नवम्बर 14, 2022/ सर्दियां आते ही बुजुर्गों के ही नहीं, काफी संख्या में युवाओं के जोड़ों में भी दर्द होने लगता है। इस मौसम में तापमान में गिरावट के साथ दर्द कई गुना बढ़ जाता है। जोड़ों की समस्या शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने के कारण होती है।


सौंफ की पत्तियों में कई औषधीय गुण होते हैं। ये हरे रंग की पत्तियां दस्त रोकने सहित कई पाचन संबंधी समस्याओं से राहत दिलाने में सहायक हैं। साथ ही यह बुढ़ापे में सबसे ज्यादा परेशान करने वाले रोग जोड़ों के दर्द से निजात दिलाता है। भोजन में कुछ ऐसे पदार्थ होते हैं, जो इस एसिड को बढ़ाने का काम करते हैं। इससे एक तरफ जहां गुर्दा प्रभावित होता है, वहीं दूसरी तरफ जोड़ों की समस्या शुरू हो जाती है। यूरिक एसिड शरीर के जोड़ों में जाकर वहां छोटे-छोटे क्रिस्टल का रूप लेता है। इसके बाद सूजन, दर्द और ऐंठन की समस्या शुरू हो जाती है।


उम्र बढ़ने के साथ हमारी हड्डियां भुरभुरी व खोखली होती जाती हैं। उम्र के बढ़ने के साथ-साथ ज्वाइंट पेन की समस्या गहराने लगती है। सौंफ की पत्तियों का ऐन्टीस्पैज़्माडिक डिजीज़ प्रभाव पड़ता है। इन पत्तियों के पेस्ट को तिल के तेल के साथ मिलाकर लगाने से जोड़ों का दर्द कम करने में मदद मिलती है। ये हरे रंग की पत्तियां कैल्शियम का बहुत अच्छा स्रोत हैं।

इसे अपने आहार में जोड़कर आप हड्डी हानि और हड्डियों को कमजोर होने से रोक सकते हैं। इसके सही इस्तेमाल के लिए यह विधि अपनाए। सौंफ की पत्तियों को एक कप तिल के तेल साथ मिलाकर उबाल लें। ठंडा होने पर तेल से जोड़ों की मालिश करें। कमाल की सुगंध होने कारण इसका इस्तेमाल सब्जी के रूप में या दाल में मिलाकर भी किया जा सकता है। इसके अलावा इसे रायता और सलाद के रूप में भी खाया जाता है। अपनी दैनिक कैल्शियम की मात्रा बढ़ाने के लिए रोजाना इसे अपनी डायट में शामिल करें।


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