भोपाल : शुक्रवार, मई 26, 2023/ राज्यसभा सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आजीविका मिशन में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बताया है कि मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार आजीविका मिशन के भ्रष्ट अधिकारी की करतूतों को छुपाकर उसे बचाने का प्रयास कर रही है।

दिग्विजय सिंह ने बताया कि आजीविका मिशन की दीदियां वर्षों से कड़ी मेहनत, लगन एवं निष्ठा के साथ कार्य कर रही हैं उसको अनदेखा कर आजीविका मिशन के राज्य कार्यालय में बैठे भ्रष्ट अधिकारी के द्वारा व्यापक भ्रष्टाचार कर उन समूह को स्वावलंबी नहीं बनाकर केवल कागजों पर ही उन्हें दिखाया जा रहा है जबकि वास्तविक स्थिति भिन्न है। समूह की सदस्य आज भी वह लाभांश नहीं प्राप्त कर पा रही हैं। लाभांश कागज में दर्शाया जा रहा है। दीदीयाँ स्वयं अपने निर्णय नहीं ले पा रही हैं, उनकी चेक बुक उनके प्रोसीडिंग रजिस्टर एवं अन्य अभिलेख आजीविका मिशन के अधिकारी और कर्मचारी अपने संरक्षण में रखते हैं। राज्य स्तर पर बैठे भ्रष्ट अधिकारी के निर्देशानुसार आजीविका मिशन का अमला कार्य कर रहा हैं।

दिग्विजय सिंह ने आगे बताया कि पिछले दिनों प्रदेश के प्रमुख अखबारों ने शासकीय स्कूलों में अध्ययनरत छात्रों को यूनिफॉर्म नहीं मिलने की खबर का प्रकाशन किया। इसमें करोड़ों रुपए के घोटाले का भ्रष्टाचार प्रमुख रूप से उजागर किया गया था। राज्य सरकार इस खबर की निष्पक्ष जांच कराने के बजाय भ्रष्ट अधिकारी को बचाने में लग गई। समूह की भोली भाली दीदियों को आगे कर इस घोटाले बाज को बचाने का एवं छुपाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।

दिग्विजय सिंह ने आगे कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ता जो प्रत्येक ग्राम टोले मजरे में रहते हैं वह आजीविका मिशन की गतिविधियों पर पूरी नजर रखे हुए हैं और ऐसे भ्रष्ट अधिकारी जिनके ऊपर दोष सिद्ध हो गए हैं बच नही पायेंगे। सरकार में यदि जरा सी भी नैतिकता बची हो तो उसे तत्काल पद से पृथक कर उनके भ्रष्ट कार्यों एवं पद के दुरुपयोग के आरोपो की जांच कराते हुए उसे दंडित करना चाहिए।

प्रदेश में आजीविका मिशन की शुरूआत वर्ष 2012 में केंद्र की यूपीए सरकार द्वारा गरीबों का जीवन स्तर ऊंचा उठाने के लिए की गई थी। कांग्रेस द्वारा की गई वही शुरूआत आज जन आंदोलन बन चुकी है। परंतु भाजपा सरकार में मप्र में यह आंदोलन अब विपरीत दिशा में जा रहा है, भाजपा सरकार की गलत नीतियों के चलते आधे से ज्यादा स्व सहायता समूह या तो खत्म हो गए हैं, या निष्क्रिय हो गये हैं। यह सरकार महिला विरोधी सरकार है। छोटे समूहों को पनपने नहीं देती है।

दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने जब आजीविका मिशन की शुरूआत की थी तो यह निर्देश थे कि 12 प्रतिशत से अधिक ब्याज समूह सदस्य से नहीं लिया जावे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार गरीब महिलाओं के सशक्तिकरण के विपरीत कार्य कर रही है, कांग्रेस सरकार ने आजीविका मिशन की स्व सहायता समूह की महिलाओं को 12% की दर से ऋण दिया जाता था किंतु भाजपा सरकार ने 24 प्रतिशत ब्याज महिला समूह सदस्यों से वसूला, जो आरबीआई के निर्देशों के विपरीत है।

सांसद दिग्विजय सिंह ने आगे बताया की स्व सहायता समूह की महिलाओं को गरीबी रेखा से बाहर लाकर उन्हें स्वावलंबी बनाकर अपने पैरों पर खड़ा करने की दिशा में कार्य किया जाना चाहिए किंतु उनकी राशि नेताओं के स्वागत पर खर्च की जा रही है। कभी प्रशिक्षण का नाम लेकर तो कभी अन्य नाम से राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति व प्रधानमंत्री की यात्राओं पर खर्च की गई।

प्रधानमंत्री के कूनो नेशनल पार्क में यात्रा में आजीविका मिशन की राशि व्यय की गई। इसी प्रकार राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति के साथ ही मुख्यमंत्री के अनेकों कार्यक्रमों में भी आजीविका मिशन से धनराशि व्यय की गई।

दिग्विजय सिंह ने बताया कि वर्तमान भाजपा सरकार दावा करती है कि स्व सहायता समूह को पोषण आहार संयंत्रों के प्रबंधन में दिया गया है जो कि गरीब-माताओं बहनों के साथ कितना बड़ा धोखा और छल है, जबकि हकीकत तो यह है कि पोषण आहार संयंत्र 45 करोड़ के घाटे में चल रहे हैं, इस पर सरकार चुप क्यों है? कुपोषण के आंकड़े में मध्य प्रदेश को बदत्तर बना दिया हैं। इसका कारण यह है कि पिछले साल मात्र पांच माह ही आंगनवाडियों में पोषण आहार दिया गया। मप्र में पोषण आहार की कमी से कुपोषित बच्चों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है।

आजीविका मिशन भ्रष्टाचार का गढ़ बन गया है मुख्य कार्यपालन अधिकारी की नियुक्ति नियम विरुद्ध की गई। मुख्य कार्यपालन अधिकारी पूरी तरह विवादित एवं भ्रष्ट अधिकारी हैं। उन पर भ्रष्टाचार के साथ अन्य आरोप भी साबित हो चुके है, यहां तक कि एक जांच में आईएएस अधिकारी ने उक्त अधिकारी के भ्रष्टाचार की जांच कर आईपीसी की धाराएं तक प्रस्तावित कर दी हैं। वहीं भाजपा सरकार ने राजनैतिक लाभ लेने की लिए ऐसे भ्रष्ट अधिकारी को रिटायरमेंट के पांच साल बाद भी आजीविका मिशन का मुखिया बना रखा है।

दिग्विजय सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार स्कूल के बच्चों को गणवेश तक उपलब्ध करवाने में पूरी तरह से नाकाम रही है। शासकीय स्कूलों में अध्ययनरत 76 लाख छात्रों को पिछले दो वर्ष से निशुल्क गणवेश वितरित नहीं की गई है। समूहों के नाम पर भाजपा द्वारा पोषित ठेकेदार काम कर रहे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार में महिला स्व सहायता समूहों का राजनीतिकरण किया जा रहा है, उन्हें केवल वोट बैंक समझा जाकर उनका उपयोग अब सिर्फ रैलियों, सम्मेलनों और भाजपा के इंवेटों में भीड़ जुटाने के लिए किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों में बसों के माध्यम से अन्य जिलों से लाकर स्व सहायता समूह की महिलाओं को भीड़ बनाकर कार्यक्रमों में संख्या दिखाई जा रही है। इसके चलते अनेकों बस दुर्घटना हो चुकी हैं जिसमें कई निर्दोष लोगों की मौत हुई हैं, इसकी जिम्मेदार भाजपा सरकार है।


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