मध्यप्रदेश का बजट समावेशी विकास और जनकल्याण को मिलेगी तीव्र गति

मध्यप्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तुत ₹4,21,032 करोड़ का बजट प्रदेश के समग्र विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाने वाला एक ऐतिहासिक दस्तावेज है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में यह बजट सर्वसमावेशी, सर्वव्यापक और सर्वस्पर्शी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल प्रदेश की आर्थिक प्रगति को गति देगा, बल्कि गरीब, किसान, महिला, युवा और समाज के वंचित वर्गों के सशक्तिकरण के लिए भी ठोस प्रयासों को रेखांकित करता है।
यूं तो पूरे राज्य के समेकित विकास के लिए इसमें कई प्रावधान किए गए हैं। इस बजट की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि कोई नया कर नहीं लगाया गया है और न ही किसी योजना में कटौती की गई है। यह सरकार की वित्तीय अनुशासन बनाए रखने और प्रदेशवासियों पर अतिरिक्त बोझ डाले बिना विकास को प्राथमिकता देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्पष्ट किया है कि वर्ष 2029-30 तक प्रदेश की जीएसडीपी और बजट के आकार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। वर्ष 2003-04 में मात्र ₹20,000 करोड़ के बजट से शुरुआत करने वाले मध्यप्रदेश का बजट अब 21 गुना बढ़कर ₹4.21 लाख करोड़ तक पहुंच चुका है। यह प्रदेश की तेज विकास यात्रा और इसे देश के अग्रणी राज्यों में स्थापित करने की दिशा में एक सशक्त कदम है।

समाज के हर वर्ग के लिए समर्पित इस बजट में जल जीवन मिशन के तहत ₹17,136 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जिससे प्रत्येक गांव और घर में स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। इससे ग्रामीण महिलाओं और बच्चों को जल संकट से राहत मिलेगी और जलजनित रोगों की रोकथाम में मदद मिलेगी।
वहीं, हमारे अन्नदाता किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने पर भी विशेष बल दिया गया है। इस मद में अटल कृषि ज्योति योजना के लिए ₹13,909 करोड़,  प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना के ₹447 करोड़, मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना हेतु ₹5,220 करोड़, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए ₹2,001 करोड़ आवंटित किया गया है। साथ ही मुख्यमंत्री कृषक उन्नति योजना हेतु ₹850 करोड़ और गौ संवर्धन एवं पशु संवर्धन के लिए ₹505 करोड़ की व्यवस्था की गई है। असल में, ये योजनाएं किसानों की आय बढ़ाने, उन्हें आधुनिक कृषि तकनीकों से जोड़ने और जलवायु अनुकूल खेती को प्रोत्साहित करने में सहायक सिद्ध होंगी।

प्रदेश सरकार महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। पिछले 6 वर्षों में जेंडर बजट दोगुना किया गया है। लाडली बहना योजना के लिए ₹18,669 करोड़ के साथ ही लाडली लक्ष्मी योजना के मद में ₹1,183 करोड़ की व्यवस्था की गई है। इसके साथ मुख्यमंत्री श्रमिक सेवा प्रसूति सहायता में ₹720 करोड़, कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास निर्माण के लिए ₹100 करोड़, मुख्यमंत्री समग्र परिवार समृद्धि योजना के लिए ₹125 करोड़ रखा गया है। इसके साथ ही राज्य सरकार की ओर से  युवाओं के लिए शिक्षा और रोजगार के अवसर व्यापक व्यवस्था करते हुए मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना के मद में ₹500 करोड़, मुख्यमंत्री कौशल अप्रेंटिसशिप योजना के लिए ₹150 करोड़, आईटी पार्क स्थापना हेतु ₹129 करोड़, एमएसएमई प्रोत्साहन योजना के लिए ₹1,250 करोड़ और व्यावसायिक प्रशिक्षण सुदृढ़ीकरण को ₹902 करोड़ दिए जाने की बात कही गई है।

राज्य सरकार की ओर से मध्य प्रदेश में उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए तकनीकी संस्थानों, पॉलीटेक्निक कॉलेजों और खेल अकादमियों के लिए भी बड़े प्रावधान किए गए हैं। बुनियादी ढांचे और परिवहन में ऐतिहासिक निवेश के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। मेट्रो रेल परियोजना – ₹850 करोड़, सिंहस्थ 2028 की तैयारी के लिए ₹2,005 करोड़, सीएम राइज स्कूल योजना – ₹4,686 करोड़, मजरा-टोला सड़क योजना हेतु ₹100 करोड़ के साथ ही मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा के मद में ₹80 करोड़ देने की बात है।

किसी भी समाज के सर्वांगीण विकास के लिए जरूरी है कि आधारभूत संरचनाओं के विकास के साथ ही धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण भी आवश्यक है। मध्य प्रदेश सरकर ने इस ओर भी ध्यान दिया है। श्रीकृष्ण पाथेय के लिए ₹10 करोड़, गीता भवन निर्माण हेतु ₹100 करोड़, वृंदावन ग्राम योजना के लिए ₹100 करोड़, वेदांत पीठ स्थापना के लिए भी ₹500 करोड़ की व्यवस्था की गई है।

गरीबों और वंचितों के लिए कल्याणकारी योजनाएं भी सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। इस बजट में अटल गृह ज्योति योजना के मद में ₹7,132 करोड़, प्रधानमंत्री जन आरोग्य (आयुष्मान भारत) हेतु ₹1,277 करोड़, प्रधानमंत्री जनमन योजना (आवास योजना) के लिए  ₹1,100 करोड़ और मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना के लिए भी ₹700 करोड़ की व्यवस्था बनाई गई है।

मध्यप्रदेश सरकार का यह बजट राज्य के तेज विकास, सामाजिक न्याय और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। यह बजट न केवल आर्थिक सुधारों को गति देगा बल्कि हर वर्ग के कल्याण को सुनिश्चित करेगा।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने एक दूरदर्शी और सर्वसमावेशी बजट प्रस्तुत किया है। मैं प्रदेशवासियों को इस ऐतिहासिक बजट के लिए बधाई देती हूं। यह केवल आंकड़ों का दस्तावेज नहीं, बल्कि हर नागरिक के जीवन में खुशहाली और समृद्धि लाने का संकल्प है।

 

संपतिया उइके

(लेखिका मध्यप्रदेश शासन की लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री है)