नई दिल्ली : सोमवार, जून 16, 2025/ उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज कहा, “आयुष्मान भारत का आशय है कि हमें डॉक्टरों, नर्सों और अर्द्धचिकित्साकर्मियों के रूप में और अधिक मानव संसाधनों की आवश्यकता है। हमें अधिक निदान केंद्रों, दवाओं के लिए और अधिक आउटलेट, व्यापक शोध की आवश्यकता है। हमें सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में अस्पतालों, स्वास्थ्य सेवा केंद्रों की आवश्यकता है।”
जेआईपीएमईआर पुडुचेरी में छात्रों और संकाय सदस्यों के साथ बातचीत के दौरान स्वास्थ्य के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, “राष्ट्र का स्वास्थ्य, विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। कोई व्यक्ति बहुत प्रतिभाशाली, बहुत उत्सुक, प्रतिबद्ध हो सकता है। वह समाज को सब कुछ देने का इच्छुक हो सकता है, उसका कोई स्वार्थ नहीं है। लेकिन यदि उसका स्वास्थ्य अच्छा न हो, तो क्या होगा! जो हमेशा दूसरों के कल्याण के लिए योगदान करने को उत्सुक रहता है, वह दूसरों की सहानुभूति का पात्र बन जाता है। इसलिए, एकमात्र उत्तर फिट इंडिया ही हो सकता है और आप इसके प्रहरी हैं।”
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर जोर देते हुए उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा, “लगभग दो महीने पहले, हम सभी चिंतित, परेशान और सदमे में थे। 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादियों ने हम पर हमला किया – उन्होंने हमारे लोकाचार को चुनौती दी। दुनिया का सबसे शांतिप्रिय राष्ट्र, एक ऐसा राष्ट्र, जो कभी विस्तारवाद में लिप्त नहीं रहा, उसने इस भयावह आतंकवादी हमले का सामना किया। प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को वचन दिया: हम आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। और, मैं अपने सशस्त्र बलों को प्रधानमंत्री के वादे को सही साबित करने के लिए बधाई देना चाहता हूँ, क्योंकि मुरीदके और बहावलपुर हमारे ब्रह्मोस की शक्ति के प्रमाण के साक्षी हैं। जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालयों को – विनाशकारी रूप से – नपे-तुले, सटीक और सुनियोजित हमलों द्वारा नेस्तनाबूद कर दिया गया। पूरी दुनिया को इस बात का सबूत दिया गया – कि यह एक अलग तरह का भारत है: साहसी, आश्वस्त, लेकिन सुनियोजित। क्योंकि युद्ध कोई समाधान नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने संकेत दिया है – हम युद्ध के युग में नहीं रह रहे हैं। हमें कूटनीति और संवाद का सहारा लेना होगा, लेकिन हमारा संदेश ज़ोरदार और स्पष्ट गया है। दुनिया को एहसास हो गया है कि रक्षा सामग्री का स्वदेशी उत्पादन हमारे लिए बहुत मायने रखता है।”
उन्होंने कहा, “किसी भी प्रगति के लिए शांति अनिवार्य पहलू है और शांति ताकत की स्थिति से आती है। शांति की सबसे अच्छी गारंटी यह है कि हम युद्ध के लिए हमेशा तैयार रहें और यह तभी संभव है जब राष्ट्रीय मानसिकता राष्ट्र प्रथम की हो। हमें अपने राष्ट्रवाद पर भरोसा करना होगा।”
बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों को भेजने के हाल के फैसले की प्रशंसा करते हुए उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा, “इसलिए मैं सभी से – विशेष रूप से देश के राजनीतिक वर्ग से – अपील करता हूँ कि राष्ट्रवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे राजनीतिक दलों और हितों से बढ़कर हैं। मुझे यह जानकर खुशी हुई कि प्रधानमंत्री द्वारा सांसदों का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विदेश भेजने के दूरदर्शी कदम को देश और बाहर यथोचित प्रतिक्रिया मिली है। सभी राजनीतिक दल एकजुट हुए हैं। यह वही भारत है, जिसकी हमें हर दिन राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रीय विकास के लिए जरूरत है। मुझे यकीन है कि यह बेहद सफल रहेगा।”
इस अवसर पर पुडुचेरी के माननीय उपराज्यपाल के. कैलाशनाथन, पुडुचेरी के माननीय मुख्यमंत्री एन. रंगासामी, पुडुचेरी विधानसभा के माननीय अध्यक्ष आर. सेल्वम, राज्य सभा के माननीय सदस्य एस. सेल्वागणपति, लोक सभा के माननीय सदस्य वी. वैथिलिंगम, इंदिरा नगर निर्वाचन क्षेत्र के विधायक वी. अरौमौगामे, ए.के.डी., संकाय सदस्य, छात्र और अन्य लोग उपस्थित थे।