क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता संग्राम का प्रेरणा स्रोत रहा है वंदे मातरम् गीत – डॉ. मोहन यादव

भोपाल : शुक्रवार, नवम्बर 7, 2025/ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व विधायक हेमंत खण्डेलवाल ने शुक्रवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में ‘वंदे मातरम@150‘ अभियान का शुभारंभ कर संबोधित किया। तत्श्चात भाजपा प्रदेश अध्यक्ष खण्डेलवाल ने स्वदेशी का संकल्प भी दिलाया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जिस भावना से स्वर्गीय बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने वंदे मातरम् गीत की रचना की थी, उसी भाव से हमने स्वर्गीय रवींद्रनाथ टैगोर को अपने स्वर में इस गीत को गाते हुए सुना है। अभी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने संबोधन में उसकी चर्चा की है। हमारी सनातन संस्कृति के माध्यम से जिस दृष्टि से भारतमाता को हजारों सालों से देखा जाता रहा है, वंदे मातरम् उसका एक लघु चित्र प्रस्तुत करता है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खण्डेलवाल ने कहा कि 07 नवंबर 1875 को स्वर्गीय बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित ‘वंदे मातरम‘ ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के रणबांकुरों में देश की आजादी की अलख को जगाया। राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम‘ नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का कार्य कर रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि वंदे मातरम् की भावना राष्ट्रप्रेम की भावना है। लेकिन आजादी के बाद कुछ दलों ने अपनी सुविधा के लिए एक दुविधाजनक मार्ग प्रस्तुत किया, जिसे छद्म सेक्युलरिज्म कहते हैं। यह वास्तव में अपने वोट बैंक की राजनीति को साधने का ही प्रयास था। कांग्रेस का चरित्र इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि वंदे मातरम् गीत में यह बताया गया है कि हमारी तीन देवियों-दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती की कृपा और आशीर्वाद अगर किसी देश पर हो, तो उसकी ताकत क्या होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार इसी भावना के साथ शासन कर रही है और पाकिस्तान की दुष्टता का जिस ताकत के साथ मोदी जी की सरकार इलाज कर रही है, वह इन तीनों देवियों की कृपा का प्रतीक है। लेकिन कुछ लोगों ने वंदे मातरम् के भाव को सगझे बिना उसे छोटे नजरिए से देखते हुए उसे एक धर्म विशेष के साथ जोड़ दिया। वंदे मातरम् की भावना से खिलवाड़ के चलते ही देश का विभाजन हुआ। वंदे मातरम् के मूल भाव को देश और दुनिया के सामने लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस गीत की 150 वीं जयंती मनाने का निर्णय लिया है, जिसके लिए मैं प्रधानमंत्री को बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि वंदे मातरम् गीत की रचना भले ही 1875 में हुई, लेकिन भावनात्मक रूप से इसकी भूमिका 1875 में ही बन गई थी। हम सभी ने देखा है कि किस तरह झांसी की रानी लक्ष्मीबाई सहित सैकड़ों क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष किया। चाहे चंद्रशेखर आजाद हों या भगतसिंह सभी की प्रेरणा वंदे मातरम् ही था। भारत की स्वतंत्रता का पूरा आंदोलन वंदे मातरम् के मूलमंत्र पर चला। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हम सभी ने देखा है कि भगवान श्री राम की जन्मभूमि को लेकर देश में कितने दंगे हुए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के उपरांत वंदे मातरम् की भावना के साथ ही भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण हुआ। उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति की हमारी जो भावना है, उसी के आधार पर ही देश की भावना बनती है। इसी भावना से प्रेरित होकर हम रहीम और रसखान का जयकारा लगाते हैं। डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं क्योंकि हमारी पार्टी इसी विचार को लेकर चल रही है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व विधायक हेमंत खण्डेलवाल ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि ‘वंदे मातरम‘ स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों को एक करके देश को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। ‘वंदे मातरम‘ आज भी देश को एक करने के लिए कार्य कर रहा है। भारत को आजादी मिलने के बाद देश के पहले राष्ट्रपति स्वर्गीय राजेन्द्र प्रसाद ने इस काव्यपाठ को जन-गण-मन की तरह समान दर्जा देते हुए राष्ट्र गीत का दर्जा दिया है। बीबीसी के एक सर्वे में ‘वंदे मातरम‘ को देश प्रेम के गीतों में विश्व के दूसरे सर्वाधिक लोकप्रिय गीत के रूप में पाया है। हमारे देश को आजादी कैसे मिली, उसका संदेश भी ‘वंदे मातरम‘ हम सभी को देता है। ‘वंदे मातरम‘ के कुछ शब्द संस्कृत के और कुछ बांग्ला भाषा के हैं। जब बांग्लादेश विभाजित हुआ, तब भी देश के नागरिकों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानिलयों ने इस गीत के माध्यम से बंगाल विभाजन का विरोध किया।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खण्डेलवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘वंदे मातरम‘ के मूल मंत्र के आधार पर भारत को दुनिया में आगे ले जाने के साथ विश्व के शिखर पर पहुंचाने के लिए कार्य कर रहे हैं। यह गीत स्वदेशी के संकल्प के साथ हर नागरिक को प्रेरणा दे रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश कार्यालय सहित प्रदेश के 10 विशेष स्थानों पर ‘वंदे मातरम@150‘ अभियान के तहत वंदे मातरम का सामूहिक गायन किया गया। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हम सभी कार्यकर्ता और आमजन मिलकर राष्ट्र प्रथम के भाव से स्वदेशी के संकल्प को लेकर आगे बढ़ेंगे और भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कार्य करेंगे। इस अवसर पर प्रदेश शासन के मंत्री विश्वास सारंग, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा, प्रदेश महामंत्री राहुल कोठारी, सांसद आलोक शर्मा, विधायक रामेश्वर शर्मा, भगवानदास सबनानी, महापौर मालती राय, प्रदेश मंत्री लोकेन्द्र पाराशर, राजेन्द्र सिंह राजपूत, राजो मालवीय, प्रदेश कार्यालय मंत्री श्याम महाजन, प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष उषा अग्रवाल, अजा मोर्चा के प्रदेश पकंज टेकाम, जिला अध्यक्ष रविन्द्र यति, वरिष्ठ नेत्री सीमासिंह जादौन, पूर्व विधायक ध्रुवनारायण सिंह, नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी सहित पार्टी के प्रदेश पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि, जिला पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

भाजपा प्रदेश कार्यालय के साथ प्रदेश के 10 विशेष स्थानों पर ‘वंदे मातरम‘ का सामूहिक गायन किया गया। इंदौर के देवी अहिल्याबाई स्मारक स्थल में वंदे मातरम के सामूहिक गान के दौरान प्रदेष शासन के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व मंत्री उषा ठाकुर, पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. निशांत खरे, सांसद शंकर लालवानी, नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा सहित पार्टी पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि व कार्यकर्ता उपस्थित रहे। जबलपुर के शंकर शाह, रघुनाथ शाह की बलिदान स्थली मालगोदाम में सामूहिक गान के दौरान प्रदेष शासन की मंत्री सम्पतिया उइके, पार्टी के प्रदेश कोषाध्यक्ष अखिलेश जैन, जिला अध्यक्ष रत्नेश सोनकर, विधायक अशोक रोहाणी उपस्थित रहे। ग्वालियर के वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई समाधि स्थल पर आयोजित वंदे मातरम के सामूहिक गान के दौरान वरिष्ठ नेता व महाराष्ट्र के सह प्रभारी जयभान सिंह पवैया, प्रदेश शासन के मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, पूर्व मंत्री माया सिंह, पूर्व सांसद विवेक नारायण शेजवलकर उपस्थित रहे। मुरैना के अमर शहीद रामप्रसाद बिस्मिल संग्रहालय पर आयोजित वंदे मातरम के सामूहिक गान के दौरान प्रदेश शासन के मंत्री ऐदल सिंह कंषाना, सांसद शिवमंगल सिंह तोमर, जिला अध्यक्ष कमलेश कुशवाह, महापौर शारदा सोलंकी सहित आमजन शामिल रहे।

वहीं उज्जैन के महाकाल लोक में आयोजित वंदे मातरम के सामूहिक गान में प्रदेष शासन के मंत्री गौतम टेटवाल, सांसद बाल योगी उमेशनाथ महाराज, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, महापौर मुकेश टटवाल, नगर निगम सभापति कलावती यादव उपस्थित रहीं। नर्मदापुरम के मां नर्मदा तट सेठानी घाट पर प्रदेश शासन के मंत्री उदय प्रताप सिंह, विधायक डॉ. सीताशरण शर्मा, महिला मोर्चा की प्रदेष अध्यक्ष व सांसद माया नारोलिया, जिला अध्यक्ष प्रीति शुक्ला, विधायक विजयपाल सिंह, ठाकुरदास नागवंशी, प्रेमशंकर वर्मा सहित अन्य गणमान्यजनों ने वंदे मातरम का सामूहिक गायन किया। शहडोल के शहीद स्मारक में आयोजित वंदे मातरम के सामूहिक गान के दौरान प्रदेश शासन के मंत्री दिलीप जायसवाल, पार्टी की प्रदेष उपाध्यक्ष व विधायक जयसिंहनगर मनीषा सिंह, जिला अध्यक्ष अमिता चपरा उपस्थित रही। रीवा के शहीद लाल पदमधर सिंह पार्क मे आयोजित वंदे मातरम के सामूहिक गान के दौरान जिला अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार गुप्त, सांसद जनार्दन मिश्रा सहित हजारों लोग उपस्थित रहे। सागर के वीरांगना लक्ष्मीबाई प्रतिमा के समक्ष आयोजित वंदे मातरम के सामूहिक गान के दौरान जिला अध्यक्ष श्याम तिवारी, विधायक शैलेंद्र कुमार जैन, प्रदीप लारिया, महापौर संगीता तिवारी सहित पार्टी पदाधिकारी कार्यकर्त्ता उपस्थित रहे।

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