विजय कुमार जैन 

 

कोरोना की पहली लहर कहते हैं दिसंबर 19 में चीन से आई। सारी दुनिया में इस महामारी ने तवाही मचायी। कोरोना महामारी की दूसरी लहर वर्तमान में अपने पूरे जोर पर है। भारत में वर्तमान में इस महामारी के भीषण प्रकोप से सभी साधन एवं व्यवस्थाओं को पूरी तरह से चरमरा दिया है। अस्पतालों में पंलग, वैन्टीलेटर, जीवन रक्षक आक्सीजन गैस सहित, फेफड़ों के संक्रमण पर काबू पाने रेमडीसेवर इंजेक्शन नहीं मिल रहे हैं।
कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने हमारी तैयारियों की धज्जियाँ उडा दी। इसे लेकर बड़ा विवाद भी है कि भारत सरकार दूसरी लहर का आकलन करने में क्यों चूक गया। हम कोरोना की दूसरी भीषण लहर का सामना नहीं कर पा रहे हैं। इसी बीच भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन ने कहा है कोरोना की तीसरी लहर आना तय है। उन्होंने ने बताया है तीसरी लहर मौजूदा लहर से भी घातक होगी। यह भी कहा है तीसरी लहर कब किस रूप में आयेगी, यह कहा नहीं जा सकता। कोरोना की दूसरी लहरकी उत्पन्न स्थिति को चुनौतीपूर्ण बताते हुए विजय राघवन ने इससे तत्काल निपटने के साथ साथ भविष्य में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिये तैयार रहने को कहा है। कोरोना महामारी के दुनिया में भीषण प्रकोप के बीच न्यूयार्क से एक शाकाहार प्रेरक समाचार आया है। सुप्रसिध्द समाचार पत्र "न्यूयार्क टाइम्स" ने समाचार को प्रमुखता से प्रकाशित कर उल्लेख किया है। कोविड महामारी के चलते सुप्रसिध्द रेस्तरां जो दुनिया के रईसों के जाने पहचाने रेस्तरां मैनहट्टन (न्यूयार्क) के इलेवन मैडिसन पार्क रेस्तरां ने अपने मेन्यू में बड़ा परिवर्तन किया है। रेस्तरां अब मांसाहार और सी फूड नहीं परोसेगा। कोविड महामारी के बाद हाल ही में दोबारा खुले रेस्तरां ने बदलाव का फैसला किया है। रेस्तरां के चीफ शैफ डेनियल हम ने कहा है पिछले 18 माह में काफी कुछ देखा सुना और समझा है। मांसाहार और सी फूड को लेकर कई पर्यावरण विदों और सामाजिक संस्थाओं ने कहा है कि महामारी फैलने के कारणों में एक ग्लोबल फूड सिस्टम की कमजोरी और खासकर मांसाहारी भोजन से होने बाले खतरों को नजर अंदाज करना है। डेनियल के अनुसार नये मेन्यू में हमारा सबसे ज्यादा फोकस हरी सब्जियों और प्राकृतिक उत्पादों पर होगा। हमें भरोसा है की ग्राहक भी इसे पसंद करेंगे क्योंकि ये अब समय की जरूरत है। दूसरी ओर मैडिसन पार्क के मैन्यू में हुए बदलावों पर दूसरे बड़े रेस्तरां और फूड स्टेशनों को भी यह आइडिया पसंद आया है। न्यूयॉर्क सिटी के वेज रेस्तरां की संचालिका अमांडा कोहेन कहती हैं हम का निर्णय महत्वपूर्ण है क्योंकि वे पहले से ही संयंत्र आधारित व्यंजनों से नहीं जुड़े थे।उनका कदम हमें भी आगे की राह दिखाता है इलेवन मैडिसन पार्क रेस्तरां दुनिया के 50 बेस्ट रेस्तरां में एक है इसके मल्टी कोर्स मेन्यू की कीमत 25000 रुपए से शुरू होती है मैनहट्टन के अलावा अमेरिका के कई शहरों और दूसरे देशों में भी इसके 40 से ज्यादा आउटलेट्स हैं।अब तक इस रेस्तरां की पहचान मांसाहार के लिए होती थी।
जैनाचार्य विद्या सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनि पुंगव सुधा सागर जी महाराज ने कोरोना वायरस पर मंगल प्रवचन पर कहा यह जो कोरोना का जीव है, विषाणु है। यह एक इंद्रिय जीव है। जैन दर्शन के अनुसार एक इंद्रिय जीव का अर्थ है जो न देख सकता है, न सुन सकता है, न खा-पी सकता है और ना दिखाई देता है। अहिंसा के अवतार विश्व बंदनीय भगवान महावीर ने इन्हीं एक इंद्रिय जीवों की रक्षा के लिये उपदेश दिया था "रात्री भोजन मत करो,एक इंद्रिय जीवों की हिंसा होती है। पानी छानकर पीओ,आलू मत खाओ, जमीकंद मत खाओ, पुराना अचार मत खाओ....आदि!!" तब सारी दुनिया मजाक उड़ाती थी,और कहती थी कहाँ है।हम तो खायेंगे। अब वही एक इंद्रिय जीव वाहर दुनिया में स्वच्छंद घूम रहा है। उस एक इंद्रिय जीव ने हम हबको घरों में कैद कर दिया है। एक इंद्रिय जीव में कितनी शक्ति होती है, उसने दुनिया को बता दिया है। अब बोलो- कहाँ है कोरोना ? कौंन सा कोरोना ? हम नहीं मानते। भगवान महावीर की करुणा, उनका पावन अहिंसा संदेश "जिओ और जीने दो" अगर अब भी समझ में न आये तो फिर कभी नहीं आ सकता।

 

 

 

 

 

 

नोट:-लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं भारतीय जैन मिलन के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष है।

 

 


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