मुंबई : मंगलवार, मार्च 5, 2024/ फिक्की फ्रेम्स का 24वां संस्करण आज मुंबई में शुरू हुआ। इसके उद्घाटन सत्र में महाराष्ट्र सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा और सूचना एवं प्रसारण सचिव संजय जाजू, अभिनेत्री रानी मुखर्जी, फिक्की के उपाध्यक्ष अनंत गोयनका, मीडिया एवं मनोरंजन (एम एंड ई) समिति के फिक्की अध्यक्ष केविन वाज़ और एवीजीसी के फिक्की अध्यक्ष आशीष कुलकर्णी और गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।

मंगल प्रभात लोढ़ा ने सम्मेलन में आए सभी प्रतिभागियों का महाराष्ट्र सरकार की ओर से स्वागत करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में भारत जैसे युवा राष्ट्र के लिए कौशल और पुन: कौशल को अत्यधिक महत्व मिलेगा और उन्होंने उद्योग जगत से कौशल क्षेत्र में सहायता देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री के 'विकसित भारत' के सपने को साकार करना सभी के सामूहिक योगदान पर निर्भर करता है।

इस अवसर पर अपने विशेष संबोधन में सूचना एवं प्रसारण सचिव संजय जाजू ने कहा कि हमारे समाज को आकार देने, हमारे दृष्टिकोण को प्रभावित करने और हमारे सामूहिक प्रयासों को प्रतिबिंबित करने में एम एंड ई खंड की महत्वपूर्ण भूमिका को भारत सरकार ने पहचाना है। उन्होंने कहा कि यह उद्योग अपनी रचनात्मकता, नवोन्मेषिता, सांस्कृतिक समृद्धि के लिए विख्यात है और यह केवल हमारे देश के लिए ही नहीं, बल्कि दुनिया के लिए भी मार्गदर्शक का कार्य करता है। सूचना एवं प्रसारण सचिव ने कहा कि यह क्षेत्र भारतीय जीवन के वैविध्यपूर्ण चित्रपट से गहराई से मेल खाता है और यह सीमाओं को पार करता है और हमारे जैसे विविधताओं से भरपूर राष्ट्र के लिए अनेकता में एकता को बढ़ावा देता है।

सूचना एवं प्रसारण सचिव संजय जाजू ने कहा कि एम एंड ई एक अनूठा खंड है जिसमें विकास और रोजगार की अधिकता अंतर्निहित है और साथ ही इस क्षेत्र में होने वाले व्यवधानों के दृष्टिकोण से यह एक उभरता हुआ क्षेत्र भी है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र हमारी अर्थव्यवस्था अर्थव्यवस्था को कई गुना बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

सूचना एवं प्रसारण सचिव ने कहा कि वर्तमान समय में भारत डिजिटल परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, ऑनलाइन मीडिया सामग्री की उपलब्धता के कारण एम एंड ई क्षेत्र भी त्वरित बदलाव का साक्षी बन रहा है। देश के कोने-कोने में किफायती स्मार्टफोन और डेटा की उपलब्धता के कारण इंटरनेट पर मौजूद सामग्री तक पहुंच बढ़ गई है। डिजिटल बुनियादी ढांचे के बारे में उन्होंने बताया कि भारत में 90 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ता, 60 करोड़ से अधिक स्मार्टफोन और 4 करोड़ से अधिक कनेक्टेड टीवी हैं।

पिछले साल की फिक्की- अर्न्स्ट एंड यंग रिपोर्ट के अनुसार, भारत के एम एंड ई क्षेत्र का आकार 2 लाख करोड़ के करीब होने का अनुमान है। इस बात की जानकारी देते हुए सूचना एवं प्रसारण सचिव ने यह भी बताया कि डिजिटल मीडिया खंड में साल-दर-साल 30 प्रतिशत की "भारी" वृद्धि देखी जा रही है। असली बदलाव ओटीटी खंड के विकास के साथ आया है। हमारे पास देश में करीब 60 ओटीटी प्लेटफॉर्म हैं, जिनमें से अनेक क्षेत्रीय भाषाओं में हैं। भारत में ओटीटी खंड का मूल्य फिलहाल 10 हजार करोड़ रुपये है। हमारे देश में सामग्री की वृद्धि के कारण यह खंड विदेशी निवेश भी आकर्षित कर रहा है। सूचना एवं प्रसारण सचिव ने कहा कि कई देश भारत की ओटीटी सामग्री के लिए शीर्ष अंतरराष्ट्रीय बाजार बन रहे हैं। सूचना एवं प्रसारण सचिव ने कहा, “ये सभी आंकड़े एम एंड ई क्षेत्र को भारत की सॉफ्ट पावर और अनेक देशों के बीच भारत के उत्थान में मुख्य योगदानकर्ता के रूप में देखने का मार्ग प्रशस्त करते हैं।”

सूचना एवं प्रसारण सचिव संजय जाजू ने कहा कि भारत सरकार और राज्य सरकारों द्वारा मीडिया एवं मनोरंजन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सिनेमैटोग्राफ अधिनियम में संशोधन, सूचना प्रौद्योगिकी मध्यवर्ती दिशानिर्देश, डिजिटल मीडिया आचार संहिता (नियम), डीटीएच सेक्टर और अन्य में केबल में संवर्धित एफडीआई सीमा आदि जैसे कई कदम उठाए जा रहे हैं । टीवी प्रसारण क्षेत्र में कई सुधार लाए गए हैं, जैसे अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग दिशानिर्देश जो कारोबार करने में आसानी और अनुपालन में आसानी सुनिश्चित करते हैं।

सूचना एवं प्रसारण सचिव ने कहा कि राष्ट्रीय एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स (एवीजीसी) नीति अब अपने उन्नत चरण में है और "विश्व के लिए भारत में बनाएं" का एक महत्वपूर्ण घटक है। उन्होंने आश्वासन दिया कि एवीजीसी नीति, जिसे उद्योग हितधारकों से प्राप्त इनपुट के साथ तैयार किया गया है, निवेश की सुविधा प्रदान करेगी, नवाचार को बढ़ावा देगी, कौशल विकास सुनिश्चित करेगी, बौद्धिक संपदा की रक्षा करेगी और विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के निर्माण में मदद करेगी। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एवीजीसी और विस्तारित रिएलिटी सेक्टर के लिए एक राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना की भी परिकल्पना की है, जो इस क्षेत्र के लिए विश्व स्तरीय प्रतिभाएं तैयार करेगा और इन्क्यूबेटर सेंटरों की स्थापना और उद्योग को मार्गदर्शन प्रदान करने की भी अनुमति देगा।

सूचना एवं प्रसारण सचिव ने यह भी बताया कि हाल ही में विदेशी फिल्म निर्माताओं को भारत में शूटिंग करने के लिए प्रोत्साहन देने की योजना की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि बड़े बजट की अंतरराष्ट्रीय फिल्मों का हमारे देश में आना सुनिश्चित करने के लिए भारत ने कई देशों के साथ सह-उत्पादन संधियों पर हस्ताक्षर किए हैं । उन्होंने कहा कि इससे न केवल निवेश आएगा बल्कि देश-विदेश में संपर्क कायम होगा और हमें अपनी सॉफ्ट पावर दिखाने के लिए प्रेरित करेगा।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत के एम एंड ई क्षेत्र को बढ़ावा देने और दुनिया के सामने हमारी सिनेमाई संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए इफ्फी, एमआईएफएफ आदि जैसे फिल्म समारोहों का भी आयोजन करता है और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में भाग लेता है। सूचना एवं प्रसारण सचिव ने कहा कि मंत्रालय कई क्षेत्रीय फिल्म समारोह भी करता हैं जो मुख्यधारा से अछूते रहे क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर फिल्म निर्माण, फिल्म देखने और एम एंड ई सामग्री का उपभोग करने की संस्कृति का प्रसार करने में मदद करते हैं।

उन्होंने कहा, “जैसे-जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं, भारत सरकार का ध्यान उद्योग की उन्नति के लिए अनुकूल माहौल बनाने पर है।” सूचना एवं प्रसारण सचिव जाजू ने यह भी कहा कि फिक्की फ्रेम्स जैसे सम्मेलन भारत को एम एंड ई क्षेत्र में विश्व में अग्रणी बनाएंगे और हमारे देश में कई गुना प्रभाव लाएंगे और आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगे।

अभिनेत्री रानी मुखर्जी ने कहा कि फिक्की फ्रेम्स 2024 ने लगातार बदलते मीडिया और मनोरंजन उद्योग के लिए एजेंडा निर्धारित किया है। उन्होंने कहा, “महामारी ने हमें अनुकूलन, नवाचार और नए सिरे से कल्पना करने के लिए मजबूर किया ताकि हम दर्शकों से जुड़ सकें। जैसे-जैसे उपभोक्ताओं की पसंद विकसित हो रही है, अनूठी और नवोन्मेषी सामग्री प्रदान करने की मांग बढ़ रही है ।”

इस अवसर पर फिक्की-ईवाई रिपोर्ट "'रीइन्वेंट' – इंडियाज मीडिया एंड एंटरटेनमेंट सेक्टर इज़ इनोवेटिंग फॉर द फ्यूचर" भी लॉन्च की गई।

पिछले वर्षों की तरह, फिक्की फ्रेम्स 2024 तीन दिनों के लिए उद्योग जगत की हस्तियों, प्रभावशाली लोगों और नीति निर्माताओं सहित एम एंड ई हितधारकों के बीच संचार और आदान-प्रदान का मंच प्रदान करेगा। यह सम्मेलन इस उद्योग के विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले 400,000 से अधिक भारतीय और विदेशी पेशेवरों को एक साथ लाया है।


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