नई दिल्ली : सोमवार, जनवरी 23, 2023/ परीक्षा का सीजन है। इस समय बच्चों से ज्यादा टेंशन उनके पैरेंट्स को होती है। अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा भी परीक्षा में टॉप करे तो आपको थोड़ी सावधानी बरतनी होगी और उनके रोज के खाने में थोड़ा बदलाव करना होगा।

बच्चों के डिनर और ब्रेकफास्ट में लगभग 10 घंटे का गैप होता है, लिहाजा उन्हें नाश्ते में कुछ हैवी खाने को दें। मसलन- ओट्स, मूसली, उपमा, इडली अच्छे विकल्प हो सकते हैं। क्योंकि इनमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है जिससे लगातार ग्लूकोज की सप्लाई होती रहती है।सुबह हैवी खाना देने का मतलब यह नहीं कि आप पूरे दिन उन्हें हैवी चीजे खिलाएं।

सुबह के नाश्ते के बाद थोड़ी-थोड़ी देर में हल्की और पोष्टिक चीजें खिलाते रहें। इससे उन्हें नियमित अंतराल पर जरूरी पोषण मिलता रहेगा और वे एक्टिव रहेंगे और पढ़ाई में उनका मन लगेगा। ताजा फल, फ्रूट स्मूथी, ड्राइ फ्रूट, शहद लगे नट्स, सूप, सलाद अच्छे विकल्प हैं। परीक्षा के समय में बच्चों को भूलने की सबसे बड़ी समस्या होती है इसलिए उन्हें ऐसा खाना दें जो उनकी याददाश्त बढ़ाए। मछली, अलसी, कद्दू के बीज, तिल, सोयाबीन का तेल अच्छे विकल्प हैं। मछली में पाया जाने वाला ओमेगा 3 फैटी एसिड दिमाग के लिए अच्छा है और इससे याददाश्त बढ़ती है।

सर्दी के मौसम और एग्जाम की टेंशन में बच्चे अक्सर बीमार हो जाते है, इस कारण उनकी पढ़ाई पर इसका असर पड़ता है। इस समय उनको कुछ ऐसा खाना दें जिसे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़े और परीक्षा के दौरान बच्चे बीमार पड़ें। विटामिन ए, सी और ई जैसे एंटी-ओक्सीडेंट्स फ्री-रेडिकल्स से लड़कर तनाव के कारण मस्तिष्क की कोशिकाओं को होने वाले नुकसान को कम करते हैं।

अंडे, मछली, गाजर, कद्दू, हरी पत्तेदार सब्जियां, ताजे फल आदि से इनकी पूर्ति हो सकती है। सर्दी के मौसम में प्यास कम लगती है, जिससे बच्चे कम पानी पीते है। इससे उनमें डीहायड्रेशन की समस्या होती है और उनका मन बेचैन सा होने लगता है। इस कारण वे पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। यदि वे ज्यादा पानी पीना पसंद नहीं करते हैं तो उन्हें ताजे फलों का जूस, नींबू पानी, छाछ या ग्रीन टी दें। हां, लेकिन इस बात का ख्याल रखें के एग्जाम के दौरान उनको चाय, कॉफी, एनर्जी ड्रिंक और कोल्ड ड्रिंक से दूर रखें, क्योंकि इससे सिरासिडीन रिदम बिगड़ जाता है और वे ढंग से नहीं सो पाते हैं।

छह से 12 साल के बच्चों को रोजाना 1,600 से 2,200 कैलोरी की जरूरत होती है। कैलोरी की मात्रा बच्चों के एक्टिव रहने के हिसाब से भी तय की जाती है। बच्चों को जरूरत के मुताबिक कैलोरी का सेवन करना चाहिए। अगर बच्चे अधिक कैलोरी लेते हैं और कैलोरी बर्न नहीं करते हैं, तो इस कारण से वेट बढ़ सकता है। घर के अंदर टीवी देखने या फिर मोबाइल देखने से कैलोरी बर्न नहीं होती है। अगर आपका बच्चा आउटडोर गेम नहीं खेलता है, तो उसे खेलने के लिए कहें। हेल्दी फूड्स खाने के साथ ही अगर शरीर को हेल्दी रखना है, तो फिजिकल एक्टिविटी भी बहुत जरूरी होती है।

छह साल के बच्चे का डायट चार्ट तैयार करते समय आपको स्नैक्स को लेकर अधिक सावधानी रखने की जरूरत है। बच्चों को मार्केट के चिप्स से लेकर ऐसे कई स्नैक्स होते हैं, जो बेहद पसंद आते हैं लेकिन इनमें पोषक तत्व नहीं होते हैं। बच्चे घर की अपेक्षा स्कूल में अधिक एक्टिव होते हैं और उसी दौरान उन्हें स्नैक्स के माध्यम से अधिक कैलोरी भी मिलती है। आप उनके टिफिन में पीनट बटर सैंडविच, चीज, योगर्ट, फ्रूट्स, वेजीटेबल्स स्टिक आदि हेल्दी स्नैक्स रख सकते हैं। आप बच्चे के लिए दो टिफिन तैयार करें। एक टिफिन में हेल्दी स्नैक्स (Healthy snacks) को जरूर शामिल करें। हेल्दी स्नैक्स उस समय बहुत काम आते हैं, जब बच्चों को बार-बार भूख लग रही हो।

 


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