भोपाल : शुक्रवार, दिसम्बर 2, 2022/केन्द्रीय सचिव डीपीआईआईटी (उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय) श्री अनुराग जैन ने प्रदेश में पीएम गति शक्ति योजना की समीक्षा कर कहा कि आधारभूत संरचना निर्माण संबंधी सभी विभाग आगामी परियोजनाओं की जानकारी पोर्टल पर समय-सीमा में अपलोड करें। उन्होंने पोर्टल से संबंधित किसी भी समस्या के संबंध में तुरंत सूचित करने के निर्देश दिये। गति शक्ति पोर्टल का उपयोग करने के लिये संबंधित अधिकारियों को बीआईएसएजी (भास्कराचार्य नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस एप्लीकेशन एण्ड जियो इन्फॉर्मेटिक्स) टीम से प्रशिक्षण दिलाने के लिये कहा।

केन्द्रीय सचिव श्री जैन ने कहा कि पीएम गति श‍क्ति पोर्टल में विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की सभी मौजूदा और नियोजित पहलें शामिल हैं। प्रत्येक विभाग अब व्यापक तरीके से परियोजना की योजना और निष्पादन करते समय महत्वपूर्ण डाटा प्रदान करते हुए एक-दूसरे की गतिविधियों की जानकारी साझा कर आसानी से त्वरित गति से कार्य कर सकेगा। राष्ट्रीय मास्टर प्लान परियोजनाओं की योजना बनाने में विभिन्न विभागों की सहायता करेगा। माल को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिये योजना के समय और लागत में कमी लायेगा। केन्द्रीय सचिव श्री जैन ने कहा कि यह योजना जीआईएस आधारित स्थानिक योजना है, जो कई विश्लेषणात्मक उपकरणों के साथ एक ही स्थान पर सम्पूर्ण डेटा प्रदान करेगी, जिससे निष्पादन एजेंसी और बेहतर तरीके से काम कर सकेगी। उन्होंने कहा कि पीएम गति शक्ति नागरिकों के "ईज ऑफ लिविंग'' में इजाफा करेगी।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अक्टूबर-2021 में मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी के लिये राष्ट्रीय मास्टर प्लान पीएम गति शक्ति का शुभारंभ किया था। यह योजना बुनियादी ढाँचा कनेक्टिविटी परियोजनाओं की एकीकृत योजना है, जिसमें रेलवे और रोडवेज सहित 16 मंत्रालयों को एक साथ एक डिजिटल प्लेटफार्म पर लाया गया है। यह परिवहन के, एक साधन से दूसरे साधन में लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिये कनेक्टिविटी प्लान है। यह बुनियादी ढाँचे की अंतिम मील कनेक्टिविटी की सुविधा प्रदान करेगा और लोगों के लिये यात्रा के समय को भी कम करेगा।

बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव एमपीडब्ल्यूआरडी और एनवीडीए श्री एस.एन. मिश्रा, अतिरिक्त मुख्य सचिव पीएचई श्री मलय श्रीवास्तव सहित लोक निर्माण विभाग, नगरीय विकास, नगरीय विकास एवं आवास, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, ऊर्जा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, नर्मदा घाटी, पर्यटन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, विज्ञान एवं सूचना प्रौद्योगिकी, जल-संसाधन, राजस्व, खनिज, वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


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