केंद्र की मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल का प्रथम वर्ष पूर्ण कर लिया है। इस मौके पर मोदी सरकार के विगत एक वर्ष की उपलब्धियों का मूल्यांकन स्वाभाविक है। इस एक वर्ष में सरकार के सामने कई कठिन चुनौतियां भी आईं परंतु उसने हर चुनौती का डटकर मुकाबला करते हुए अपनी राह बनाने में सफलता हासिल की। सरकार को मुश्किल में डालने के प्रयास भी निरंतर होते रहे परंतु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी टीम के विलक्षण राजनीतिक चातुर्य और अद्भुत कर्मठता ने उन प्रयासों को कभी कामयाब नहीं होने दिया। यह सिलसिला अभी भी जारी है और इस पर अगले चार सालों तक भी विराम लगने की कोई संभावना नहीं आती लेकिन प्रधानमंत्री मोदी को उनकी राह में आने वाली बड़ी से बड़ी बाधा भी कभी विचलित नहीं कर पाई। हमेशा की भांति अपने कर्त्तव्य पथ के मार्ग में आने वाली हर बाधा को उन्होंने पिछले एक साल के दौरान भी अपनी इच्छा शक्ति के आगे हार मानने के लिए मजबूर कर दिया।
अगर हम मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के प्रथम वर्ष की उल्लेखनीय उपलब्धियों की तालिका तैयार करें तो निःसंदेह पाकिस्तान सरकार और वहां की सेना के संरक्षण में फलने फूलने वाले आतंकी ठिकानों पर आपरेशन सिंदूर के माध्यम से की गई सैन्य कार्रवाई को शीर्ष पर रखा जाना चाहिए।भारतीय सेना के तीनों अंगों के इस संयुक्त सैन्य अभियान में पाकिस्तान में चल रहे आतंकी ठिकानों को न नेस्तनाबूद कर दिया बल्कि सौ से अधिक आतंकवादियों को भी मौत के घाट उतार दिया। पहलगाम की कायरतापूर्ण आतंकी वारदात का मुंह तोड़ जवाब देने के लिए प्रधानमंत्री ने भारतीय सेना को फ्री हैंड दे दिया था। भारतीय सेना की ताकत ने मात्र चार दिनों में पाकिस्तान को इस तरह घुटनों पर ला दिया कि वहां की शहबाज शरीफ सरकार भारत से युद्ध विराम के लिए गिड़गिड़ाने पर मजबूर हो गई। आपरेशन सिंदूर की शानदार सफलता के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आतंक वाद के मुद्दे पर दुनिया के सामने पाकिस्तान को बेनकाब करने के उद्देश्य से विभिन्न देशों में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने की जो पहल की उसने आपरेशन सिंदूर के पक्ष में वैश्विक राय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज स्थिति यह है कि कुछ गिने चुने देशों को छोड़कर दुनिया के अधिकांश देश भारत के पक्ष में लामबंद हो चुके हैं ।
आज से 11 वर्ष पूर्व देश के सर्वाधिक लोकप्रिय राजनेता के रूप में नरेंद्र मोदी ने नये भारत के निर्माण के संकल्प के साथ जब पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी तब उनके सामने हर मोर्चे पर कठिन चुनौतियों मुंह बाए खड़ी थीं लेकिन प्रधानमंत्री ने अपनी अद्भुत इच्छा शक्ति , विलक्षण कार्यशैली, कर्मठ व्यक्तित्व, तीक्ष्ण बुद्धि, विरोधियों को हतप्रभ कर देने वाले राजनीतिक चातुर्य के बल पर हर कठिन चुनौती को हार मान लेने के लिए विवश कर दिया।
प्रधानमंत्री मोदी के विराट व्यक्तित्व के आगे विपक्ष बौना नजर आने लगा। देश में विकास के नये युग की शुरुआत का संकल्प लेकर पिछले 11 सालों में मोदी सरकार ने अनेकों जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से देश की तस्वीर बदलने में जो सफलता अर्जित की उसने यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जनता के भरोसे को निरंतर मजबूत किया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने हर कार्य काल में महिलाओं, युवाओं, किसानों और गरीबों की खुशहाली सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान दिया है। मोदी सरकार ने विकसित भारत के सुनहरे स्वप्न को साकार करने की में तेजी से कदम बढ़ाते हुए अनेक महत्वपूर्ण पड़ाव तय किए हैं परन्तु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को विकास यात्रा की राह में आने वाले मील के पत्थर गिनने की फुरसत नहीं है। उनका लक्ष्य तो भारतीय अर्थव्यवस्था को विश्व में अग्रणी स्थान पर प्रतिष्ठित कर भारत को विकसित राष्ट्रों की कतार में अग्रणी स्थान का गौरव दिलाना है।
केंद्र अपनी सरकार के 11 वर्ष पूर्ण होने के अवसर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि है हमारी सरकार ने योजनाओं के केंद्र में गरीब भाई बहनों के साथ जन जन का कल्याण ही रहा है। हमने पूरी निष्ठा और सेवा भाव के साथ लोगों की जिंदगी को आसान बनाने की कोशिश की है। प्रधानमंत्री के इन शब्दों में छिपी नेकनीयती पर कोई सवाल नहीं उठा सकता। उन्होंने हमेशा खुद को जनता का प्रधान सेवक कहा है और उनकी कार्यशैली इस कथन की पुष्टि करने के लिए काफी है। इन 11 वर्षों में सरकार की उल्लेखनीय उपलब्धियों में से अनेक उपलब्धियों को असंभव की श्रेणी में रखा जा रहा था परन्तु प्रधानमंत्री ने अपनी विलक्षण सूझबूझ और अद्भुत इच्छा शक्ति से यह साबित कर दिया कि मोदी है तो मुमकिन है।
मोदी सरकार के 11 वर्ष पूर्ण होने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कहते हैं कि इन 11 वर्षों में देश ने आर्थिक पुनरुत्थान, सामाजिक न्याय, सांस्कृतिक गौरव और राष्ट्रीय सुरक्षा का नया युग देखा है। वे कहते हैं कि जब नेतृत्व स्पष्ट, संकल्प अडिग और नीति लोकसेवा की हो तो सुरक्षा और सुशासन के कीर्तिमान बनते हैं। अमित शाह ने इन्हीं गौरवशाली कीर्तिमानों के आधार पर मोदी सरकार के अब तक के कार्यकाल को संकल्प, साधना और समर्पण का स्वर्णिम कालखंड निरूपित किया है। उनके इस कथन में अतिशयोक्ति नहीं बल्कि ऐतिहासिक सत्य के दर्शन किये जा सकते हैं जो नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आस्था रखने वाले हर भारतीय की भावनाओं को प्रतिबिंबित करते हैं।

कृष्णमोहन झा (लेखक राजनैतिक विश्लेषक है)




