नई दिल्ली : मंगलवार, मार्च 12, 2024/ केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर आज चंडीगढ़ में अद्वितीय प्रतिभा खोज कार्यक्रम, कीर्ति का उद्घाटन करेंगे। ओलंपिक और विश्व भाला फेंक चैंपियन नीरज चोपड़ा ने खेलो इंडिया उभरती प्रतिभा खोज कार्यक्रम (कीर्ति) कार्यक्रम शुरू करने की केंद्रीय खेल मंत्रालय की पहल की प्रशंसा की। नीरज चोपड़ा ने कहा, "यह संभवतः खेल और पढ़ाई के बीच सही संतुलन प्रदान कर सकता है।"

नौ वर्ष से 18 वर्ष की आयु वर्ग, यानी स्कूल जाने वाली उम्र के एथलीटों के उद्देश्य से, कीर्ति खेलो इंडिया मिशन के तहत एक महत्वाकांक्षी राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम है जो सूचना प्रौद्योगिकी उपकरणों का उपयोग करके देश के हर कोने से प्रतिभा की पहचान करने का प्रयास करता है। यह मिशन प्रतिभा प्रदर्शित करने के लिए एक साझा मंच प्रदान करेगा।

कीर्ति का मूल उद्देश्य जमीनी स्तर से शुरू होकर एक पिरामिडनुमा संरचना तैयार करना है और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए विशिष्ट एथलीटों को उत्कृषटता प्रदान करना है। लक्ष्य ओलंपिक पोडियम योजना (टॉप्स), के दो भाग - प्रमुख और विकासात्मक - पिरामिड के ठीक शीर्ष पर स्थित हैं।

भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआई) से बात करते हुए, नीरज चोपड़ा ने कहा कि पूरा खेलो इंडिया मिशन संभावनाओं से भरा हुआ है। नीरज चोपड़ा इस समय 2024 पेरिस ओलंपिक की तैयारी के लिए तुर्की में हैं।

नीरज चोपड़ा ने कहा, “केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई सभी खेलो इंडिया पहलों का लाभ उठाने से बेहतर अवसर नहीं हो सकता है। चाहे वह यूथ गेम्स हों या यूनिवर्सिटी गेम्स, मैं समझता हूं कि ये आयोजन बहुत अच्छी तरह से आयोजित किए जाते हैं और यदि हमारे एथलीट इन खेलों पर ध्यान केंद्रित करते हैं और प्रदान किए गए मंचों का लाभ उठा सकते हैं, तो भारतीय खेल अवश्य ही आगे प्रगति करेंगे।”

कीर्ति का लक्ष्य अधिसूचित प्रतिभा मूल्यांकन केंद्रों के माध्यम से प्रतिभा की खोज करने के लिए पूरे वर्ष में देश भर में 20 लाख प्रतिभाओं का मूल्यांकन करना है। इस पैमाने पर स्काउटिंग और प्रशिक्षण कार्यक्रम भारत में पहली बार है और यह ऐसे समय में आया है जब भारत वैश्विक खेलों में अगला स्तर हासिल करने का प्रयास कर रहा है।

नीरज चोपड़ा ने कहा, “मैं एक ज्वलंत उदाहरण हूँ। मैंने 13-14 (वर्ष) में शुरुआत की और फिर सफलता की सीढ़ी चढ़ गया। यह समय बच्चों को यह समझाने का प्रयास है कि उन्हें पढ़ाई के साथ खेल गतिविधियों में संतुलन बनाना होगा। यह दोहरा दायित्व है और यह देखना अच्छा है कि सरकार खेल के पक्ष में आगे आ रही है। यह वह बदलाव है जिसकी हमें भारत में आवश्यकता है और खेलों के प्रति जागरूकता बढ़ानी है।''

कीर्ति प्रतिभा की खोज में वैज्ञानिक उपकरणों की सहायता लेते हुए शारीरिक शिक्षा में शिक्षकों और विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा। पहले चरण में, 10 खेलो इंडिया विषयों - तीरंदाजी, एथलेटिक्स, मुक्केबाजी, फुटबॉल, हॉकी, कबड्डी, खो-खो, वॉलीबॉल, भारोत्तोलन और कुश्ती खेलों की पहचान की गई है।

खेलो इंडिया योजना युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय की प्रमुख केंद्रीय क्षेत्र की योजना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना की उपज, खेलो इंडिया मिशन का उद्देश्य देश में खेल संस्कृति को प्रोत्साहन देना और खेल उत्कृष्टता हासिल करना है, जिससे जनता को अपने व्यापक प्रभाव के माध्यम से खेल की शक्ति का उपयोग करने की अनुमति मिल सके। खेलो इंडिया योजना के "खेल प्रतियोगिताएं और प्रतिभा विकास" के अंतर्गत, "प्रतिभा पहचान और विकास" घटक देश में खेल इकोसिस्टम को विकसित करने के लिए जमीनी स्तर और विशिष्ट स्तर पर एथलीटों की पहचान एवं विकास की दिशा में काम करने के लिए समर्पित है।


इस खबर को शेयर करें


Comments