नई दिल्ली : शनिवार, जुलाई 12, 2025/ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के मराठा सैन्य परिदृश्यों को प्रतिष्ठित यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में शामिल किए जाने पर अत्यधिक गर्व और खुशी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि अंकित धरोहर में 12 भव्य किले शामिल हैं- 11 महाराष्ट्र में और 1 तमिलनाडु में स्थित है।
प्रधानमंत्री ने मराठा साम्राज्य के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “जब हम गौरवशाली मराठा साम्राज्य की बात करते हैं, तो हम इसे सुशासन, सैन्य शक्ति, सांस्कृतिक गौरव और सामाजिक कल्याण पर जोर के साथ जोड़ते हैं। ये महान शासक हमें किसी भी अन्याय के आगे झुकने से मना करने के लिए प्रेरित करते हैं।” उन्होंने नागरिकों से मराठा साम्राज्य के समृद्ध इतिहास के बारे में जानने के लिए इन किलों का भ्रमण करने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने 2014 में रायगढ़ किले की अपनी यात्रा की यादें साझा की और एक तस्वीर भी साझा की जिसमें उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रधानमंत्री ने उक्त सम्मान के बारे में यूनेस्को की एक पोस्ट का उत्तर देते हुए कहा “हर भारतीय इस सम्मान से उत्साहित है। इन ‘मराठा सैन्य परिदृश्यों’ में 12 भव्य किले शामिल हैं जिनमें से 11 महाराष्ट्र में और 1 तमिलनाडु में हैं।
जब हम गौरवशाली मराठा साम्राज्य की बात करते हैं, तो हम इसे सुशासन, सैन्य शक्ति, सांस्कृतिक गौरव और सामाजिक कल्याण पर ज़ोर से जोड़ते हैं। ये महान शासक किसी भी अन्याय के आगे न झुकने के अपने साहस से हमें प्रेरित करते हैं। मैं सभी से इन किलों को देखने और मराठा साम्राज्य के समृद्ध इतिहास के बारे में जानने का आह्वान करता हूं।” “यहां 2014 में रायगढ़ किले की मेरी यात्रा की तस्वीरें हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज को नमन करने का अवसर मिला। उस यात्रा को मैं हमेशा संजो कर रखूंगा।”
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणनवीस ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि की सराहना की है। उन्होंने भारतवासियों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि यह सम्मान भारत की प्राचीन सभ्यता और मराठा साम्राज्य की वास्तुकला की उत्कृष्टता को उजागर करता है। बता दें, ये किले 17वीं से 19वीं सदी के बीच निर्मित हुए और मराठा साम्राज्य की सैन्य रणनीति, स्थापत्य कला और पर्यावरण के साथ सामंजस्य का प्रतीक हैं। इन किलों में रायगढ़, शिवनेरी, तोरण, लोहगढ़ और साल्हेर जैसे नाम शामिल हैं, जो मराठा शौर्य और साहस की कहानियां बयां करते हैं। इस उपलब्धि से महाराष्ट्र में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।




