भोपाल : मंगलवार, मई 30, 2023/ विजन जीरो का निर्धारित लक्ष्य कठिन जरूर है, लेकिन करना होगा। जीवन परमात्मा के हाथ में है, हम नागरिकों की जीवन-रक्षा के लिये हर संभव प्रयास करेंगे। गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने पहली 3 दिवसीय राष्ट्रीय विजन जीरो समिट का शुभारंभ कर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि समिट के मंथन से निश्चित ही अमृत निकलेगा, जो लोगों की जिंदगी को रोशन करेगा।

गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिये सख्त कदम उठाये जाने की आवश्यकता है। ट्रेफिक सेंस के अभाव में अच्छी सड़कों एवं अत्याधुनिक वाहनों के कारण दुर्घटनाओं का बढ़ना चिंताजनक है। दुर्घटनाओं और उसमें होने वाली जन-हानि को रोकने के लिये नशे में वाहनों का संचालन एवं ओवर स्पीडिंग पर रोक लगाना बहुत जरूरी है। हमें कठोर निर्णय लेना होंगे, जो सबके लिये नजीर बन सकें। कार्य कठिन है पर करना पड़ेगा, जिससे दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु दर को न्यूनतम किया जा सके।

पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना ने कहा कि समिट के लक्ष्य विजन जीरो को हासिल करने के लिये हम सभी को जिम्मेदार होना होगा। डीजीपी सक्सेना ने कहा कि मोबाइल आने के बाद सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 5 करोड़ लोगों की मृत्यु हुई है। दुर्घटनाओं के कारण देश की जीडीपी को लगभग 4 प्रतिशत का नुकसान होता है। सड़क सुरक्षा हम सबकी जिम्मेदारी है। यदि हम सभी अपनी जिम्मेदारी समझेंगे, तो निश्चित ही विजन जीरो के लक्ष्य तक पहुँच पायेंगे। लक्ष्य प्राप्ति के लिये सभी को मिल कर काम करना होगा। विजन जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये हमें अपना माइंड सेट चेंज करना होगा। उन्होंने कहा कि पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारी 3 दिवसीय कार्यशाला में सहभागिता कर रहे विशेषज्ञों से सीखें और अपने क्षेत्रों में जाकर उसका अनुपालन कराना सुनिश्चित करें। निश्चित ही हम लक्ष्य प्राप्त कर सकेंगे।

मेनिट के प्रोफेसर डॉ. राहुल तिवारी ने बताया कि पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान (पीटीआरआई) और परिवहन विभाग के समन्वय में हो रही समिट में सड़क दुर्घटना में होने वाली मृत्यु और गंभीर चोटों को खत्म करने के लिए देश के शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं और चिकित्सकों के साथ आवश्यक रणनीति बनाई जायेगी। इंजीनियरिंग, लैंड यूज प्लानिंग, ड्राइवर साइकोलॉजी एंड एजुकेशन, सेफ्टी मैनेजमेंट हेल्थकेयर एंड ट्रामा फेसिलिटी, व्हीकल टेक्नोलॉजी जैसे विषयों पर कार्य करने वाले संस्थानों के शिक्षाविदों के 50 से अधिक शोध-पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे। इसमें सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले पुलिस, परिवहन, सड़क निर्माण एजेंसी तथा शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शामिल होंगे। समिट में सड़क सुरक्षा से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

समिट में भारतीय विज्ञान संस्थान बैंगलुरू, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) एवं स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (एसपीए) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले प्रोफेसर, अनुसंधानकर्ता, विद्वान, चिकित्सक, नीति-निर्माता और प्रशासकों की भी भागीदारी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि समिट में केरल, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, पश्चिम बंगाल जैसे विभिन्न प्रदेशों के प्रतिनिधि और शोधकर्ता शामिल हो रहे हैं।

राष्ट्रीय समिट में बुकलेट "विजन जीरो-2023, रोड सेफ्टी'' का कवर पेज लांच किया गया। बताया गया कि बुकलेट में समिट में प्रस्तुत किये जाने वाले सभी शोध-पत्र शामिल किये जायेंगे। इसका प्रकाशन अंतर्राष्ट्रीय प्रकाशन संस्थान ब्लूमबेरी द्वारा किया जायेगा।

परिवहन आयुक्त एस.के. झा ने राष्ट्रीय समिट के शुभारंभ पर स्वागत उद्बोधन दिया। मेनिट के प्लानिंग एण्ड डेव्हलपमेंट डिपार्टमेंट के डीन डॉ. गजेंद्र दीक्षित ने भी संबोधित किया। प्रोफेसर और डीन मेनिट डॉ. मनमोहन कापसे ने आभार माना।

 


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