नई दिल्ली : गुरूवार, जनवरी 25, 2024/ केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कल नई दिल्ली में जननायक कर्पूरी ठाकुर के 100वें जन्म जयंती समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर अमित शाह ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर अपने स्वभाव, कर्म, सिद्धांतप्रियता, सादगी, सरलता, गरीब और वंचितों के प्रति अपनी संवेदना से जननायक तो बने ही थे, लेकिन जननायक को भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर बनने में बहुत लंबा समय लगा। उन्होंने कहा कि कई सरकारें आईं लेकिन किसी ने कर्पूरी ठाकुर को देश का सर्वोच्च सम्मान देने के बारे में सोचा तक नहीं। आज उनकी 100वीं जन्मजयंती के अवसर पर उन्ही की तरह गरीब के घर में पले-बढ़े प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का काम किया है। अमित शाह ने कहा कि ये संयोग ही है कि 22 तारीख को प्रधानमंत्री मोदी ने राम काज किया और 23 तारीख को गरीब काज कर राम और गरीब को जोड़ने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि 22 तारीख को 500 सालों से प्रतीक्षित सभी रामभक्तों के स्वप्न को पूरा किया और 23 तारीख को लाखों-करोड़ों गरीबों, दलितों, पिछड़ों, वंचितों और आदिवासियों के मन की वर्षों की इच्छा को पूरा करते हुए, सामाजिक न्याय को मूर्त रूप देने वाले कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिया। मोदी जी ने ना सिर्फ जननायक कर्पूरी ठाकुर को सम्मानित किया है, बल्कि इस देश के करोड़ों गरीबों को सम्मानित किया है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमारे संविधान के सबको न्याय और समान अधिकार के मूल मंत्र को सम्मानित करने का काम कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देकर किया है। नरेंद्र मोदी ने देश के करोड़ों गरीब युवाओं के मन में कुछ भी बन सकने की आशा पैदा करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कर्पूरी ठाकुर का सम्मान कर, एक प्रकार से सादगी, प्रामाणिकता, बराबरी के सिद्धांत, सात्विकता, , नीतिपरायणता और आत्मसम्मान के साथ राजनीति में संघर्ष कर रहे करोड़ों युवाओं का प्रतीकात्मक रूप से सम्मान करने का काम किया है। गृह मंत्री ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर एक निष्काम कर्मयोगी की तरह अपने काम से ही जीवन के उच्चतम मूल्यों को प्रस्थापित करने वाले, समानता के सिद्धांत को संघर्ष कर अपने उदाहरण से ही प्रस्थापित करने वाले, गरीबों के प्रति संवेदनशीलता को ज़मीन पर उतारने के उदाहरण प्रस्तुत करने वाले और सिद्धांतनिष्ठ जीवन जीवन जीने वाले वाले व्यक्ति थे।

अमित शाह ने कहा कि यह दिन भारत के इतिहास में बहुत मह्तवपूर्ण है क्योंकि कर्पूरी ठाकुर की जन्मजयंती है, आज ही के दिन जन-गण-मन राष्ट्रगान को हमारी संविधान सभा ने स्वीकार किया था, बिहार के ही भारत रत्न राजेन्द्र बाबू को संविधान सभा का अध्यक्ष और पहला राष्ट्रपति चुना गया और आज का दिन डॉक्टर होमी जहांगीर भाभा और पंडित भीमसेन जोशी के साथ भी जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही आज के दिन देश में एक नई राजनीति का सूत्रपात हो रहा है। उन्होंने कहा कि लोहिया और गांधी ने समानता और सामाजिक न्याय के सिद्धांत के साथ-साथ सादगी और सिद्धांत की राजनीति रेखांकित किया था, प्रधानमंत्री मोदी ने उसे अपने जीवन में ज़मीन पर उतारा और आज कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देकर प्रधानमंत्री मोदी ने इसे सम्मानित करने का काम किया है। अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के इस निर्णय ने देश में सिद्धांत और चरित्र की राजनीति करने वाले लोगों के संबल को बढ़ाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि 1924 से लेकर उनकी अंतिम सांस तक, कर्पूरी ठाकुर जी के जीवन का हर पल गरीबों के कल्याण में लगा रहा।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के पिछले 10 साल को देखने पर ये पता चलता है कि उन्होंने कर्पूरी ठाकुर के सिद्धांतों को चरितार्थ करने का काम किया है। इन 10 वर्षों में 23 करोड़ भारतीय गरीबी रेखा से ऊपर आ चुके हैं, 4 करोड़ से अधिक को घर मिला है, 3 करोड़ से अधिक को बिजली मिली है और 10 करोड़ लोगों के घर में गैस का सिलिंडर देने का काम प्रधानमंत्री मोदी ने किया है। उन्होंने कहा कि 14 करोड़ लोगों के घर में आज़ादी के 75 सालों के बाद भी पीने का पानी नल से नहीं आता था, प्रधानमंत्री मोदी ने उन लोगों के घर में नल से जल पहुंचाने का काम किया है और 80 करोड़ गरीबों को हर माह 5 किलो अनाज मुफ्त देने का काम किया है। हर जनकल्याणकारी योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार की गरीब कल्याण के प्रति कटिबद्धता को दर्शाती है।

अमित शाह ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर के जीवन में महात्मा गांधी की सादगी और सरलता, डॉक्टर बी आर आंबेडकर का अति पिछड़े वर्ग के प्रति लगाव और राममनोहर लोहिया के सामाजिक न्याय के सूत्र को चरितार्थ करने का प्रयास देखने को मिलता है। कर्पूरी ठाकुर जनप्रतिनिधियों के लिए जनता के बीच सरलता से और अप्रोचेबल रहते हुए जनता का विश्वास जीतने का उत्तम उदाहरण थे। कर्पूरी ठाकुर ने अपने सिद्धांतों की राजनीति करते हुए अपने सिद्धांतों की राजनीति पर डटे रहने और हमेशा जनता का समर्थन प्राप्त करने का काम किया। गांधी और लोहिया के सिद्धांत कि देश अपनी भाषा में चलेगा तभी गुलामी की मानसिकता से बाहर आएगा को जननायक ने ज़मीन पर उतारने का काम किया। कर्पूरी ठाकुर के हिंदी के उपयोग को सभी सरकारी कामकाज के लिए अनिवार्य बनाने से ही हिंदी को एक नया जीवन और स्वीकृति मिली।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हिंदी के साथ-साथ देश की सभी स्थानीय भाषाओं को ताकत देकर अपनी भाषा में पढ़ी-लिखी नई पीढ़ी को आगे बढ़ाने का काम किया है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लाई गई नई शिक्षा नीति में भी हमारी भारतीय भाषाओं को बहुत बल दिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने अब मेडिकल और टेक्निकल पढ़ाई भी भारतीय भाषाओं में शुरू कर एक नए युग की शुरूआत की है। अमित शाह ने कहा कि मोदी जी ने महिलाओं, आर्थिक रूप से पिछड़े और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए कल्याण के बहुत सारे काम किए हैं। उन्होंने कहा कि 1978 में कर्पूरी ठाकुर ने बिहार में ओबीसी, महिला और आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्ण वर्ग को भी आरक्षण देने की शुरूआत की थी।

अमित शाह ने कहा कि आज मोदी ने ओबीसी का सम्मान करने, महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने और आर्थिक रूप से पिछड़ी जातियों को भी आरक्षण देने का काम किया है। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं और उनकी मंत्रिपरिषद में 27 मंत्री ओबीसी वर्ग के हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने ओबीसी कमीशन को संवैधानिक मान्यता देने और ओबीसी सूची को संशोधित करने का अधिकार राज्यों को देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के सभी शिक्षण संस्थानों में पहली बार ओबीसी को आरक्षण देने का काम भी नरेंद्र मोदी ने किया। साथ ही बिना किसी विवाद के हमारे संविधान के सिद्धांत को ज़मीन पर उतारने का काम नरेंद्र मोदी ने किया है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने कहा था कि सच्ची आज़ादी तब होगी, जब हर व्यक्ति के हाथ मे रोटी होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने गरीब उत्थान के कई काम किए हैं, इनमें से सबसे बड़ा 70 करोड़ गरीबों को हर माह 5 किलो अनाज मुफ्त देने का है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने संकल्प लिया है कि वर्ष 2027 तक देश के हर गरीब को पक्का घर मिल जाए। अमित शाह ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने हमारी नई पीढ़ी के लिए राजनीति में नख-शिख प्रामाणिकता का उदाहरण प्रस्तुत किया। कर्पूरी ठाकुर आपातकाल के प्रखर विरोधी थे और लोकतंत्र में उनकी गहरी आस्था थी। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों ने उनके परिवार के करीबी जननायकों, लोकनायकों और सार्वजनिक जीवन के नेताओं का सम्मान देने की परंपरा खड़ी की थी लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने उस परंपरा को तोड़ कर अनेक जननायकों को सम्मानित करने का काम किया है।

 


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