दिल्ली/  पाकिस्तान द्वारा जासूसी के प्रयास से जुड़े साइबर सुरक्षा उल्लंघन की जांच की जा रही है। इस जांच यह पता लगाने के लिए कि क्या कुछ व्हाट्सएप समूहों के माध्यम से सुरक्षा से जुड़ी जानकारी लीक की गई थी। जिसमें कुछ सेना अधिकारी, कुछ दिग्गज और नागरिक भी शामिल हैं।
चीनी और पाकिस्तानी के ऑनलाइन जासूस लगातार गुप्त रूप से गोपनीय जानकारी और डेटा प्राप्त करने की तलाश में हैं, सेना ने पिछले कुछ वर्षों में बार-बार अपने सभी कर्मियों को आधिकारिक काम के लिए व्हाट्सएप के उपयोग से सख्ती से बचने के साथ-साथ अपने फेसबुक और इंस्टाग्राम को हटाने का निर्देश दिया है।
उदाहरण के लिए, पिछले कुछ वर्षों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां पाकिस्तानी एजेंटों ने महिलाओं के रूप लेकर सेना के जवानों को हनी ट्रैप में फंसाया। यहां तक कि नई दिल्ली में आईएएफ मुख्यालय में तैनात एक ग्रुप कैप्टन भी शिकार हो गया है।
लगातार हो रही जासूसी को देखते हुए तीनों सेनाओं ने सोशल मीडिया के उपयोग पर बैन लगा दिया। ड्यूटी पर कोई भी जवान अब फेसबुक, इंस्टा जैसे सोशल मीडिया साइट्स का उपयोग नहीं करते। इंडियन नेवी ने डॉकयार्ड के साथ-साथ युद्धपोतों पर जवानों को स्मार्टफोन न ले जाने के निर्देश दिए हैं।


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