नई दिल्ली : मंगलवार, मई 20, 2025/ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को खेलों की ‘परिवर्तनकारी शक्ति’ का उल्लेख करते हुए बताया कि कैसे खेलो इंडिया बीच गेम्स देश के खेल इतिहास में एक महत्वपूर्ण कदम है। केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव में खेल आयोजकों और भारतीय खेल प्राधिकरण को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बीच गेम्स इस साल भारत में खेलों की दुनिया में विशेष लहर साबित होंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि खेलो इंडिया बीच गेम्स के आयोजन स्थल के रूप में दीव का चयन बिल्कुल सही रहा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, “सूर्य, रेत और पानी के संगम हमारी तटीय विरासत का जश्न है और यहां शारीरिक चुनौतियों का विस्तार होता है।” उन्होंने यह भी बताया, “लहरों के तट से टकराने प्रक्रिया और खिलाड़ियों के बीच प्रतिस्पर्धा साथ-साथ चलती हैं। भारत इस आयोजन के साथ खेलों के इतिहास में एक नया अध्याय लिखेगा।”
खेलो इंडिया मुहिम के तहत पहली बार आयोजित इन बीच गेम्स की औपचारिक घोषणा सोमवार को केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने दीव के घोघला बीच पर एक रंगारंग समारोह में की।
खेलो इंडिया बीच गेम्स में 30 से ज़्यादा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 1,350 से ज़्यादा एथलीट शामिल हो रहे हैं। खेलों का समापन 24 मई को होगा। एथलीट फ़ुटबॉल, वॉलीबॉल, सेपकटकरा, कबड्डी, पेनकसिलाट और ओपन वॉटर स्विमिंग में हिस्सा लेंगे और पदक के लिए अपनी चुनौती पेश करेंगे। मल्लखंब और रस्साकशी को (प्रदर्शन) खेल के रूप में शामिल किया गया है, इसलिए इन दोनों खेलों में पदक नहीं दिए जाएंगे। सोमवार की सुबह बीच सॉकर के मुकाबले हुए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, “हमारा देश विविधतापूर्ण है और हमारे यहां खेलों में हमेशा एक अनूठी शक्ति रही है जो संस्कृतियों, क्षेत्रों और भाषाओं को जोड़ती है। खेलों की जीवंत ऊर्जा मनोरंजन से कहीं आगे की बात है और अब यह एक परिवर्तनकारी शक्ति बन गई है, जो राष्ट्रीय गौरव और हमारे युवाओं की आकांक्षाओं की प्रतीक है। इस संदर्भ में खेलो इंडिया बीच गेम्स का महत्व और भी बढ़ जाता है।”
पारंपरिक नृत्य शैलियों द्वारा भारत की अद्भुत विविधता को उद्घाटन समारोह में खूबसूरती से प्रदर्शित किया गया। इस अवसर पर कई गणमान्य व्यक्तियों के अलावा दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव और लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल, पुडुचेरी के उपराज्यपाल के. कैलाशनाथन और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल एडमिरल डी.के. जोशी भी उपस्थित रहे।
डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि आज हम सिर्फ़ एक खेल आयोजन का उद्घाटन नहीं कर रहे हैं, बल्कि हम भारत की पहली बीच स्पोर्ट्स क्रांति की शुरुआत कर रहे हैं! मेरा मानना है कि जहां लहरें हैं, वहां जोश होना चाहिए; जहां रेत है, वहां जोश की आग होनी चाहिए – और खेलो इंडिया बीच गेम्स ने आज हम सभी के दिलों में वह आग प्रज्ज्वलित कर दी है। उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार का कार्यप्रणाली के अनुरूप हम सिर्फ़ औपचारिक आयोजन नहीं करते बल्कि ऐसे काम करते हैं जैसे हम एक मिशन पर हैं और यह मिशन खेलों को रोज़गार से जोड़ता है। विकसित भारत के लिए, खेलो इंडिया, युवाओं के लिए अपने सपनों को हासिल करने का एक पक्का रास्ता है।”
डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि खेलो इंडिया ने घरेलू स्तर पर और खेल जोड़े हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की तरह इस बात पर भी प्रकाश डाला कि पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने बुनियादी ढांचे में निवेश, बेहतर प्रशिक्षण सुविधाओं और खिलाड़ियों के लिए सहायक उपायों के माध्यम से खेल इको-सिस्टम को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। डॉ. मनसुख मांडविया ने विस्तार से बताया कि नए खेल “घरेलू खेल बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और दुनिया को यह मजबूत संदेश देने का एक तरीका है कि भारत किसी भी स्तर पर अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों की मेजबानी करने में सक्षम है।”
डॉ. मनसुख मांडविया ने बताया कि खेलो इंडिया बीच गेम्स को “आकस्मिक” आयोजन के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “बीच वॉलीबॉल जैसे खेल न केवल युवाओं को शौक के तौर पर आकर्षित करते हैं, बल्कि उन्हें करियर के अवसर भी प्रदान करते हैं। यह पहली बार है कि भारत के समुद्र तटों पर इतने बड़े पैमाने पर प्रतिस्पर्धी खेल आयोजित किए जा रहे हैं।”
डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि भारत फिटनेस के प्रति जागरूक राष्ट्र बन रहा है और खेल की संस्कृति “सामान्य” बन गई है अब यह कोई नई बात नहीं है। उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश के लिए सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता पर भी प्रकाश डाला।




