नई दिल्ली : सोमवार, जनवरी 30, 2023/ केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय कुष्ठ रोधी दिवस मनाने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम को वीडियो संदेश के माध्यम से संबोधित किया। उन्होंने कहा, "भारत प्रगति कर रहा है और कुष्ठ रोग के नए मामलों में साल दर साल कमी आ रही है। संपूर्ण सरकार, पूरे समाज के समर्थन, समन्वय और सहयोग से हम एसडीजी से तीन साल पहले यानी 2027 तक कुष्ठ रोग मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। इस साल की विषयवस्तु ‘आइए हम कुष्ठ रोग से लड़ें और कुष्ठ रोग को एक इतिहास बनाएं’ है।”

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों के लिए महात्मा गांधी की चिंता का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोग के उपचार की चिंता और प्रतिबद्धता का मूल हमारे इतिहास में है। डॉ. मांडविया ने आगे कहा, “उनकी (गांधीजी) सोच न केवल उनका उपचार करने की बल्कि, उन्हें हमारे समाज में मुख्यधारा में लाने की भी थी। राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत इस देश से कुष्ठ रोग को समाप्त करने का हमारा प्रयास उनकी सोच के लिए एक महान श्रद्धांजलि है। हम 2005 में राष्ट्रीय स्तर पर हर एक 10,000 जनसंख्या पर प्रसार दर 1 मामला प्राप्त करने में सफल रहे हैं।

कुष्ठ रोग को समाप्त करने के लिए लगातार प्रयास करना इस समय की मांग है। यह एक उपचार योग्य रोग है, हालांकि अगर इसका पता नहीं लगाया गया और शुरुआती चरण में इलाज नहीं किया गया, तो यह पीड़ित व्यक्ति के बीच स्थायी अक्षमता और विकृति उत्पन्न कर सकता है, जिससे समुदाय में ऐसे व्यक्तियों और उनके परिवार के सदस्यों के साथ भेदभाव हो सकता है।”

उन्होंने आगे कहा, “माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में हमने रोग के विकास की रोकथाम के लिए व्यापक उपायों को अपनाया है। साल 2016 से कुष्ठ रोग खोज अभियान (एलसीडीसी) के तहत सक्रिय रोगियों का पता लगाने के लिए नए सिरे से प्रयास किए गए।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉक्टर भारती प्रवीण पवार ने इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि विश्व के कुल कुष्ठ रोगियों में करीब 52 प्रतिशत भारत में हैं।

आज नई दिल्ली में इस अवसर पर डॉक्टर भारती ने कहा कि देश ने राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम जैसे प्रयासों के माध्यम से और राज्यों तथा नागरिकों की भागीदारी से कुष्ठ रोग से निपटने का दृढ़ संकल्प लिया है।

उन्होंने कहा कि इस दिशा में प्रगति हो रही है और प्रति वर्ष कुष्ठ रोग के नए मामलों में कमी नजर आ रही है। स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने कहा कि वर्ष 2014-15 में दस हजार की जनसंख्या पर कुष्ठ रोग के मामले शून्य दशमलव छह-नौ प्रतिशत थे, जो वर्ष 2021-22 में घट कर शून्य दशमलव चार-पांच प्रतिशत हो गए हैं।

उन्होंने कहा कि इस बीमारी का पूरी तरह उन्मूलन करने के लिए सतत प्रयास की आवश्यकता है। डॉक्‍टर भारती ने कहा कि वर्ष 2015 से राष्ट्रीय कुष्ठ रोग रोधी कार्यक्रम के अंतर्गत सतत प्रयास से भारत ने कुष्ठ रोग के कारण हो रही कई प्रकार की विकलांगता रोकने में सफलता हासिल की है।

डॉक्टर भारती ने कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय नीतिगत योजना और 2023 से 2027 तक कुष्ठरोधी कार्य योजना का भी शुभारंभ किया। इस योजना का उद्देश्य वर्ष 2027 तक देश से कुष्ठ रोग का उन्मूलन करना है।


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