नई दिल्ली : गुरूवार, अक्टूबर 2, 2025/ गांधी जयंती के अवसर पर केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह आज नई दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित खादी इंडिया शोरूम गए। शाह ने खादी उत्पाद ख़रीदे और ऑनलाइन पेमेंट की। इस अवसर पर केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी ने ही भारत की आत्मा को पहचाना और देश के जनसाधारण को जागरूक कर अंग्रेज़ों के खिलाफ खड़ा किया। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने आज़ादी के आंदोलन में कई सारी ऐसी चीज़ों को बुना, जिनसे आज तक भविष्य के भारत का नक्शा बन रहा है। शाह ने कहा कि उन्हीं चीज़ों में से दो बड़े विचार निकले- खादी और स्वदेशी। हम आज़ादी के आंदोलन को खादी औऱ स्वदेशी से अलग कर के नहीं देख सकते। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने देश को स्वदेशी और खादी का विचार देकर आज़ादी के आंदोलन को तो गति दी ही, साथ ही देश के अनेक गरीबों के जीवन में प्रकाश भरने का काम भी किया।
अमित शाह ने कहा कि बहुत लंबे समय तक खादी औऱ स्वदेशी दोनों विचारों को भुला दिया गया था। 2003 में जब नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने वहां खादी को पुनर्जीवित करने का बहुत बड़ा अभियान चलाया और वहीं से इस आंदोलन की शुरूआत हुई। गृह मंत्री ने कहा कि खादी फिर से जन-जन के उपयोग की वस्तु बन गई है। उन्होंने कहा कि 11 सालों में खादी और ग्रामोद्योग के उत्पादों की बिक्री ₹33000 करोड़ से 5 गुना बढ़कर ₹1 लाख 70 हज़ार करोड़ को पार कर गई है, जो एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में स्वदेशी के विचार को उठाकर देश की जनता को देश के आर्थिक विकास और मेक इन इंडिया अभियान के साथ जोड़ने का संदेश दिया है। इससे प्रेरित होकर देश के लाखों परिवारों ने यह तय किया है कि वे अपने परिवार में किसी भी विदेशी वस्तु का उपयोग नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार, देश के लाखों दुकानदारों ने तय किया है कि उनकी दुकान में किसी भी विदेशी माल की बिक्री नहीं होगी।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने खादी और स्वदेशी के अभियानों को सफल बनाने के लिए देश की जनता से अपील करते हुए कहा कि देश के हर परिवार को तय करना चाहिए कि वे हर साल कम से कम 5000 रुपये के खादी उत्पाद खरीदें। इससे लाखों लोगों को रोज़गार मिलेगा और उनके जीवन में प्रकाश आएगा। शाह ने कहा कि जब हम स्वदेशी का व्रत अपनाते हैं तो भारत को 2047 तक दुनिया में सर्वोच्च स्थान पर ले जाने के महत्वाकांक्षी अभियान के साथ भी खुद को जोड़ते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा चलाए गए खादी के उपयोग और स्वदेशी को अपनाने के दोनों अभियानों हमें ताकत देनी चाहिए। इन्हें हम अपने स्वभाव का हिस्सा बनाएं और अपनी आने वाली पीढ़ियों को ये दोनों अभियान हम देकर जाएं।