नई दिल्ली : मंगलवार, फरवरी 6, 2024/ केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने दंत स्वास्थ्य देखभाल की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए कल वर्चुअल तरीके से राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग (एनडीसी) के नए मुख्यालय का शुभारंभ किया। इसके साथ ही आंध्र प्रदेश में तीन और जम्मू-कश्मीर में एक नर्सिंग कॉलेज की आधारशिला भी रखी। इसके अतिरिक्त डॉ. मांडविया ने स्नातक डेंटल कॉलेजों के मूल्यांकन और रेटिंग के लिए डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया और क्वॉलिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के बीच समझौता ज्ञापन की अध्यक्षता की। साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य डिजिटल मिशन के तहत राष्ट्रीय डेंटल रजिस्टर का भी शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में डॉ. मांडविया के साथ त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी वर्चुअल तरीके से शामिल हुए।

डॉ. मांडविया ने कहा कि डेंटल कमीशन के आने से दंत चिकित्सा शिक्षा और प्रशासन में एक नए युग की शुरुआत हुई है। उन्होंने आगे कहा कि डेंटल कमीशन अधिनियम के माध्यम से सरकार ने दंत चिकित्सा शिक्षा को अधिक व्यावहारिक, किफायती बनाने और पूरे सिस्टम में पारदर्शिता लाने का प्रयास किया है। साथ ही मरीजों को सस्ता और अच्छा उपचार देने का काम किया है। डॉ. मांडविया ने यह भी कहा कि मुख संबंधी स्वच्छता के बारे में जागरूकता पैदा करना जरूरी है, ताकि इस क्षेत्र में देश को लाभ पहुंचाने वाले अपार अवसरों का हम लाभ उठा सकें। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विजन की सराहना करते हुए डॉ. मांडविया ने सभी को लाभान्वित करने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और उपलब्धता को बढ़ाने के लिए किए गए परिवर्तन की जटिलता को रेखांकित करते हुए स्वास्थ्य के प्रति सक्रिय दृष्टिकोण की तारीफ की।

सभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि वन नेशन वन रजिस्टर के तहत बनाए गए नेशनल डेंटल रजिस्टर (एनडीआर) के शुरू होने से देश के लोगों को पारदर्शी तरीके से दंत चिकित्सक की पहचान और उनकी योग्यता के बारे में जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि एनडीआर संबंधित राज्य डेंटल काउंसिल से सत्यापन के बाद भारत में प्रैक्टिस करने वाले सभी दंत चिकित्सकों को विशिष्ट पहचान (डीसीआई आईडी) प्रदान करेगा। राज्य दंत चिकित्सा परिषदों द्वारा सत्यापित दंत चिकित्सकों की पहचान करने में भी एनडीआर लोगों की मदद करेगा।

नर्सिंग कार्य क्षमता को मजबूत करने और विभिन्न क्षेत्रों में स्वास्थ्य देखभाल संबंधी असमानताओं को कम करने की सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए डॉ. मांडविया ने कहा कि यह समारोह मौजूदा मेडिकल कॉलेजों के पास ही 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोलने की सरकार की योजना का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और चिकित्सा बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में हुई प्रगति गुणवत्तापूर्ण व किफायती स्वास्थ्य देखभाल की सुविधा प्रदान करेगी और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में कई अवसर खोलेगी। इससे देश को काफी लाभ होगा।

उन्होंने कहा कि प्रशिक्षित भारतीय नर्सों की विदेश में काफी मांग है। इसलिए सरकार ने चिकित्सा शिक्षा संस्थानों में विदेशी भाषा पाठ्यक्रमों को शामिल किया है, जिससे छात्रों को विदेश में अवसरों का लाभ उठाने में अतिरिक्त लाभ मिलता है। उन्होंने असम के दो नर्सिंग कॉलेजों में जापानी भाषा में शुरू किए गए विदेशी भाषा पाठ्यक्रम का उदाहरण भी दिया।

माणिक साहा ने स्वास्थ्य क्षेत्र में हो रहे बदलाव की सराहना की। उन्होंने कहा कि इन संस्थानों की स्थापना से आम आदमी तक सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं की आसान पहुंच होगी।

सभा को संबोधित करते हुए जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने में नर्सों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। साथ ही कहा कि नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा के लिए राष्ट्रीय जनादेश के अनुरूप स्वास्थ्य सेवा में योग्य मानव संसाधनों के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव डॉ. विपुल अग्रवाल, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, 1992 में पद्मश्री, 2005 में पद्म भूषण, ब्रिगेडियर के मानद पद से सम्मानित डॉ. अनिल कोहली, डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया से पद्मश्री डॉ. आर.के. बाली, भारतीय दंत चिकित्सा आयोग के अध्यक्ष डॉ. दिब्येंदु मजूमदार, फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष, डॉ. मोंटू एम. पटेल, इंडियन नर्सिंग काउंसिल से डॉ. टी दिलीप कुमार, सरदार पटेल पीजी इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल एंड मेडिकल साइंस की फैकल्टी और छात्र, राजभवन जम्मू, बुद्ध डेंटल इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज, जम्मू और कश्मीर नर्सिंग कॉलेज, मछलीपट्टनम नर्सिंग कॉलेज आंध्र प्रदेश, डेंटल कॉलेज, रिम्स, रांची, सविता डेंटल कॉलेज, चेन्नै, शिक्षा 'ओ' अनुसंधान (आईडीएस) ने भाग लिया।

 


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