नई दिल्ली : गुरूवार, नवम्बर 24, 2022/ अगर आप भी सोते वक्त खर्राटे लेते हैं तो सावधान हो जाए। सोते समय स्लीप एप्निया की वजह से सांस लेने में आने वाली समस्या मौत के खतरे को बढ़ देती है। स्लीप एप्निया भविष्य में हृदयाघात और गर्दन की धमनियों के मोटे होने का कारण भी बन सकता है। डॉक्टरों के मुताबिक स्लीप एप्निया एक सामान्य समस्या है, जिसकी वजह से सोते समय हम सांस लेने में रुक जाते हैं या बेहद कम सांस आती है। खर्राटे लेने वाला व्यक्ति कभी इस बात से सहमत नहीं होता कि वो खर्राटे लेता है। असल में नींद की उस स्थिति में अक्सर उसे इस बारे में पता ही नहीं चलता। लेकिन कई बार खर्राटों की ये आवाज़ इतनी तेज होती है कि खुद व्यक्ति की नींद टूट जाती है। यह स्थिति महिला-पुरुष दोनों के साथ हो सकती है। अक्सर लोग इस समस्या को उम्र के साथ जोड़कर देखते हैं। लोगों को लगता है कि खर्राटे तो उम्र बढ़ने पर होने वाली सामान्य प्रक्रिया है, इसीलिए अक्सर खर्राटों को लेकर मजाक भी किया जाता है।


खर्राटे पर हुए ताजा रिसर्च के मुताबिक स्लीप एप्निया से जुड़े खर्राटे से मौत का खतरा बढ़ जाता है। रिसर्च के मुताबिक ऑब्स्ट्रिक्टिव स्लीप एप्निया से पीड़ित सभी लोगों को यह खतरा होता है। सिडनी के वूलकॉक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च के मुताबिक खर्राटे लेने वाले लोगों में मौत का खतरा आश्चर्यजनक रूप से बढ़ जाता है। खर्राटे सीधे आपकी सांस लेने की स्थिति में बाधा डालते हैं। जब सांस व्यवस्थित नहीं होती तो शरीर के हर अंग तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती और दिल, दिमाग जैसे महत्वपूर्ण अंग मुश्किल में आ जाते हैं। ऐसी स्थिति भी आ सकती है कि बीच में कुछ सेकेंड्स के लिए सांस रुक भी जाए, यह स्थिति जानलेवा भी हो सकती है। अगर आप भी नींद में खर्राटे की समस्या से परेशान हैं तुरन्त इस बारे में डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।


इस अध्ययन में छह गुना ज्यादा खतरा होने की बात सामने आई है, जिसका मतलब है कि 40 साल की उम्र में स्लीप एप्निया से मौत का खतरा उतना ही होता है, जितना 57 साल की उम्र के व्यक्ति को बिना इस रोग के होता है। डॉक्टरों के मुताबिक जिन लोगों को स्लीप एप्निया है या होने का शक है, उन्हें तुरंत अपने डॉक्टर से जांच और इलाज के लिए संपर्क करना चाहिए।


कई मामलों में तो खर्राटों की वजह से लोगों की शादियां तक टूट गई हैं। अगर आपको सर्दी हुई है और आपकी नाक बंद है तो आपके खर्राटे लेने की संभावना अधिक है। ऐसे में सोने से पहले अपनी नाक को अच्छे से साफ़ करें। आप नाक को साफ करने के लिए नाक से ली जाने वाली सर्दी खांसी की दवा का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। इससे नाक की बहुत महीन रक्त कोशिकाओं की सूजन से राहत मिलेगी।

खर्राटे विभिन्न कारणों के एक साथ जुड़ने से आते हैं जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अलग-अलग होते हैं। खर्राटों के सबसे सामान्य कारणों में वजन ज़्यादा होना, पीठ के बल सोना, मुंह खोलकर सोना, धूम्रपान और शराब का सेवन, बंद नाक आदि शामिल हैं। पर्याप्त नींद लें, अपनी तरफ सोएं, सोने से पहले शराब से बचें और अगर नाक के मार्ग बंद हो जाते हैं तो गर्म पानी से भाप का प्रयोग करें। ये सरल अभ्यास खर्राटों को कम करने में बहुत बड़ा अंतर ला सकते हैं।


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