जबलपुर/         अपराध किसी और का, सजा किसी और को! हैरान करने वाला यह सनसनीखेज मामला मध्य प्रदेश के जबलपुर और मंडला में सामने आया है. जबलपुर में एक शख्स ने एसपी को ऐसी लिखित शिकायत दी है कि पुलिस भी हैरान है. यह शख्स दूसरे आरोपी के बदले 84 दिन की सजा काटकर हाई कोर्ट से जमानत ले चुका है. यह मामला धोखाधड़ी से जुड़ा हुआ है. इसमें कोर्ट ने तीन लोगों को सजा सुनाई थी, लेकिन, जेल भेज दिया 3 बेगुनाहों को. अब इस मामले पर हड़कंप मचा हुआ है.
सिहोरा निवासी शिकायतकर्ता कोमल प्रसाद पांडेय ने बताया कि वह किसी दूसरे की सजा काटकर जमानत पर आया है. उसने बताया कि ठेकेदार अमित खम्परिया और उसके अन्य पार्टनर ने सितम्बर 2011 में मंडला जिले के कान्हा-किसली से कुछ दूर वन विभाग के टोल नाके का ठेका लिया. यहां पर्यटकों से अधिक रुपया वसूलकर मार्कर से राशि मिटाकर सही राशि भर दी जाती थी. इस मामले में शिकायत खटिया थाना में की गई. इसके बाद पुलिस ने 8 सितम्बर 2011 को धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया था.
कोर्ट ने सुनाई ये सजा
पुलिस ने इसमें अमित खम्परिया, उसके पिता अनिरुद्ध सिंह चतुर्वेदी, मौसा रामजी द्विवेदी, रिश्तेदार दशरथ प्रसाद तिवारी, रज्जन, उमेश पांडेय, अमित पांडे, श्रीकांत शुक्ला, शनि ठाकुर, अजय वाल्मीकि को आरोपी बनाया. पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था, जिसमें सभी जमानत पर बाहर हो गए. यह केस दस साल तक मंडला जिले की नैनपुर कोर्ट में चला. 22 सितम्बर को कोर्ट ने फैसला सुनाया और आरोपियों को पांच-पांच साल की सजा व जुर्माना लगाया गया. 22 सितम्बर 2021 में तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश डीआर अहिरवार की कोर्ट में अनिरुद्ध प्रसाद सिंह चतुर्वेदी उम्र 70 वर्ष निवासी टिकुरी उमरिया, रामजी द्विवेदी 66 वर्ष निवासी सोनवारी मैहर सतना व दशरथ प्रसाद तिवारी 60 वर्ष निवासी टिकुरी उमरिया ही पेश हुए. अभियुक्तों में उमेश पांडे की मौत हो चुकी है, जबकि 6 अन्य फरार थे.
दस्तावेजों में की जबरदस्त हेरफेर
इस बीच अमित खम्परिया ने तीनों आरोपियों अनिरुद्ध प्रसाद सिंह चतुर्वेदी, रामजी द्विवेदी 66 और दशरथ प्रसाद तिवारी को बचाने के लिए दस्तावेजों में जबरदस्त हेरफेर की और साजिश रचकर इनकी जगह दूसरे लोगों को जेल में पेश कर दिया. ऊधर, पुलिस ने भी किसी आरोपी के दस्तावेज नहीं जांचे. सभी को 84 दिन तक जेल में रहना पड़ा, फिर हाईकोर्ट से जमानत मिली. जमानत मिलने के बाद सजायाफ्ता कोमल प्रसाद पांडेय ने एसपी जबलपुर से मुलाकात कर हकीकत बताई.
इन्हें जेल में 84 दिन रहना पड़ा
जेल जाना था अनिरुद्ध प्रसाद सिंह चतुर्वेदी, लेकिन गया कोमल प्रसाद पांडेय. जेल जाना था रामजी द्विवेदी को, लेकिन गया श्यामसुंदर खम्परिया. जेल जाना था दशरथ प्रसाद तिवारी, लेकिन गया विराट तिवारी.


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