत्रियों का कहना था कि अयोध्या में रामलला की भव्य प्रतिमा के दर्शन और मंदिर की भव्यता देखकर उन्हें जो अनुभूति हुई वैसी अनुभूति उन्हें अपने जीवन में पहले कभी नहीं हुई।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राम लला की प्रतिमा को सपरिवार साष्टांग दंडवत प्रणाम करने के पश्चात् कहा- " प्रभु श्री राम के दर्शन कई जन्मों के पुण्य प्राप्त का प्रसाद है। ऐसा लगा जैसे प्रभु साक्षात अपने रूप में विराजमान हैं। जीवन धन्य हो गया।" मंदिर के अंदर रामलला के दर्शनों के पश्चात् मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों ने भावविभोर हो कर संपूर्ण भक्ति भाव से कुछ देर भजन भी किया। ईश्वर भक्ति के उन पलों में हुए अपार आनंद की अनुभूति को शब्दों में व्यक्त करना मुश्किल है। मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों ने रामलला से एक ही प्रार्थना की कि उन्हें जीवन में बार-बार अयोध्या आकर अपने आराध्य के दर्शन लाभ का सौभाग्य प्राप्त मिलता रहे । मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में सभी मंत्रियों ने भगवान श्री राम से मध्य प्रदेश सहित समस्त देशवासियों की सुख समृद्धि की कामना की। मोहन यादव सरकार के सभी सदस्य अयोध्या की यात्रा के दौरान भजन पूजन में इतने लीन हो गए थे कि उन्हें यह अहसास ही नहीं हुआ कि यात्रा का समय कैसे बीत गया।

उल्लेखनीय है कि मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य मंत्रिमंडल के सदस्यों के अयोध्या प्रवास के पूर्व आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया है कि राज्य सरकार अयोध्या धाम में एक सर्वसुविधायुक्त धर्मशाला का निर्माण करेगी । इसके अलावा मध्य प्रदेश के महत्व पूर्ण सभी देवस्थानों पर भी धर्मशालाओं का निर्माण की पहल करेगी। राज्य सरकार अन्य प्रदेशों की सरकारों को मध्य प्रदेश में देवालयों में उनकी ओर से धर्मशालाओं के निर्माण के लिए प्रोत्साहित करेगी और इसके काम में राज्य सरकार की ओर से उन्हें पर्याप्त सहयोग प्रदान किया जाएगा। सरकार मंदिरों में श्रद्धालु जनों के लिए आवश्यक पूजन सामग्री वस्त्र व श्रंगार सामग्री के निर्माण को कुटीर उद्योग के रूप में विकसित करेगी। आदि उक्त बैठक में किए गए फैसलों और संकल्पों के क्रियान्वयन हेतु एक मंत्रिमंडलीय उपसमिति का गठन किया जाएगा जिसमें राजस्व, धर्मस्व और संस्कृति विभाग को भी जोड़ा जाएगा। सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी कि मंदिर देवस्थान के साथ साथ सामाजिक चेतना और समरसता के केंद्र भी बनें।


नोट - लेखक राजनैतिक विश्लेषक है।

 


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