कृष्णमोहन झा

अयोध्या में नवनिर्मित भव्य मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के पुनीत अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत ने आमंत्रित अतिथियों के समक्ष व्यक्त अपने विचारों से‌ सारे देशवासियों को अभिभूत कर दिया। मंत्रमुग्ध मुद्रा में आसीन अतिथियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि करोड़ों रामभक्तों की पांच शताब्दी की त्याग तपस्या , अथक संघर्ष और अनगिनत कुर्बानियों के बाद अयोध्या में निर्मित इस भव्य मंदिर से हमें देश में रामराज्य की स्थापना के मार्ग पर अग्रसर होने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि अभी तक हम भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए तप कर रहे थे और आज इस भव्य मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से देश में राम राज्य की स्थापना के लिए तप की शुरुआत हो रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि राममंदिर समाज के हर वर्ग के लिए उज्ज्वल भविष्य के पथ पर आगे बढ़ने की प्रेरणा लेकर आया है। हमें इसी पल से हजार वर्षों के भारत की नींव रखनी है। हजार वर्षों बाद तक की पीढ़ी वर्तमान पीढ़ी के कार्यों को याद रखेगी। जब राम की प्रतिष्ठा होती है तो उसका प्रभाव हजार वर्षों के लिए होता है। समारोह के मंच से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उद्बोधन में भी यही भाव था कि अयोध्या के नवनिर्मित भव्य मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के अनुष्ठान से देश में रामराज्य की स्थापना की शुरुआत हो रही है।। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इच्छा शक्ति, दृढ़ संकल्प और दूरदर्शिता के फलस्वरूप अयोध्या नगरी अपने नये स्वरूप में सबके सामने है। अयोध्या आज त्रेतायुगीन वैभव के दर्शन हो रहे हैं जिसे देखने के लिए देश विदेश हर जगह श्रद्धालु अधीर हैं।

अयोध्या में राम लला के भव्य मंदिर के निर्माण हेतु 5 अगस्त 2020 को जब भूमि पूजन कार्यक्रम आयोजित किया गया था तब कोरोना संकट के कारण अतिथियों की संख्या नगण्य थी परन्तु गत 22 जनवरी को संपन्न प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में लगभग दस हजार अति विशिष्ट अतिथियों को आमंत्रित किया गया था। इन अतिविशिष्ट अतिथियों में कला ,संस्कृति,साहित्य, विज्ञान, उद्योग जगत,खेलकूद सहित हर क्षेत्र की दिग्गज विभूतियां शामिल थीं।इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ,संघ प्रमुख मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विचार सुनने के लिए सभी आतुर थे।

राम लला के प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के दौरान पूरे समय प्रधानमंत्री मोदी के साथ संघ प्रमुख मोहन भागवत की मौजूदगी राममंदिर आंदोलन में संघ की महत्वपूर्ण भूमिका को प्रमाणित कर रही थी। आंदोलन में संघ की सक्रिय भागीदारी के बिना इस आंदोलन की सफलता संभव नहीं थी। इस नाते संघ प्रमुख मोहन भागवत को मंदिर के भूमि पूजन समारोह और नवनिर्मित मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में जो सम्मान दिया गया वह स्वाभाविक था परन्तु संघ प्रमुख जब अपने विचार व्यक्त करने के लिए खड़े हुए तो उनके भाषण में कहीं भी आंदोलन की सफलता का लंच मात्र श्रेय भी संघ को दिए जाने का आग्रह नहीं था। संघ प्रमुख ने कहा कि पांच शताब्दियों तक अनेक पीढ़ियों ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण हेतु दृढ़ संकल्प लेकर बलिदान देकर और अथक परिश्रम, और संघर्ष करके आनंद का यह दिन राष्ट्र को उपलब्ध करा दिया है हम उन सबके कृतज्ञ हैं। रामलला हमारे मन को आल्हादित उत्साहित और प्रेरणा देने के लिए आए हैं। विश्व में जिस धर्म की स्थापना हेतु राम का अवतार हुआ था उस धर्म की स्थापना हेतु अनुकूल स्थिति आचरण में,देश में उत्पन्न करने के व्रत का पालन हम अभी इसी क्षण से करेंगे तो मंदिर का निर्माण पूर्ण होने तक विश्व गुरु भारत का निर्माण भी पूर्ण हो जाएगा। अयोध्या में राम के साथ लौट भारत का स्व लौट आया है और अब विश्व को त्रासदी से राहत देने वाला नया भारत खडा होकर रहेगा।

 

नोट - लेखक राजनैतिक विश्लेषक है।


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