नई दिल्ली : मंगलवार, जून 10, 2025/ केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री ने आज मुंबई में वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) की 29वीं बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी भी उपस्थित रहे।
एफएसडीसी ने दूसरी बातों के साथ-साथ व्यापक वित्तीय स्थिरता और उनसे निपटने के लिए भारत की तैयारियों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की। साइबर सुरक्षा विनियमों, क्षेत्रीय तैयारियों और वित्तीय क्षेत्र मूल्यांकन कार्यक्रम (एफएसएपी) 2024-25 की सिफारिशों के विश्लेषण के आलोक में, एफएसडीसी ने वित्तीय क्षेत्र-विशिष्ट साइबर सुरक्षा रणनीति के जरिए भारतीय वित्तीय क्षेत्र के साइबर रेसिलिएंस फ्रेमवर्क को मजबूत करने पर विचार किया।
एफएसडीसी ने घरेलू और वैश्विक मैक्रो-वित्तीय स्थिति से उभरते रुझानों पर विचार-विमर्श किया और सतर्क रहने की आवश्यकता पर बल दिया। परिषद ने वित्तीय प्रणाली के लचीलेपन के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपायों को अपनाते हुए वित्तीय स्थिरता के लिए संभावित जोखिमों को कम करने के लिए सक्रिय प्रयासों की जरूरतों को पहचाना। सदस्यों ने वित्तीय क्षेत्र के व्यापक विकास के लिए अंतर-नियामक समन्वय को सुदृढ़ करने का निर्णय लिया।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने परिषद से सक्रिय कदम उठाने का आह्वान किया जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि नागरिकों को वित्तीय क्षेत्र में केवाईसी प्रक्रियाओं के संबंध में एक सहज अनुभव मिले।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने विनियामकों और विभागों से विशेष जिला स्तरीय शिविर आयोजित करके दावा न की गई राशि के वास्तविक मालिकों को धन वापसी की प्रक्रिया में तेजी लाने का आग्रह किया। यह अभियान आरबीआई, सेबी, एमसीए, पीएफआरडीए और आईआरडीए के साथ-साथ बैंकों, पेंशन एजेंसियों, बीमा कंपनियों आदि के समन्वय से चलाया जाना है। दावा न की गई राशि में बैंकों में जमा राशि शामिल है; दावा न किए गए शेयर और लाभांश का प्रबंधन आईईपीएफए द्वारा किया जाता है; और दावा न किए गए बीमा और पेंशन फंड क्रमशः आईआरडीएआई और पीएफआरडीए के पास हैं।
सीतारमण ने इस विषय पर भी जोर दिया कि आम नागरिकों के हितों को ध्यान में रखा जाना चाहिए और इसलिए सही दावेदारों के दावों को शीघ्रता से वापस किया जाना चाहिए।
एफएसडीसी ने आरबीआई के गवर्नर की अध्यक्षता वाली एफएसडीसी उप-समिति की ओर से की गई गतिविधियों और एफएसडीसी के लंबित पिछले फैसलों पर सदस्यों की ओर से की गई कार्रवाई पर भी ध्यान दिया।
एफएसडीसी की 29वीं बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर संजय मल्होत्रा, वित्त सचिव और वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ, वित्त मंत्रालय में वित्तीय सेवाएं विभाग के सचिव नागराजू मद्दिराला, कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय सचिव दीप्ति गौड़ मुखर्जी, वित्त मंत्रालय में राजस्व विभाग सचिव अरविंद श्रीवास्तव, वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग की विशेष कार्य अधिकारी और मनोनीत सचिव अनुराधा ठाकुर, वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. वी. अनंत नगेश्वरन, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के अध्यक्ष तुहिन कांता पांडे, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण के अध्यक्ष के. राजारमन, भारतीय दिवाला एवं दिवालियापन बोर्ड के पूर्णकालिक सदस्य डॉ. भूषण कुमार सिन्हा, इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (सीईआरटी-इन) के महानिदेशक डॉ. संजय बहल तथा वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में एफएसडीसी के सचिव चंचल सरकार भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।




