खेलो इंडिया बीच गेम्स ने एक नए युग की शुरुआत की है और पूर्वोत्तर भारत की खेल प्रतिभा को निखारा है – रक्षा निखिल खडसे

नई दिल्ली : शनिवार, मई 24, 2025/ भारत सरकार के युवा मामले और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने पहले खेलो इंडिया बीच गेम्स 2025 की सफल मेज़बानी के लिए दादरा और नगर हवेली एवं दमन और दीव को हार्दिक बधाई दी। ये प्रतियोगिता 19 मई से शुरू हुई थी और शनिवार को आधिकारिक रूप से सम्पन्न हुई। समापन समारोह दीव के ऐतिहासिक आईएनएस खुखरी मेमोरियल पर आयोजित किया गया।

डॉ. मांडविया ने कहा, “दीव हमेशा मेरे दिल के करीब रहा है और मैं इस केंद्र शासित प्रदेश को खेलो इंडिया बीच गेम्स 2025 के सफल आयोजन के लिए दिल से बधाई देता हूं। यह हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि दीव भारत में बीच गेम्स का मुख्य केंद्र बने, और मुझे लगता है कि आयोजकों ने खिलाड़ियों को जो सहयोग, सुविधा और ध्यान दिया है, वह सराहनीय है।”

उन्होंने आगे कहा, “मणिपुर को पहले स्थान पर रहने के लिए विशेष बधाई। उसके बाद महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर और नागालैंड तीसरे स्थान पर रहा। मैं नागालैंड को पहली बार किसी खेलो इंडिया प्रतियोगिता में टॉप-3 में आने के लिए विशेष रूप से बधाई देता हूं। मणिपुर ने विशेष रूप से पेंचक सिलाट में जबरदस्त साहस और कौशल दिखाया है। मैं दादरा और नगर हवेली एवं दमन और दीव (DNHDD) तथा जम्मू-कश्मीर को भी उनकी खेल प्रतिभा को बढ़ावा देने और उत्कृष्टता की संस्कृति को मजबूत करने के लिए बधाई देता हूं।”

खेलो इंडिया बीच गेम्स के इस संस्करण में कुल 811 एथलीटों ने भाग लिया, जो छह पदक खेलों – पेंचक सिलाट, सेपक टकरॉ, बीच सॉकर, बीच वॉलीबॉल, ओपन वॉटर स्विमिंग और कबड्डी में प्रतिस्पर्धा कर रहे थे। मल्लखंभ और रस्साकशी को प्रदर्शन खेलों के रूप में शामिल किया गया था। कुल 46 स्वर्ण पदकों के लिए प्रतिस्पर्धा हुई और पूरे भारत से 31 राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने भाग लिया।

डॉ. मांडविया ने यह भी कहा, “पदक तालिका से परे, यह याद रखना जरूरी है कि खेलों में कोई हारता नहीं है – या तो आप जीतते हैं या सीखते हैं। यह पहली बार था कि बीच गेम्स को खेलो इंडिया के अंतर्गत आयोजित किया गया, और मैं आप सभी का धन्यवाद करता हूं कि आपने स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और राष्ट्रीय गर्व की भावना को मजबूत किया।”

खेल राज्य मंत्री रक्षा निखिल खडसे, जो समापन समारोह की मुख्य अतिथि थीं, ने कहा, “खेलो इंडिया बीच गेम्स ने एक नए युग की शुरुआत की है। हमारे युवाओं ने दिऊ के तटों को अपनी प्रतिभा की चमक से रोशन कर दिया है।”

उन्होंने खेलो इंडिया मिशन के उद्देश्यों को दोहराते हुए कहा, “खेलो इंडिया पहल का उद्देश्य देशभर में जमीनी स्तर पर खेल संस्कृति को मजबूत करना है। खेलो इंडिया बीच गेम्स इस यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हैं। इन खेलों ने कई रोमांचक और कम प्रसिद्ध तटीय और जल क्रीड़ाओं की ओर ध्यान आकर्षित किया है।”

पूर्वोत्तर भारत की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि मणिपुर, नागालैंड और असम जैसे राज्यों ने शानदार प्रदर्शन किया है। “पूर्वोत्तर भारत में खेल प्रतिभा की कोई कमी नहीं है और हमारी सरकार की प्राथमिकता है कि इस प्रतिभा का पूरा उपयोग हो। इन राज्यों का मजबूत प्रदर्शन इस बात का प्रमाण है कि यदि उन्हें उचित अवसर और प्रोत्साहन मिले, तो वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कमाल कर सकते हैं।

 

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