सहजता से सफलता तक प्रफुल्ल का सफर

मेरे मित्र प्रफुल मिश्रा का भारतीय जनता पार्टी के मंडला जिला अध्यक्ष पद पर मनोनयन किया गया है। लगभग 30 साल के राजनीतिक सफर में अनेक महत्वपूर्ण पड़ाव तय करते हुए मंडला भाजपा जिला अध्यक्ष पद पर उनका यह मनोनयन उनके अनवरत संघर्ष , असीम सहनशक्ति और समर्पण का ही सुफल है| मुझे याद है कि 1995 में जब मेरी उनसे पहली मुलाकात हुई थी तो वे गोटेगांव से लौट करके आए थे और उस समय वह स्वदेशी जागरण मंच एवं भारतीय जनता युवा मोर्चा से जुड़े हुए थे। मेरी पत्रकारिता की शुरुआत भी इस समय हुई थी। हम दोनों ने स्थानीय स्तर पर प्रकाशित होने वाले साप्ताहिक समाचार पत्र हिन्दू सहस्त्रधारा में एक साथ कार्य किया| प्रफुल्ल भाई की प्रेरणा से ही संघ और संगठन में मेरी सक्रियता बढ़ी । उस समय स्वदेशी जागरण मंच के प्रांत का कार्य तत्कालीन संगठन प्रमुख ब्रह्मचारी जी ,जो आजकल महामंडलेश्वर श्री श्री अखिलेश्वरानंद जी के नाम से जाने जाते हैं, संभाल रहे थे। प्रफुल्ल भाई को उन्होंने स्वदेशी जागरण मंच का जिला संयोजक नियुक्त किया और मुझे प्रफुल्ल भाई ने नगर का दायित्व सौंपा।

संघ ,संगठन,संस्कृति,समाज,एवं खेल की गतिविधियों में हम दोनों हमेशा साथ ही रहे। पहली बार वह जब जनपद सदस्य बने तब उन्होंने अपने क्षेत्र में विकास के महत्व पूर्ण कार्य किया। उन दिनों कांग्रेस का शासनकाल था और जनपद अध्यक्ष पद भी कांग्रेस के ही पास था।उन परिस्थितियों में कार्य कर पाना काफी कठिन था लेकिन प्रफुल्ल अविचलित भाव से अपने दायित्व निर्वाह में जुटे रहे और उनके प्रयासों का ही सुफल है कि मंडला जिले के हिरदेनगर में लगने वाला पशु मेला देश के प्रमुख पशु मेला में शामिल हो गया। इस क्षेत्र के विकास के लिए उन्हें केंद्र और राज्य से भरपूर सहयोग भी मिला। सन 2000 में मंडला सांसद फग्गन सिंह तत्कालीन अटल जी की सरकार में केंद्रीय जनजाति एवं संसदीय राज्य मंत्री थे। उन्होंने भी इस क्षेत्र को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मुझे भली भांति याद है कि जब प्रफुल्ल भाई भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष बने तब मंडला के युवाओं में भारी उत्साह था उन्होंने जबरदस्त ढंग से मंडला जिले के सभी ग्राम पंचायत स्तर तक संपर्क स्थापित किया। सभी कार्यक्रमों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही 2003 के विधानसभा चुनाव में मंडला जिले की सभी विधानसभा सीटों में भाजपा को सफलता पहली बार मिली ,पहली बार भाजपा ने मंडला लोकल सीट जीती थी मंडला जनपद अध्यक्ष रहे हमारे मित्र शिवराज शाह ने भारी मतों से जीत दर्ज की थी,जिसमें प्रफुल्ल भाई की महत्वपूर्ण भूमिका थी। एक समय तो ऐसा है जब मैं और प्रफुल्ल दिन में 10 घंटे साथ रहते थे हमने साथ मिलकर कई कार्य किया जब हमने 1999 में लोकल केबल चैनल मंडला समाचार की शुरुआत की तो उसमें भी प्रफुल्ल भाई का महत्वपूर्ण रोल हुआ करता था जनपद या जिला की कोई भी समस्या वह हमारे माध्यम से उठाया करते थे।

सार्वजनिक जीवन में प्रवेश से लेकर अब तक के मेरे पूरे सफर में प्रफुल्ल भाई का महत्वपूर्ण रोल रहा है। उनकी संघर्ष क्षमता और समर्पण ने उनके सहज सरल व्यक्तित्व को विराट रूप प्रदान किया है। हमने विधानसभा परिसीमन के दौरान भी साथ में कार्य करते हुए एक बड़ा आंदोलन खड़ा किया जिसका उद्देश्य यह था कि मंडला सीट सामान्य वर्ग के लिए घोषित की जाए। हमने इस आंदोलन की सफलता के लिए जगह जगह परिचर्चा और संवाद स्थापित कर एक माहौल तैयार किया जिसमें मेरे साथ प्रफुल्ल मिश्रा ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी लेकिन दुर्भाग्यवश राजनीति के चलते यह आंदोलन सफल नहीं हो पाया और मुझे अपनी राजनीतिक महत्वकांक्षा ने मुझे भोपाल को अपनी कर्मभूमि बनाने के लिए विवश कर दिया। यद्यपि प्रफुल्ल भाई के साथ मेरे संबंधों में आज भी वही कायम है जो अतीत में थी। इसी बीच उनके परिवार में हुए एक हादसे में उनके अनुज प्रशांत के असामयिक निधन ने गहरा सदमा पहुंचाया।

प्रफुल्ल भाई ने अपने दिवंगत अनुज की सारी जिम्मेदारी अपने कंधों पर ओढ़ ली और पारिवारिक दायित्वों का निर्वाह करते हुए वे संगठनात्मक दायित्वों का भी निष्ठापूर्वक निर्वाह करते रहे। इसमें कोई संदेह नहीं कि उन्हें पार्टी ने आज मंडला जिला के अध्यक्ष पद की जो जिम्मेदारी सौंपी है वह उन्हें दस वर्ष पूर्व ही मिलनी चाहिए थी लेकिन राजनीति में अनेक बार ऐसे अवसर आते हैं जब आपको प्रतिभावान होने के बावजूद इंतजार करना पड़ता है। ऐसा ही प्रफुल्ल भाई के साथ भी हुआ लेकिन इसमें दो राय नहीं हो सकती कि मंडला जिले में पार्टी का व्यापक जनाधार तैयार करने में प्रफुल्ल भाई का महत्वपूर्ण योगदान है। मंडला में वे संघर्ष, सेवा और समर्पण की मिसाल बन चुके हैं। उनका राजनीतिक सफर पार्टी के हर नवोदित कार्यकर्ता के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो समाज, संगठन और देश के लिए कुछ करने की भावना से ओत-प्रोत है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि प्रफुल्ल भाई का नेतृत्व मंडला जिले को नयी ऊंचाईयों तक पहुंचाने में समर्थ सिद्ध होगा।

कृष्णमोहन झा

नोट – लेखक राजनैतिक विश्लेषक हैं। आलेख में व्यक्त किए गए विचार उनके अपने हैं। संस्थान या संपादक की सहमति आवश्यक नहीं है।