कृष्णमोहन झा

मध्यप्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री मोहन यादव अपनी सुनियोजित रणनीति और तूफ़ानी चुनाव प्रचार से राज्य की सभी 29 सीटों पर भाजपा की शानदार जीत की बलवती संभावनाओं से उपजे आत्मविश्वास से लबरेज दिखाई दे रहे हैं और अब वे देश के दूसरे राज्यों में भाजपा के चुनाव अभियान का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुके हैं। उन्हें पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने जिन राज्यों में पार्टी के चुनाव अभियान का अपरिहार्य हिस्सा बनाकर महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी हैं उनका वे पूरी निष्ठा और समर्पण भाव के साथ निर्वहन कर रहे हैं। हमेशा ही अद्भुत आत्मविश्वास से चमकते उनके चेहरे पर आप क्षणिक क्लांति अथवा तनाव की एक झलक भी नहीं देख सकते। मध्यप्रदेश के बाहर दूसरे राज्यों में भी आयोजित चुनावी रैलियों में मुख्यमंत्री जिस तरह शांत संयत और सहज दिखाई देते हैं उसे लोग भाजपा की शानदार जीत के पूर्वाभास की गवाही मानते हैं। मुख्यमंत्री जिस चुनाव क्षेत्र में पहुंचते हैं, वहां उनकी एक झलक पाने को बेताब लोगों का दिल जीतने के लिए मुख्यमंत्री की एक निश्छल मुस्कान ही पर्याप्त होती है। इसके पहले कि, मुख्यमंत्री का अभिवादन करने के लिए उनके प्रशंसकों की भीड़ आगे बढ़े, मुख्यमंत्री स्वयं ही विनम्र मुद्रा में हाथ जोड़कर उनका अभिवादन करने के लिए आगे बढ़ जाते हैं। हर शहर,हर‌ गांव , हर कस्बे में मुख्यमंत्री की यह अतिशय विनम्रता लोगों को अभिभूत कर देती है और वे मुख्यमंत्री के सामने दिल खोलकर भाजपा के लिए अपने समर्थन की अभिव्यक्ति करते हैं। कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री की अपार लोकप्रियता का जादू अब मध्यप्रदेश की सीमाओं के बाहर भी सर चढ़कर बोल रहा है। उत्तर प्रदेश , बिहार, महाराष्ट्र,हरियाणा , दिल्ली , झारखंड आदि राज्यों में आयोजित चुनावी रैलियों में उन्होंने विपक्षी गठबंधन में शामिल विरोधी दलों को निशाने पर लेते हुए कहा कि ये अवसरवादी चुनावी स्वार्थ सिद्ध करने के लिए एकजुट हुए हैं। जनता इनकी रीति नीति से अच्छी तरह वाकिफ है। मुख्यमंत्री यादव के उद्गारों को हर जगह मंत्रमुग्ध होकर सुनने वाले मतदाताओं की एक ही राय है कि मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षित मुख्यमंत्री भारतीय संस्कृति की चलती फिरती लायब्रेरी हैं। वे जब मतदाताओं से धर्म, अध्यात्म, साहित्य,कला, संस्कृति के मर्मज्ञ के रूप में रूबरू होते हैं तो उनके अध्ययन मनन और चिंतन की गहराई मतदाताओं को आश्चर्यचकित कर देती है।

मुख्यमंत्री मोहन यादव को दिल्ली में पूर्व विदेश मंत्री स्व.सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज के चुनाव क्षेत्र में मतदाताओं को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया गया। मोहन यादव अपने मजबूत तर्कों और तथ्यों पर आधारित संबोधन से मतदाताओं को सहमत करने में सफल रहे। मुख्यमंत्री ने लोगों से जोर देकर कहा कि वे अपने प्रजातांत्रिक अधिकार का प्रयोग अवश्य करें और अपना बहुमूल्य मत उस दल के प्रत्याशी को दें जिसके पास देश को विकास के मार्ग पर तेजी से आगे ले जाने की इच्छा शक्ति और जज्बा हो। प्रधानमंत्री मोदी के अंदर यह इच्छा मौजूद है इसलिए जनता उन्हें तीसरी बार भी प्रधानमंत्री की कुर्सी पर देखना चाहती है। मुख्यमंत्री यादव ने विपक्ष के इंडिया गठबंधन को नकारात्मक विचार धारा वाले कुछ दलों का गठजोड़ बताते हुए कहा कि उसके अंदर का विरोधाभास उन दलों को कभी एकजुट नहीं होने देगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इंडिया गठबंधन के घटक दलों में से किसी भी दल के पास मोदी के कद का कोई नेता नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी एनडीए के सर्वमान्य नेता हैं। एन डी ए में शामिल सभी दलों की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पूरी आस्था और विश्वास है।

उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में आयोजित एक जनसभा में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के चुनावी गठजोड़ पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि ये पार्टियां फूट डालो और राज करो की अंग्रेज शासकों की नीति पर चल रही हैं। उन्हें केवल वर्ग विशेष के हितों की चिंता है जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने हमेशा सबको साथ लेकर,सबका विकास करते हुए सबका विश्वास अर्जित किया है।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने महाराष्ट्र प्रवा‌स के दौरान एक पत्रकार वार्ता में कहा कि शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के बीच हुए गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि यह गठबंधन कुर्सी की भूख से उपजा है। ये दल स्वातंत्र्य वीर सावरकर, संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर और बाला साहेब ठाकरे का अपमान करने से गुरेज नहीं करते। मोहन यादव ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की आलोचना करने के लिए उद्धव ठाकरे को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि संघ एक राष्ट्रवादी संगठन है जिसका राजनीति से कुछ लेना-देना नहीं है। उद्धव ठाकरे को पहले अपना' घर 'संभालना चाहिए।

मुख्यमंत्री यादव ने अपनी चुनावी रैलियों में कांग्रेस को इस बात के लिए आड़े हाथों लिया किस उसने अयोध्या में नवनिर्मित भव्य मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव का हिस्सा न बनने का फैसला किया जबकि भगवान राम के चरणों में तो करोड़ों हिंदुओं की आस्था है। वे जन जन के आराध्य हैं। कांग्रेस ने जिस तरह अयोध्या में नवनिर्मित भव्य मंदिर में आयोजित प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव से दूरी बनाई उससे क्षुब्ध होकर तो कांग्रेस के ही कई वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी छोड़ दी। इसीलिए जनता का भी कांग्रेस से मोहभंग हो चुका है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने कांग्रेस की मुखिया सोनिया गांधी द्वारा हाल में ही रायबरेली की जनता से की गई इस अपील के लिए उनकी आलोचना की कि वे रायबरेली को अपना बेटा सौंप रही हैं। मुख्यमंत्री यादव ने सवाल किया कि राहुल गांधी को रायबरेली की जनता की सेवा करनी है या सोनिया गांधी ने रायबरेली की जनता के ऊपर राहुल गांधी की चिंता करने की जिम्मेदारी सौंप दी है।

मध्यप्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री मोहन यादव मध्यप्रदेश के बाहर जिन जिन राज्यों में भाजपा के चुनाव अभियान का अहम हिस्सा बने वहां मतदाताओं के मानस पटल पर अपनी विशिष्ट छाप छोड़ने में सफल रहे। मुख्यमंत्री का सहज सरल व्यक्तित्व, संवाद अदायगी की अद्भुत क्षमता और सबको साथ लेकर चलने की उनकी कार्यशैली ने मतदाताओं का मन मोह लिया। इसमें कोई संदेह नहीं कि देश के विभिन्न राज्यों में भाजपा के चुनाव अभियान का अहम हिस्सा बनकर मोहन यादव ने यह भी साबित कर दिया है कि मात्र 6 माहों के अंदर वे केवल मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि देश के दूसरे राज्यों में भी भाजपा का लोकप्रिय चेहरा बन चुके हैं।


नोट - लेखक राजनैतिक विश्लेषक और सहारा मीडिया समूह के स्टेट ब्यूरो हेड है।


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