नई दिल्ली : शुक्रवार, फरवरी 24, 2023/ कुल 265 पुरुष और महिला ताइक्वांडो एथलीट अखिल भारतीय अंतर साई ताइक्वांडो चैम्पियनशिप 2023 में प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हैं, जो इंदिरा गांधी खेल परिसर में शुक्रवार को भव्य उद्घाटन समारोह के साथ शुरू हो गई है। ये सभी एथलीट लखनऊ, बंगलुरू, गुवाहाटी और त्रिवेंद्रम स्थित चार भारतीय खेल प्राधिकरण राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों के साथ ही 17 साई प्रशिक्षण केंद्रों से आए हैं।
यह प्रतियोगिता 26 फरवरी तक भारत-कोरिया राजनयिक संबंधों के 50 साल की स्मृति में आयोजित की जा रही है।
शुक्रवार को हुए उद्घाटन समारोह में खेल सचिव सुजाता चतुर्वेदी, साई महानिदेशक संदीप प्रधान, कोरिया नेशनल स्पोर्ट यूनिवर्सिटी के चांसलर योंग-ग्यू आन, भारत में कोरियाई राजदूत चांग जे बोक, कोरिया के विदेश मंत्रालय में उप मंत्री और एम्बेसडर (पब्लिक डिप्लोमैसी) सांग- ह्वा ली और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
प्रतिभागियों और मीडिया को संबोधित करते हुए खेल सचिव सुजाता चतुर्वेदी ने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि खेल देशों के बीच मित्रता और सहयोग को मजबूती देने के माध्यम के रूप में काम करते हैं।
तीन दिन चलने वाली ताइक्वांडो चैम्पियनशिप में कैडेट (यू-14), जूनियर (यू-17) और ज्यादा आयु वर्गों में प्रतिस्पर्धाएं होंगी।
प्रतियोगिता को दो भागों में बांटा गया है: पूमसे और स्पारिंग जिसे क्योरुगी कहा जाता है। स्पारिंग, क्योरुगी शाखा को खिलाड़ियों की उम्र और वजन में वर्ल्ड ताइक्वांडो फेडरेशन के प्रतिस्पर्धा नियमों के आधार और पूमसे शाखा को सिर्फ पुरुष और महिला शाखाओं में ही बांटा गया है। प्रत्येक श्रेणी में स्वर्ण पदक जीतने वाले 10 क्योरूगी और 2 पूमसे विजेता कोरियाई सरकार के समर्थन से कोरिया नेशनल स्पोर्ट यूनिवर्सिटी का दौरा करेंगे और पुरस्कार के रूप में सर्वश्रेष्ठ प्रोफेसरों से लगभग 3 सप्ताह के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रम प्राप्त करेंगे।
उद्घाटन समारोह शुरुआत से आखिर तक खासी ऊर्जा से भरा रहा। अभी तक कुल 126 ओलम्पिक जीतने वाली कोरिया नेशनल स्पोर्ट यूनिवर्सिटी के छात्रों ने लकड़ी के डमी को तोड़ने के साथ-साथ कई साहसिक करतबों का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर छात्रों ने के-पॉप से प्रेरित नृत्य और मल्लखंब की भारतीय पारंपरिक कलाओं एवं पारम्परिक नृत्य का भी प्रदर्शन किया गया।
विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित योंग-ग्यू आह्न ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “यह आयोजन भारतीय खेल प्राधिकरण और कोरियाई संस्कृति केंद्र भारत के साथ-साथ कोरिया गणराज्य के दूतावास की सहायता के बिना संभव नहीं हो पाता। यह आयोजन भारत में ताइक्वांडो के विकास के साथ-साथ कोरिया और भारत के सांस्कृतिक आदान-प्रदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। एक भारतीय ताइक्वांडो एथलीट को निकट भविष्य में ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक प्राप्त करते हुए देखना बहुत अच्छा होगा और मुझे आशा है कि यह आयोजन ताइक्वांडो के लिए एक मार्शल आर्ट-खेल के रूप में भारत के लोगों द्वारा पसंद किया जाएगा। साथ ही, मैं भारत में ताइक्वांडों के विकास के लिए सर्वश्रेष्ठ कोशिश करूंगा।”
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