मुम्बई,सितम्बर 17, 2022/ भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड टी20 क्रिकेट को और अधिक आकर्षक, गतिशील और दिलचस्प बनाने के लिए ‘इम्पैक्ट प्लेयर’ नियम लागू करने जा रहा है। बीसीसीआई ने सबसे पहले इस नियम को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में लागू करने का फैसला किया है। अगर यह ट्रायल सफल रहता है तो आगामी समय में हम आईपीएल में भी इसका इस्तेमाल होते हुए देख सकते हैं।

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने आगामी घरेलू टी20 प्रतियोगिता सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी से टीमों को खिलाड़ियों के टैक्टिकल सब्स्टीट्यूशन करने की अनुमति दे दी है। इस प्रतियोगिता का आयोजन 11 अक्तूबर से होगा।

टॉस के दौरान कप्तान को प्लेइंग इलेवन के साथ 4 ऐसे खिलाड़ियों के नाम देने होंगे जिन्हें वह मैच के दौरान इस्तेमाल करना चाहता हो। इनमें से टीम किसी एक ही खिलाड़ी को बतौर सब्सटिट्यूट मौका दे सकती है। अगर टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए जल्दी अपने विकेट खो देती है तो ‘इम्पैक्ट प्लेयर’ नियम की मदद से वह एक गेंदबाज की जगह सब्सटिट्यूट खिलाड़ी के रूप में किसी अतिरिक्त बल्लेबाज को मौका दे सकती है।

अगर पहले बैटिंग करते हुए टीम ज्यादा विकेट नहीं खोती तो दूसरी पारी में टीम एक बल्लेबाजी की जगह अतिरिक्त गेंदबाज को टीम में शामिल कर सकती है। सब्सटिट्यूट खिलाड़ी के आने के बाद मैदान छोड़ने वाला खिलाड़ी मैच में दोबार हिस्सा नहीं ले पाएगा।

कप्तान को टॉस के समय प्लेइंग-11 तो बतानी है, साथ ही 4 अन्य खिलाड़ियों के नाम भी बतौर सब्सिट्यूट देने होंगे। इन चारों खिलाड़ियों में से किसी एक को "इम्पैक्ट प्लेयर" नियम के तहत प्लेइंग-11 में शामिल प्लेयर से रिप्लेस किया जा सकता है। बतौर "इम्पैक्ट प्लेयर" जिस भी खिलाड़ी का इस्तेमाल किया जाएगा, वही मैच खेलेगा। प्लेइंग-11 से बाहर किया गया प्लेयर नहीं खेल सकेगा। मैच में ब्रेक के टाइम या फील्डिंग में भी प्लेयर का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।


टीम को इससे एक फायदा जरूर रहेगा, यदि "इम्पैक्ट प्लेयर" के तौर पर किसी बॉलर को शामिल किया जाता है, तो वह अपने पूरे 4 ओवर गेंदबाजी ही करेगा। बाहर किए गए बॉलर ने कितने ओवर किए या नहीं किए, इसका उस "इम्पैक्ट प्लेयर" पर असर नहीं पड़ेगा। बल्लेबाजी टीम को "इम्पैक्ट प्लेयर" का इस्तेमाल विकेट गिरने या इनिंग्स ब्रेक के दौरान ही करना होगा। टीम, कप्तान या मैनेजमेंट को एक बात का ध्यान रखना होगा कि उन्हें "इम्पैक्ट प्लेयर" नियम का इस्तेमाल करने से पहले फील्ड अंपायर या फोर्थ अंपायर को जानकारी देनी होगी।

बीसीसीआई के इस नियम से मैच के दौरान दोनों टीमें पारी के 14वें ओवर से पहले ही "इम्पैक्ट प्लेयर" का इस्तेमाल कर सकेंगी। यानी इसके बाद नियम का इस्तेमाल नहीं होगा।अगर कोई खिलाड़ी चोटिल हो जाता है और टीम ने उसे बदलने के लिए "इम्पैक्ट प्लेयर" का इस्तेमाल किया है तो चोटिल खिलाड़ी शेष मैच का हिस्सा नहीं रह पाएगा। "इम्पैक्ट प्लेयर" का इस्तेमाल उस ओवर की समाप्ति पर ही करना होगा।

वहीं इस नियम का इस्तेमाल करना अनिवार्य नहीं होगा और यह टीमों पर निर्भर करेगा कि वह इसका इस्तेमाल करना चाहती हैं या नहीं।


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