सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहिष्णुता का भारत का सख्त संदेश देंगे

नई दिल्ली : शनिवार, मई 17, 2025/ ऑपरेशन सिंदूर और भारत की सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ जारी लड़ाई के संदर्भ में, सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल इस महीने के अंत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों सहित प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करने जा रहे हैं।

सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भारत की राष्ट्रीय सहमति और मजबूत दृष्टिकोण को प्रदर्शित करेंगे। वे दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ शून्य-सहिष्णु बनाने के देश के मजबूत संदेश को आगे बढ़ाएंगे।

विभिन्न दलों के संसद सदस्य, प्रमुख राजनीतिक हस्तियां और प्रतिष्ठित राजनयिक प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे। निम्नलिखित संसद सदस्य सात प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करेंगे – शशि थरूर, कांग्रेस, रविशंकर प्रसाद, भाजपा, संजय कुमार झा, जदयू, बैजयंत पांडा, भाजपा, कनिमोझी करुणानिधि, डीएमके, सुप्रिया सुले, एनसीपी, श्रीकांत एकनाथ शिंदे, शिव सेना।

इस बीच भारतीय जनता पार्टी के सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की दूरदृष्टि को परिलक्षित करती है। उन्‍होंने कहा कि भारत का यह सामूहिक संकल्‍प दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता प्रदर्शित करता है।

भाजपा सांसद बैजयंत पांडा ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्‍तानी सेना को एक सबक सिखाया गया है और उसने भारत पर आतंकवादी हमले की भारी कीमत चुकाई है। उन्‍होंने कहा कि भारत को जम्‍मू-कश्‍मीर की स्थिति तथा अन्‍य मामले को लेकर वैश्‍विक मंच पर पाकिस्‍तान के दुष्‍प्रचार का सक्रियता से जवाब देने की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने कहा कि यह संदेश न केवल अन्‍य देशों की सरकारों के लिए है बल्कि उनके मीडिया, चिंतकों और जनमत बनाने वालों के लिए भी है।

राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सांसद सुप्रिया सूले ने यह जिम्‍मेदारी स्‍वीकार करते हुए प्रधानमंत्री, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और विदेश मंत्रालय का आभार व्‍यक्‍त किया। एक सोशल मीडिया पोस्‍ट में भारत आतंकवाद के विरूद्ध एक साथ, मजबूती से और पूरे समर्पण के साथ प्रतिबद्ध है। प्रतिनिधिमंडल ने एक सदस्‍य के रूप में शामिल किए जाने पर शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष कर रहा है और इसकी आतंकवाद के विरूद्ध कतई बर्दाश्‍त नहीं की नीति है। उन्‍होंने कहा कि यह दुभाग्‍यपूर्ण है कि कुछ देश आतंकवाद का समर्थन करने वाले देश के साथ खडे हैं।

 

 

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