भोपाल : सोमवार, नवम्बर 21, 2022/ शरीर में आयरन की कमी से एनीमिया बीमारी होने का खतरा रहता है, जिसे दूर करने के लिए लोहे के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि कुछ महीनों तक लगातार बच्चों को लोहे के बर्तन में बना खाना देने से उनमें खून की कमी नहीं होगी और उनके हीमोग्लोबिन स्तर में भी सुधार आएगा।

इन सभी फायदों को अपनाने और आयरन की कमी को दूर करने के लिए लोग अक्सर लोहे की कड़ाही में खाना पकाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं लोहे के बर्तनों का उपयोग सावधानी पूर्वक करना चाहिए, इसके जरा से गलत इस्तेमाल से आप बड़ी परेशानी में आ सकते हैं। तो आइए जानते हैं लोहे के बर्तनों का उपयोग करने से पहले आपको किन चीजों का ध्यान रखना होगा।

लोहे के बर्तनों में पकाए गए खाने को जल्द से जल्द किसी दूसरे बर्तन खासकर कांच या स्टेनलेस स्टील के बर्तन में डाल दें। दरअसल, लोहे की कड़ाही में सब्जी पकाने से उसमें जल्द ही कालापन आ जाता है। ऐसा सब्जी में मौजूद आयरन तत्व के कारण होता है, जिसे खाना आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके अलावा सब्जियां दो वजह से काली होती है। पहली तो यह कि बर्तन ठीक से धुले नहीं है और दूसरी खाना बनाने के बाद सब्जी को कड़ाही में ही छोड़ दिया गया।

लोहे के बर्तन में खट्टी चीजें गलती से भी नहीं बनाएं। खट्टे या एसिड पदार्थ लोहे के साथ रिएक्शन कर आपके खाने में खराब स्वाद पैदा करते हैं, जो आपके मुंह के स्वाद के साथ सेहत का हाल भी बिगाड़ सकते हैं। इसी कारण कढ़ी, सांभर और टमाटर जैसे पदार्थों को स्टेनलेस स्टील के पदार्थों में बनाने के लिए कहा जाता है।

लोहे के बर्तन में सप्ताह में मात्र दो या तीन बार ही खाना बनाना चाहिए. साथ ही इन्हें ज्यादा मजबूत हाथों से साफ न करें, इसके लिए हल्के डिटर्जेंट का उपयोग करना बेहतर रहता है। इन्हें धोने के बात ही तुरंत सूखे कपड़े से पौंछ भी दिया करें। जरूरत पड़े तो इन्हें खुरदुरे स्क्रबर की बजाय पॉलीथिन से साफ करना चाहिए।

लोहे के बर्तन में पानी मिलने से जंग लगने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है, ऐसे में इन्हें एक जगह रखने से पहले सरसों के तेल की हल्की परत लगा दें। ऐसा करने से बर्तनों को जंग लगने से बचाया जा सकता है। हमेशा ध्यान रखें कि बर्तनों को साफ-सुथरी और ऐसी जगह पर रखा जाए जहां पानी की मौजूदगी न हो। पानी की नमी के कारण भी इन बर्तनों में जंग लगने का खतरा बना रहेगा।

लोहे की कढ़ाई में खाना बनाने से उसमें मौजूद लौह अंश भोजन में युक्त हो जाते हैं। जिससे शरीर को पर्याप्त मात्रा में आयरन मिलता है। आयरन ना केवल शरीर की कोशिकाओं के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्व है बल्कि हीमोग्लोबिन को भी बढ़ाता है। यह लाल रक्त कोशिकाओं (आरबीसी) के विकास में भी मदद करता है।

लोहे की कढ़ाई में हमें कढ़ी, रसम, टमाटर से बनी हुई सब्ज़ी, इमली आदि खटाई वाली सब्ज़ी नहीं बनानी चाहिए। बाकी सारी सब्जियां आप लोहे की कढ़ाई में बना सकते हो। बस ध्यान ये रखना है कि सब्जी बनते ही उसे दूसरे बर्तन में निकाल दे वरना सब्जी में कालापन आ जाता है और वो सब्ज़ी खाने में स्वादिष्ट भी नहीं लगती हैं।

अगर खाना पकाने के तुरंत बाद कड़ाही से खाना नहीं हटाया जाता, तो बर्तन चिकना हो जाता है। ऐसे में राख और मिट्टी से भी इसकी चिकनाई नहीं जाती, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होती है। चिकनाई लगी कड़ाही में ,खाना खाने से पेट खराब होने की संभावना ज्‍यादा रहती है

 


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