जी4 देशों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आतंकवाद के खात्मे और वैश्विक शांति पर जोर दिया

नई दिल्ली : रविवार, सितम्बर 28, 2025/ विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, ब्राज़ील के विदेश मंत्री मौरो विएरा और दक्षिण अफ्रीका की महिला, युवा तथा विकलांग- जन मामलों की अध्यक्षीय मंत्री सिंडीसिवे चिकुंगा ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर एक बैठक की। 13वीं आईबीएसए त्रिपक्षीय मंत्रिस्तरीय आयोग की बैठक के मीडिया वक्तव्य में, मंत्रियों ने जम्मू – कश्मीर के पहलगाम में हाल में हुए आतंकवादी हमले में नागरिकों की नृशंस हत्या की कड़ी निंदा की।

मंत्रियों ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों को बिना शर्त अस्वीकार करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, आतंकवाद को कतई बर्दाश्‍त न करने का आग्रह किया, आतंकवाद का मुकाबला करने में दोहरे मानदंडों को अस्वीकार किया, और इस बात पर ज़ोर दिया कि आतंकवाद-रोधी सभी उपायों को अंतर्राष्ट्रीय कानून का पूरी तरह से पालन करना चाहिए।

उन्होंने इस क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय समन्वयकारी भूमिका को रेखांकित किया और संयुक्त राष्ट्र महासभा के ढांचे के भीतर अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर एक व्यापक सम्मेलन आयोजित करने के महत्व को दोहराया। उन्होंने वित्तीय खुफिया जानकारी के वैध और प्रभावी आदान-प्रदान को सुनिश्चित करते हुए, अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने की आवश्यकता पर बल दिया।

मंत्रियों ने अल-कायदा, आईएसआईएस, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, अन्य प्रॉक्सी समूहों और उनके सहायकों सहित सभी संयुक्त राष्ट्र सूचीबद्ध आतंकवादियों और आतंकवादी संस्थाओं के खिलाफ ठोस कार्रवाई का आह्वान किया।

मंत्रियों ने याद दिलाया कि आईबीएसए की स्थापना एशिया, दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका के तीन बड़े बहुलवादी, बहु-सांस्कृतिक और बहु-जातीय लोकतंत्रों के बीच वैश्विक मुद्दों पर समन्वय को बढ़ावा देने के लिए की गई थी। मंत्रियों ने यूक्रेन में संघर्ष के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने सभी संबंधित पक्षों से तनाव कम करने और सीधी बातचीत को बढ़ावा देने का आह्वान किया, ताकि अंतर्राष्ट्रीय कानून और बहुपक्षवाद के अनुरूप एक संभावित शांति स्थापित की जा सके।

एजुलविनी सहमति के नाम से जानी जाने वाली यह स्थिति संयुक्त राष्ट्र की स्थायी सदस्यता से अफ्रीका के बहिष्कार को उजागर करती है और सुरक्षा परिषद में अफ्रीका के लिए कम से कम दो स्थायी सीटों की वकालत करती है। विदेश मंत्रियों ने कहा कि सुरक्षा परिषद का व्यापक सुधार सभी के हित में है। लोकतांत्रिक मूल्यों, कानून के शासन, संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों और बहुपक्षवाद के प्रति प्रतिबद्ध जी4 देश अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने की जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार और सक्षम हैं।

 

 

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