भोपाल : बुधवार, जनवरी 18, 2023/ प्रदेश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने और विद्यार्थी युवा और आम नागरिक को खेलो इंडिया से जोड़ने के लिए विभिन्न स्तरों पर अनेक कार्यक्रम किए जा रहे हैं। इस कड़ी में खेल और युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सभी जिला पंचायतों के सीईओ से चर्चा की।
खेल मंत्री श्रीमती सिंधिया ने कहा कि मध्यप्रदेश की मेजबानी में 30 जनवरी से 11 फरवरी तक हो रहे खेलो इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन को सफल बनाना हम सभी की जिम्मेदारी है। इन आयोजन से गाँव-गाँव को जोड़ने और खेलों का वातावरण निरंतर बना रहे, इसके प्रयास करना है। उन्होंने कहा कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स के लिए मशहूर गायक शान की आवाज में एंथम बनाया गया है, जिसको मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 7 जनवरी को लॉन्च किया था। इस एंथम को प्राथमिकता से पूरे प्रदेश में चलाया जाए। श्रीमती सिंधिया ने कहा कि इस एंथम से लोगों में जोश भरेगा और उन्हें इसके हुक स्टेप पर डांस करने के लिए मजबूर करेगा। उन्होंने कहा कि कोई भी उत्सव हो, उसे खेलो इंडिया एंथम से शुरू करें। हर वर्ग के लोग खेलो इंडिया से जुड़ें और स्व-सहायता समूह की महिलाओं को भी जोड़ें। आनंद उत्सव कार्यक्रम को भी खेलो इंडिया से जोड़ें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का सपना युवाओं को आगे बढ़ाने का है और खेल एक बेहतरीन माध्यम है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने कहा कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स सिर्फ खेल विभाग का कार्यक्रम नहीं है, पूरे प्रदेश का कार्यक्रम है। सभी जिला पंचायत भवनों में खेलो इंडिया के एंथम को चलाएँ। उन्होंने कहा कि इंटर पंचायत प्रतियोगिताओं में क्रिकेट को ही प्राथमिकता दी जाती थी, इस बार पारंपरिक खेलों की प्रतियोगिताओं को प्रोत्साहित करें। श्री सिसोदिया ने कहा कि सभी जिला पंचायत सीईओ खेल मैदान को चिन्हित करें, जमीन है कि नहीं इसकी जानकारी दें। उन्होंने कहा कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स की टॉर्च रिले सीईओ जिला पंचायत और डीएसओ मिल कर करें और शहरों तक सीमित न रह कर गाँव का भी भ्रमण करें। पंचायत मंत्री ने कहा कि रिले के दौरान डीजे का इस्तेमाल कर खेलो इंडिया एंथम बजाएँ।
अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्री मलय श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव खेल एवं युवा कल्याण श्रीमती दीप्ति गौंड मुखर्जी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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